20 ફેબ્રુ, 2022

पद्मपुराण में एक कथा :अतिसुन्दर हंस

*‼पद्मपुराण में एक कथा है-‼*
〰〰❤〰〰❣〰〰
*एक बार एक शिकारी शिकार करने गया,शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया। पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहाँ-वहाँ हिलने के कारण।*
*वहीं से एक अतिसुन्दर हंस उड़कर जा रहा था, उस हंस ने देखा की वह व्यक्ति बेचारा परेशान हो रहा हैं, धूप उसके मुँह पर आ रही हैं तो ठीक से सो नहीं पा रहा हैं, तो वह हंस पेड़ की डाली पर अपने पंख खोल कर बैठ गया ताकि उसकी छाँव में वह शिकारी आराम से सोयें। जब वह सो रहा था तभी एक कौआ आकर उसी डाली पर बैठा, इधर-उधर देखा और बिना कुछ सोचे-समझे शिकारी के ऊपर अपना मल विसर्जन कर वहाँ से उड़ गया। तभी शिकारी उठ गया और गुस्से से यहाँ-वहाँ देखने लगा और उसकी नज़र हंस पर पड़ी और उसने तुरंत धनुष बाण निकाला और उस हंस को मार दिया। हंस नीचे गिरा और मरते-मरते हंस ने कहा:- मैं तो आपकी सेवा कर रहा था, मैं तो आपको छाँव दे रहा था, आपने मुझे ही मार दिया? इसमें मेरा क्या दोष? उस समय उस पद्मपुराण के शिकारी ने कहा: यद्यपि आपका जन्म उच्च परिवार में हुआ, आपकी सोच आपके तन की तरह ही सुंदर हैं,* *आपके संस्कार शुद्ध हैं, यहाँ तक की आप अच्छे इरादे से मेरे लिए पेड़ की डाली पर बैठ मेरी सेवा कर रहे थे, लेकिन आपसे एक गलती हो गयी, की जब आपके पास कौआ आकर बैठा तो आपको उसी समय उड़ जाना चाहिए था। उस दुष्ट कौए के साथ एक घड़ी की संगत ने ही आपको मृत्यु के द्वार पर पहुंचाया हैं।*

*शिक्षा: संसार में संगति का सदैव ध्यान रखना चाहिये। जो मन, कार्य और बुद्धि से परमहंस हैं उन्हें कौओं से दूरी बनायें रखना चाहिये।*

🙏🙏

*जो प्राप्त है-पर्याप्त है*
*जिसका मन मस्त है*
*उसके पास समस्त है!!*

सम्राट पं० पुष्यमित्र शुंग

*प्रशासक समिति ✊🚩*
(पूर्णिमा/०४)

*👉जिसके सिर पर तिलक ना दिखे उसका सर धड़ से अलग कर दो  - सम्राट  पं० पुष्यमित्र शुंग* 

👉यह बात आज से लगभग 2100 वर्ष पहले की है । एक किसान ब्राह्मण के घर एक पुत्र ने जन्म लिया , जिसका नाम रखा गया पुष्यमित्र था अर्थात पुष्यमित्र शुंग ....... और वह बना एक महान हिंदू सम्राट जिसने भारत देश को बौद्ध देश बनने से बचाया ।

*👉अगर पुष्यमित्र शुंग जैसा कोई राजा कंबोडिया मलेशिया या इंडोनेशिया में जन्म लेता तो आज भी यह देश हिंदू देश होते ।*

👉जब सिकंदर राजा पोरस से मार खाकर अपना विश्व विजय का सपना तोड़ कर उत्तर भारत से शर्मिंदा होकर मगध की ओर गया था तो उसके साथ आए हुए बहुत से यवन वहां बस गए थे  ।

👉सम्राट अशोक के बौद्ध धर्म अपना लेने से उनके बाद उनके वंशजों ने भारत में बौद्ध धर्म लागू करवा दिया ।

👉ब्राह्मणों के द्वारा इस नीति का विरोध होने पर उनका सबसे अधिक कत्लेआम हुआ , लाखों ब्राह्मणों की हत्याएं हुईं , हजारों मंदिर गिरा दिए गए , इसी समय पुष्यमित्र के माता-पिता को धर्म परिवर्तन के लिए कहा गया , जब उन्होंने मना कर दिया तो  छोटे से बालक पुष्यमित्र के सामने ही उसके माता-पिता को काट दिया गया  ।

👉बालक चिल्लाता रहा मेरे माता पिता को छोड़ दो पर किसी ने नहीं सुनी माता-पिता को मरा देखकर पुष्यमित्र की आंखों में रक्त उतर आया उसे गांव वालों की संवेदना से नफरत हो गई और उसने प्रतिज्ञा ली कि वह इसका बदला बौद्धों से एक दिन जरूर देगा और जंगल की ओर भाग गया ।

👉ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने के कारण योग की सूक्ष्म क्रियाओं का ज्ञान पुष्यमित्र को था अतः उसने महान योग क्रियाओं के द्वारा अपने शरीर को अत्यधिक बलवान बना लिया , वह जंगल में रहता था निरंतर योग एवं शस्त्र विद्या का अभ्यास करता था ।

👉एक दिन बौद्ध राजा बृहद्रथ मौर्य वन में घूम रहा था अचानक वहां उसके सामने एक सिंह आ गया , सिंह सम्राट की ओर झपटा ही था तभी अचानक एक लंबा चौड़ा बलशाली भीमसेन जैसा बलवान युवक  शेर  के सामने आ गया और उसने अपनी मजबूत भुजाओ से उस शेर के जबड़े को पकड़कर , उसके दो टुकड़े कर बीच से चीर दिया और सम्राट से कहा कि आप अब सुरक्षित हो ।

*सम्राट ने पूछा - " कौन हो तुम "युवक - " ब्राह्मण हूं महाराज "*

*उसका पराक्रम देखकर सम्राट ने कहा - " सेनापति बनोगे "*

👉युवक  आकाश की ओर देखकर रक्त से अपना तिलक कर  बोला - "मातृभूमि को जीवन समर्पित है "

👉उसी वक्त सम्राट ने उसे मगध का उप सेनापति घोषित कर दिया जल्दी ही अपने शौर्य और पराक्रम के बल पर वह प्रधान सेनापति बन गया ।

 *✊शांति का पाठ अधिक पढने के कारण मगध साम्राज्य कायर हो चुका था* लेकिन पुष्यमित्र के अंदर ज्वाला अभी भी जल रही थी वह रक्त से स्नान करने और तलवार से बात करने में विश्वास रखता था ।

✊पुष्यमित्र एक निष्ठावान हिंदू था और भारत को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाना उसका स्वप्न था ।

👉आखिर वह दिन भी आ गया ,  यवनों की लाखों की फौज ने मगध पर आक्रमण कर दिया ।
पुष्यमित्र समझ गया कि अब मगध विदेशी गुलाम बनने जा रहा है , जब उसने यह बात सम्राट बृहद्रथ को बताई तो सम्राट बृहद्रथ युद्ध कर मगध रक्षा करने के पक्ष में नहीं  था , उसका कहना था की युद्ध से रक्तपात होता है और हमें शांति चाहिए युद्ध नहीं ।

👉मगध के नागरिकों में यवनों का भय व्याप्त होने लगा क्योंकि युद्ध के बाद यवन लूटपाट और हत्याएं तथा स्त्रियों का हरण करते थे  ।


✊पुष्यमित्र ने बिना सम्राट की आज्ञा लिए सेना को युद्ध के लिए तैयारी करने का आदेश दे दिया उसने कहा कि"  इससे पहले के दुश्मन के पैर हमारी मातृभूमि पर पड़े हम उसका शीश उड़ा देंगे "

👉यह नीति तत्कालीन मौर्य साम्राज्य के बौद्ध धार्मिक विचारों के विरुद्ध थी , सम्राट बृहद्रथ पुष्यमित्र के पास गया और गुस्से से बोला  " यह किसके आदेश से तुम सेना को युद्ध के लिए तैयार कर रहे हो " 

✊पुष्यमित्र ने कहा - " मातृभूमि की रक्षा के लिए मुझे  किसी की आज्ञा की आवश्यकता नहीं है और ब्राह्मण किसी की आज्ञा नहीं  लेता है  "  यह कहकर पुष्यमित्र ने सम्राट का सर तलवार के एक ही प्रहार से धड़ से अलग कर दिया ।

✊लाल आंखों वाले पुष्यमित्र ने सम्राट के रक्त से अपना तिलक किया और
पुष्यमित्र ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा  - " ना बृहद्रथ महत्वपूर्ण है , ना पुष्यमित्र , महत्वपूर्ण है तो हमारी मातृभूमि , क्या तुम मातृभूमि के लिए रक्त बहाने को तैयार हो पुष्यमित्र की शेर जैसी गरज की आवाज से सेना जोश में आ गई और सभी  सैनिक आगे बढ़कर बोले  - 
"हां सम्राट पुष्यमित्र हम तैयार हैं"

✊पुष्यमित्र ने कहा - " आज मैं सेनापति ही हूं " चलो काट दो यवनों को जो मगध पर अपनी विजय पताका फहराने का स्वप्न पाले हुए हैं और युद्ध में गाजर मूली की तरह ही यवनों को काट दिया गया ।

 ✊एक सेना जो कल तक दबी हुई , डरी हुई रहती थी आज युद्ध में हर हर महादेव और जय महाकाल के नारों से दुश्मन को थर्रा रही थी ।

*यवनों ने मगध तो छोड़ दिया और अपना राज्य भी खो दिया ।*

*इसके बाद पुष्यमित्र का राज्याभिषेक हुआ ।*

 👉सम्राट बनने के बाद पुष्यमित्र ने घोषणा की कि - " *अब मगध में कोई बौद्ध धर्म नहीं मांनेगा , हिंदू सनातन धर्म ही राजधर्म है ,  और जिसके माथे पर तिलक ना दिखे वह सर धड़ से अलग कर दिया जाएगा "*


👉उसके बाद पुष्यमित्र ने वो किया जो आज तक नहीं हुआ , जिससे आज भारत कंबोडिया नहीं है । 


👉हजारों की संख्या में बौद्ध मंदिर जो कि हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर कर बनाए गए थे उन्हें ध्वस्त करा दिया गया बौद्ध मठों को तबाह कर दिया गया चाणक्य काल की वापसी की घोषणा हुई और तक्षशिला विश्वविद्यालय का सनातन शौर्य फिर से स्थापित हुआ , और जो लोग अपने सनातन धर्म को त्याग कर बौद्ध बन गए थे उन्होंने पुनः सनातन धर्म में वापसी की और जिन लोगों ने सनातन धर्म का विरोध किया उनकी लाखों की संख्या में पुष्यमित्र ने हत्या करा दी ।

✊पुष्यमित्र शुंग के पुत्र सम्राट अग्निमित्र शुंग ने अपना साम्राज्य तिब्बत तक फैला लिया और तिब्बत भारत का अंग बन गया वह बौद्धों को दौड़ता  हुआ चीन तक ले गया वहां चीन के सम्राट ने अपनी बेटी की शादी अग्निमित्र से करके संधि स्थापित की , और  इनके वंशज आज भी चीन में शुंग उपनाम नाम ही लिखते हैं ।


👉पंजाब -  अफगानिस्तान - सिंध की शाही ब्राह्मण वंशावली के बाद शुंग वंश सबसे बेहतरीन सनातन साम्राज्य था शायद पेशवा से भी महान , जिसने सनातन धर्म को पुनः स्थापित करने का महान कार्य किया ।


हमें गर्व करना चाहिए अपने पूर्वजों पर जिन्होंने अपने बलिदान से हमें आज सर उठा कर जीने का अधिकार दिलाया ।

*और आग लगा देनी  चाहिए इस फिल्म इंडस्ट्री को जो ब्राह्मण को कमजोर और भ्रष्ट बताती है ।*

*🚩हिंदू चाहे किसी भी वर्ण का हो उसे सदैव गलत और पूरे विश्व में आतंकवाद फैलाने वाले इस्लामिक आतंकवादियों को श्रेष्ठ बताती है ।*

*पुष्यमित्र जैसा सनातन धर्म का रक्षक आज तक कोई नहीं हुआ वह जानता था कि बिना शास्त्र और शस्त्र के धर्म की रक्षा नहीं हो सकती ।*

*आवश्यकता है अपने बच्चों को सही इतिहास बताने की ।*

*साभार*
रोहताश सिंह चौहान, इतिहासकार

*हिन्दू राष्ट्र भारत🚩*
     🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️

हिन्दू राष्ट्र भारत

*प्रशासक समिति ✊🚩*
(पूर्णिमा/०४)

*👉जिसके सिर पर तिलक ना दिखे उसका सर धड़ से अलग कर दो - सम्राट पं० पुष्यमित्र शुंग* 

👉यह बात आज से लगभग 2100 वर्ष पहले की है । एक किसान ब्राह्मण के घर एक पुत्र ने जन्म लिया , जिसका नाम रखा गया पुष्यमित्र था अर्थात पुष्यमित्र शुंग ....... और वह बना एक महान हिंदू सम्राट जिसने भारत देश को बौद्ध देश बनने से बचाया ।

*👉अगर पुष्यमित्र शुंग जैसा कोई राजा कंबोडिया मलेशिया या इंडोनेशिया में जन्म लेता तो आज भी यह देश हिंदू देश होते ।*

👉जब सिकंदर राजा पोरस से मार खाकर अपना विश्व विजय का सपना तोड़ कर उत्तर भारत से शर्मिंदा होकर मगध की ओर गया था तो उसके साथ आए हुए बहुत से यवन वहां बस गए थे ।

👉सम्राट अशोक के बौद्ध धर्म अपना लेने से उनके बाद उनके वंशजों ने भारत में बौद्ध धर्म लागू करवा दिया ।

👉ब्राह्मणों के द्वारा इस नीति का विरोध होने पर उनका सबसे अधिक कत्लेआम हुआ , लाखों ब्राह्मणों की हत्याएं हुईं , हजारों मंदिर गिरा दिए गए , इसी समय पुष्यमित्र के माता-पिता को धर्म परिवर्तन के लिए कहा गया , जब उन्होंने मना कर दिया तो छोटे से बालक पुष्यमित्र के सामने ही उसके माता-पिता को काट दिया गया ।

👉बालक चिल्लाता रहा मेरे माता पिता को छोड़ दो पर किसी ने नहीं सुनी माता-पिता को मरा देखकर पुष्यमित्र की आंखों में रक्त उतर आया उसे गांव वालों की संवेदना से नफरत हो गई और उसने प्रतिज्ञा ली कि वह इसका बदला बौद्धों से एक दिन जरूर देगा और जंगल की ओर भाग गया ।

👉ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने के कारण योग की सूक्ष्म क्रियाओं का ज्ञान पुष्यमित्र को था अतः उसने महान योग क्रियाओं के द्वारा अपने शरीर को अत्यधिक बलवान बना लिया , वह जंगल में रहता था निरंतर योग एवं शस्त्र विद्या का अभ्यास करता था ।

👉एक दिन बौद्ध राजा बृहद्रथ मौर्य वन में घूम रहा था अचानक वहां उसके सामने एक सिंह आ गया , सिंह सम्राट की ओर झपटा ही था तभी अचानक एक लंबा चौड़ा बलशाली भीमसेन जैसा बलवान युवक शेर के सामने आ गया और उसने अपनी मजबूत भुजाओ से उस शेर के जबड़े को पकड़कर , उसके दो टुकड़े कर बीच से चीर दिया और सम्राट से कहा कि आप अब सुरक्षित हो ।

*सम्राट ने पूछा - " कौन हो तुम "युवक - " ब्राह्मण हूं महाराज "*

*उसका पराक्रम देखकर सम्राट ने कहा - " सेनापति बनोगे "*

👉युवक आकाश की ओर देखकर रक्त से अपना तिलक कर बोला - "मातृभूमि को जीवन समर्पित है "

👉उसी वक्त सम्राट ने उसे मगध का उप सेनापति घोषित कर दिया जल्दी ही अपने शौर्य और पराक्रम के बल पर वह प्रधान सेनापति बन गया ।

 *✊शांति का पाठ अधिक पढने के कारण मगध साम्राज्य कायर हो चुका था* लेकिन पुष्यमित्र के अंदर ज्वाला अभी भी जल रही थी वह रक्त से स्नान करने और तलवार से बात करने में विश्वास रखता था ।

✊पुष्यमित्र एक निष्ठावान हिंदू था और भारत को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाना उसका स्वप्न था ।

👉आखिर वह दिन भी आ गया , यवनों की लाखों की फौज ने मगध पर आक्रमण कर दिया ।
पुष्यमित्र समझ गया कि अब मगध विदेशी गुलाम बनने जा रहा है , जब उसने यह बात सम्राट बृहद्रथ को बताई तो सम्राट बृहद्रथ युद्ध कर मगध रक्षा करने के पक्ष में नहीं था , उसका कहना था की युद्ध से रक्तपात होता है और हमें शांति चाहिए युद्ध नहीं ।

👉मगध के नागरिकों में यवनों का भय व्याप्त होने लगा क्योंकि युद्ध के बाद यवन लूटपाट और हत्याएं तथा स्त्रियों का हरण करते थे ।


✊पुष्यमित्र ने बिना सम्राट की आज्ञा लिए सेना को युद्ध के लिए तैयारी करने का आदेश दे दिया उसने कहा कि" इससे पहले के दुश्मन के पैर हमारी मातृभूमि पर पड़े हम उसका शीश उड़ा देंगे "

👉यह नीति तत्कालीन मौर्य साम्राज्य के बौद्ध धार्मिक विचारों के विरुद्ध थी , सम्राट बृहद्रथ पुष्यमित्र के पास गया और गुस्से से बोला " यह किसके आदेश से तुम सेना को युद्ध के लिए तैयार कर रहे हो " 

✊पुष्यमित्र ने कहा - " मातृभूमि की रक्षा के लिए मुझे किसी की आज्ञा की आवश्यकता नहीं है और ब्राह्मण किसी की आज्ञा नहीं लेता है " यह कहकर पुष्यमित्र ने सम्राट का सर तलवार के एक ही प्रहार से धड़ से अलग कर दिया ।

✊लाल आंखों वाले पुष्यमित्र ने सम्राट के रक्त से अपना तिलक किया और
पुष्यमित्र ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा - " ना बृहद्रथ महत्वपूर्ण है , ना पुष्यमित्र , महत्वपूर्ण है तो हमारी मातृभूमि , क्या तुम मातृभूमि के लिए रक्त बहाने को तैयार हो पुष्यमित्र की शेर जैसी गरज की आवाज से सेना जोश में आ गई और सभी सैनिक आगे बढ़कर बोले - 
"हां सम्राट पुष्यमित्र हम तैयार हैं"

✊पुष्यमित्र ने कहा - " आज मैं सेनापति ही हूं " चलो काट दो यवनों को जो मगध पर अपनी विजय पताका फहराने का स्वप्न पाले हुए हैं और युद्ध में गाजर मूली की तरह ही यवनों को काट दिया गया ।

 ✊एक सेना जो कल तक दबी हुई , डरी हुई रहती थी आज युद्ध में हर हर महादेव और जय महाकाल के नारों से दुश्मन को थर्रा रही थी ।

*यवनों ने मगध तो छोड़ दिया और अपना राज्य भी खो दिया ।*

*इसके बाद पुष्यमित्र का राज्याभिषेक हुआ ।*

 👉सम्राट बनने के बाद पुष्यमित्र ने घोषणा की कि - " *अब मगध में कोई बौद्ध धर्म नहीं मांनेगा , हिंदू सनातन धर्म ही राजधर्म है , और जिसके माथे पर तिलक ना दिखे वह सर धड़ से अलग कर दिया जाएगा "*


👉उसके बाद पुष्यमित्र ने वो किया जो आज तक नहीं हुआ , जिससे आज भारत कंबोडिया नहीं है । 


👉हजारों की संख्या में बौद्ध मंदिर जो कि हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर कर बनाए गए थे उन्हें ध्वस्त करा दिया गया बौद्ध मठों को तबाह कर दिया गया चाणक्य काल की वापसी की घोषणा हुई और तक्षशिला विश्वविद्यालय का सनातन शौर्य फिर से स्थापित हुआ , और जो लोग अपने सनातन धर्म को त्याग कर बौद्ध बन गए थे उन्होंने पुनः सनातन धर्म में वापसी की और जिन लोगों ने सनातन धर्म का विरोध किया उनकी लाखों की संख्या में पुष्यमित्र ने हत्या करा दी ।

✊पुष्यमित्र शुंग के पुत्र सम्राट अग्निमित्र शुंग ने अपना साम्राज्य तिब्बत तक फैला लिया और तिब्बत भारत का अंग बन गया वह बौद्धों को दौड़ता हुआ चीन तक ले गया वहां चीन के सम्राट ने अपनी बेटी की शादी अग्निमित्र से करके संधि स्थापित की , और इनके वंशज आज भी चीन में शुंग उपनाम नाम ही लिखते हैं ।


👉पंजाब - अफगानिस्तान - सिंध की शाही ब्राह्मण वंशावली के बाद शुंग वंश सबसे बेहतरीन सनातन साम्राज्य था शायद पेशवा से भी महान , जिसने सनातन धर्म को पुनः स्थापित करने का महान कार्य किया ।


हमें गर्व करना चाहिए अपने पूर्वजों पर जिन्होंने अपने बलिदान से हमें आज सर उठा कर जीने का अधिकार दिलाया ।

*और आग लगा देनी चाहिए इस फिल्म इंडस्ट्री को जो ब्राह्मण को कमजोर और भ्रष्ट बताती है ।*

*🚩हिंदू चाहे किसी भी वर्ण का हो उसे सदैव गलत और पूरे विश्व में आतंकवाद फैलाने वाले इस्लामिक आतंकवादियों को श्रेष्ठ बताती है ।*

*पुष्यमित्र जैसा सनातन धर्म का रक्षक आज तक कोई नहीं हुआ वह जानता था कि बिना शास्त्र और शस्त्र के धर्म की रक्षा नहीं हो सकती ।*

*आवश्यकता है अपने बच्चों को सही इतिहास बताने की ।*

*साभार*
रोहताश सिंह चौहान, इतिहासकार

*हिन्दू राष्ट्र भारत🚩*
     🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️

18 ફેબ્રુ, 2022

પ્રાચીન ભારતીય આરોગ્ય ટિપ્સ

પ્રાચીન ભારતીય આરોગ્ય ટિપ્સ

 1. अजीर्ने भोजनं विषम्।
 જો અગાઉ લીધેલું બપોરનું ભોજન પચતું નથી..રાત્રિનું ભોજન લેવું એ ઝેર લેવા સમાન ગણાશે. ભૂખ એ એક સંકેત છે કે અગાઉનો ખોરાક પચી ગયો છે

 2. अर्धरोगहारी निद्रा ।
 યોગ્ય ઊંઘ અડધા રોગોને મટાડે છે.

 3. मूढ़गढ़ाली गढ़व्याली.
 તમામ કઠોળમાંથી લીલા ચણા શ્રેષ્ઠ છે. તે રોગપ્રતિકારક શક્તિ વધારે છે. અન્ય કઠોળમાં એક અથવા બીજી આડઅસર હોય છે.

 4. बागनास्थी संधानकारो रसोनहा।
 આદુ તૂટેલા હાડકાને પણ જોડે છે.

 5. अति सर्वत्र वर्जयेत।
 વધુ પડતી કોઈપણ વસ્તુ ખાવામાં આવે છે, કારણ કે તેનો સ્વાદ સારો છે, તે સ્વાસ્થ્ય માટે સારું નથી. મધ્યમ બનો.

 6. नास्तिमूलम अनौषधाम.
 એવી કોઈ શાકભાજી નથી કે જેનાથી શરીરને કોઈ ઔષધીય લાભ ન ​​હોય..

 7. नां वैध्यः प्रभुरायुशाह ।
 કોઈ ડૉક્ટર આપણા આયુષ્યનો ભગવાન નથી. ડૉક્ટરોની મર્યાદાઓ હોય છે.

 8. ચિંતા व्याधि प्रकाश्य।
 ચિંતા સ્વાસ્થ્ય ખરાબ કરે છે..

 9. व्यायाम सनैही सनैही.
 કોઈપણ કસરત ધીમે ધીમે કરો. ઝડપી કસરત સારી નથી.

 10. अजावथ चर्वनाम कुरात।
 તમારા ખોરાકને બકરીની જેમ ચાવો..ઉતાવળમાં ક્યારેય ખોરાક ગળી જશો નહીં..
 લાળ પ્રથમ પાચનમાં મદદ કરે છે.

 11. स्नानमनाम मानहप्रसाधनकरम धुस्वप्न विद्वसनम।
 સ્નાન ડિપ્રેશન દૂર કરે છે. તે ખરાબ સપનાને દૂર કરે છે..

 12. ना स्नानम आचारेठ भुक्थवा।
 ફૂડ પાચન પ્રભાવિત થાય છે તે પછી તરત જ ક્યારેય સ્નાન ન કરો

 13. नास्थि मेघासमाम थोयम।
 શુદ્ધતામાં વરસાદના પાણી સાથે કોઈ પાણી મેળ ખાતું નથી..

 14. અજીર્ને भेषजमवारी।
 સાદું પાણી લેવાથી અપચો દૂર થાય છે.

 15. सर्वत्र नूथनाम व्यवस्था सेवकाने पुर्रथनम।
 હંમેશા તાજી વસ્તુઓ પસંદ કરો..
 જૂના ચોખા અને જૂના નોકરને નવા સાથે બદલવાની જરૂર છે. (અહીં ખરેખર નોકરના સંદર્ભમાં તેનો અર્થ શું છે: તેની ફરજો બદલો અને સમાપ્ત ન કરો.)

 16. नित्यम् सर्वा रासभ्याश।
 સંપૂર્ણ ખોરાક લો જેમાં તમામ સ્વાદ હોય જેમ કે: મીઠું, મીઠો, કડવો, ખાટો, તીખો અને તીખો).

 17. જટારામ પુરાયેધરधाम अन्नाहि।
 તમારા પેટમાં અડધો ભાગ ઘન પદાર્થોથી ભરો, ચોથા ભાગ પાણીથી ભરો અને બાકીના પેટને ખાલી રાખો.

 18. भुक्थवोपा विस्थास्थेंद्र।
 ખોરાક લીધા પછી ક્યારેય નિષ્ક્રિય ન બેસો. ઓછામાં ઓછા અડધો કલાક ચાલો.

 19. क्षुथ साधुथाम જનયથિ.
 ભૂખથી ભોજનનો સ્વાદ વધે છે..
 બીજા શબ્દોમાં કહીએ તો ભૂખ લાગે ત્યારે જ ખાઓ..

 20. ચિંતા जर्रानाम मनुष्यम।
 ચિંતા વૃદ્ધાવસ્થાને વેગ આપે છે..

 21. साथम विहया भोक्ताव्यम।
 જ્યારે ખાવાનો સમય હોય, ત્યારે 100 નોકરીઓ પણ બાજુ પર રાખો.

 22. सर्व धर्मेशु मध्याम।
 હંમેશા મધ્યમ માર્ગ પસંદ કરો. કોઈપણ બાબતમાં ચરમસીમા પર જવાનું ટાળો.

 સ્વસ્થ જીવન જીવો: તે વાસ્તવિક સંપત્તિ છે.

15 ફેબ્રુ, 2022

पक्षियों से कुछ सीखें

,*🦚आओ पक्षियों से कुछ सीखें🦚*

१. रात को कुछ नहीं खाते।🦜
२. रात को घूमते नहीं।🦜
३. अपने बच्चे को सही समय पर सिखाते हैं।🦜
४. ठूस ठूस के कभी नहीं खाते। आप ने कितने भी दाने डाले हों, थोड़ा खा के उड़ जायेंगे। साथ कुछ नहीं ले जाते।🦜
५. रात होते ही सो जायेंगे, सुबह जल्दी जाग जायेंगे, गाते चहकते उठेंगे।🦜
६. अपना आहार कभी नहीं बदलते।🦜
७. स्वयम्वर से जीवनसाथी चुनेंगे।🦜
८. अपने शरीर से सतत् काम लेते हैं। रात के सिवा आराम नहीं करते।🦜
९. बीमारी आई तो खाना छोड़ देंगे, तभी खायेंगे जब ठीक होंगे।🦜
१०. अपने बच्चे को भरपूर प्यार देंगे।🦜
११. परिश्रम करने से हृदय, किडनी, लिवर के रोग नहीं होते।🦜
१२. प्रकृति से उतना ही लेते हैं जितनी जरूरत है।🦜
१३. अपना घर पर्यावरण अनुकूल बनाते हैं।🦜
१४. अपनी भाषा छोड़कर दूसरों की बोली नहीं बोलते।🦜

बहुत ही शिक्षाप्रद है ! हम भी इनसे कुछ सीखें तो जीवन सरल, सुंदर व सफल हो जाए !

14 ફેબ્રુ, 2022

સમાજ સેવા એટલે શું

*સમાજ સેવા એટલે શું ?*
સમાજ એટલે એક પરિવાર જ્યાં સંબંધોના મૂલ્ય જળવાય છે અને સબંધોની માવજત થાય છે 

આપણે જે સમાજમાં જન્મ લીધો છે એનું આપણા પર ઋણ છે એના વિકાસ માટે આપણે દરેકે યથાયોગ્ય યોગદાન આપવું જ જોઈએ અને સમાજવાદની વિચારધારાને સમર્થન આપવું જ જોઈએ 

સમાજનાં ચાર પાયાની જાળવણી સમાજને મજબૂત બનાવે છે 
સમાજનાં ચાર પાયામાં સંસ્કાર,સસ્કૃતિ, એકતા અને સતકર્મ સમાજનાં દરેક લોકો આનું ધ્યાન રાખે તો સમાજનો વિકાસ ચોક્કસ થાય
*સંસ્કાર એ સમાજનો પહેલો પાયો છે*
આપણા દીકરા દીકરીને આપણા જ્ઞાતિનાં સંસ્કાર આપી અને એક સુંદર પરિવાર બનાવી શકાય છે એક સફળ વ્યક્તિ બનાવી શકાય છે,આપણે આપણા સમાજનાં સારા વ્યક્તિનાં વ્યક્તિવની ચર્ચા આપણા દીકરા દીકરીની સાથે કરવી જોઈએ જેથી તેમનાં કોમળ મન ઉપર સારા વિચારોનાં અંકુર ફૂટે. 

*સમાજનો બીજો પાયો છે તેની સંસ્કૃતિ.*
સમાજનાં સિદ્ધાંતો, યોગ્ય રિવાજો,પરંપરાને સાચવી તેનું આવનાર પેઢીમાં ઉતારવું એ સંસ્કૃતિ છે. 
આપણા જ બાળકની સામે સમાજનાં માણસોની ખરાબ વાત કરશો તો બાળકને સમાજ પ્રત્યે પ્રેમ નહિ ઘૃણા ઉપજશે,અને પછી એ જ્ઞાતિ બહાર લગ્ન કરવાનું મન બનાવી લેશે.
આપણા સમાજમાં આપણા બાળકો આપણું ભવિષ્ય છે એને આપણા સમાજની હારે જકડી રાખવાનું નહિ પણ દૂધમાં સાકર ભળે એમ ભળી જવાનું શીખડાવવું જોઇયે
પહેરવેશથી લઈને રહેણી કહેણી પણ અતિશય મોર્ડન થતા જાય છે. મોર્ડન થવામાં વાંધો નથી પણ આપણે આપણી સંસ્કૃતિ ભૂલવી ના જોઈએ. 

*સમાજનો ત્રીજો પાયો એકતા* 
આ ખૂબ જ અગત્યનો પાયો છે સમાજમાં અંદરોઅંદર એકતા હોવી ખૂબ જ જરૂરી છે એક બીજાનાં વિરોધી થવા કરતા સહયોગી થશો તો સમાજનો વિકાસ થશે અંગત મતભેદ આંતરિક દ્વેષમાં સમાજની એકતા ક્યારેય તૂટવીનાં જોઈએ તોજ એ સમાજ વિકાસ તરફ હરણફાળ ભરી શકે છે , 
બાકી અંદરો અંદર વિચારધારાથી પીડાતા વ્યક્તિઓનો બનેલ સમાજ એ સમાજનાં ભાગલા પાડી સમાજને દયનિય પરિસ્થિતિમાં મૂકી અને તે સમાજનાં વિકાસ પર કદાચ પૂર્ણવિરામ પણ મૂકી શકે છે. 

*સમાજનો ચોથો પાયો છે સતકર્મ*
આપણને જે સમાજ તરફથી મળે છે એનો ઋણ ઉતારવા આપણે સમાજનું હિત ઈચ્છવું જોઈએ સમાજને ઉપયોગી થવું જોઈએ સમાજ દાતાશ્રીઓ તરફથી આવતી ભેટનો સદુપયોગ કરવો અને પારદર્શક વ્યવહાર રાખવો જોઈએ
*સમાજની કોઈ એક સંસ્થા ચાલતી હોઈ તો બીજી ના થવી જોઈએ સંસ્થાનાં વિરોધી થવા કરતા સહયોગી થવું જોઈએ* 

કોઈ એક ઊંચા આસન પર બેસવાથી કંઈ ગૌરવ વધતું નથી. ગૌરવ ગુણોને કારણે આવે છે, *કાગડો રાજમહેલનાં શિખર પર બેઠો હોય તો તેથી તે ગરુડ કહેવાય નહીં*
પારકા માટે પગથિયું ન બની શકો તો કંઇ નહિ , પણ ચાલનારનાં માર્ગમાં ખાડારૂપ તો ન જ બનશો
*કટાક્ષ બોલતા અને કટાક્ષ લખતા બધાને આવડતું હોય છે પણ સમાજને નુકશાનનાં પહોંચે એટલે સમજુ માણસો મૌન થઈ જતા હોય છે એનો મતલબ એ નથી કે એ કાયર છે પણ સમાજ પ્રત્યે એમની લાગણી એમને મૌન બનાવે છે* 

બાકી જેમને પૂરા જ કાઢવા છે એ લોકો તો દૂધમાંથી પણ કાઢવાનાં છે 

સ -- સમજદારી પૂર્વકના સંબંધની
મા -- માવજત અને
જ -- જતન. 

બસ, આ જ સમાજ છે. 

છેલ્લે બે વાત કહેવા માગું છું 

૧- સૃષ્ટિને બદલી ના શકાય પણ દ્રષ્ટિ બદલો તો સૃષ્ટિ બદલાય જશે
૨-કોઈને નડવું નહીં એ પણ બહુ મોટી સમાજ સેવા છે....
🙏🙏🙏🙏

सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह तरह के उपदेशों से भरा रहता है

खुद को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना एक तनावमुक्त जीवन देता है। 
हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है उसका आनंद लीजिये🙏
बाल रंगने है तो रंगिये, 
वज़न कम रखना है तो रखिये, 
मनचाहे कपड़े पहनने है तो पहनिए,
बच्चों की तरह खिलखिलाइये, 
अच्छा सोचिये, 
अच्छा माहौल रखिये, 
शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को स्वीकारिये। 

कोई भी क्रीम आपको गोरा नही बनाती, 
कोई शैम्पू बाल झड़ने नही रोकता,
कोई तेल बाल नही उगाता, 
कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नही देता। 
चाहे वो प्रॉक्टर गैम्बल हो या पतंजलि .....सब सामान बेचने के लिए झूठ बोलते हैं। 

ये सब कुदरती होता है। 
उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बॉलों तक मे बदलाव आता है। 
पुरानी मशीन को Maintain करके बढ़िया चला तो सकते हैं, पर उसे नई नही कर सकते।

ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना किसी मे नीम। 
किसी क्रीम में केसर नही होती, क्योंकि 2 ग्राम केसर भी 500 रुपए से कम की नही होती ! 

कोई बात नही अगर आपकी नाक मोटी है तो,
कोई बात नही आपकी आंखें छोटी हैं तो,
कोई बात नही अगर आप गोरे नही हैं 
या आपके होंठों की shape perfect नही हैं....

फिर भी हम सुंदर हैं, 
अपनी सुंदरता को पहचानिए।

दूसरों से कमेंट या वाह वाही लूटने के लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है, अपनी सुंदरता को महसूस करना।

हर बच्चा सुंदर इसलिये दिखता है कि वो छल कपट से परे मासूम होता है और बडे होने पर जब हम छल व कपट से जीवन जीने लगते है तो वो मासूमियत खो देते हैं 
...और उस सुंदरता को पैसे खर्च करके खरीदने का प्रयास करते हैं।

मन की खूबसूरती पर ध्यान दो।

पेट निकल गया तो कोई बात नही उसके लिए शर्माना ज़रूरी नही।
आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता बढ़ता है उसे समझिये।

सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह तरह के उपदेशों से भरा रहता है,
यह खाओ, वो मत खाओ 
ठंडा खाओ, गर्म पीओ, 
कपाल भाती करो,  
सवेरे नीम्बू पीओ,
रात को दूध पीओ
ज़ोर से सांस लो, लंबी सांस लो 
दाहिने से सोइये ,
बाहिने से उठिए,
हरी सब्जी खाओ, 
दाल में प्रोटीन है,
दाल से क्रिएटिनिन बढ़ जायेगा।

अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ने लगें तो पता चलेगा 
ये ज़िन्दगी बेकार है ना कुछ खाने को बचेगा ना कुछ जीने को !!
आप डिप्रेस्ड हो जायेंगे।

ये सारा ऑर्गेनिक, एलोवेरा, करेला, मेथी, पतंजलि में फंसकर दिमाग का दही हो जाता है। 
स्वस्थ होना तो दूर स्ट्रेस हो जाता है।

अरे! अपन मरने के लिये जन्म लेते हैं,
कभी ना कभी तो मरना है अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नही हुआ।

हर चीज़ सही मात्रा में खाइये, 
हर वो चीज़ थोड़ी थोड़ी जो आपको अच्छी लगती है। 

*भोजन का संबंध मन से होता है* 
*और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है।*
*मन को मारकर खुश नही रहा जा सकता।*
थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिए,
टहलने जाइये, 
लाइट कसरत करिये,
व्यस्त रहिये,  
खुश रहिये,
शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये

5 ફેબ્રુ, 2022

સ્વિટ્ઝર્લેન્ડમાં 'સ્વિસબેંક'

*

 તમે 'સ્વિટ્ઝર્લેન્ડ' નામ તો સાંભળ્યું જ હશે.
 એક એવો દેશ જ્યાં વિશ્વના દરેક પરિણીત યુગલ તેમનું હનીમૂન મનાવવાનું સપનું જુએ છે.
  બરફીલા મેદાનોથી આચ્છાદિત આ દેશ સુંદરતાની અદભુત કૃતિ છે. હરિયાળી હોય કે બરફ, તમારી નજર જ્યાં જાય ત્યાં પલક મારવાનું ભૂલી જાવ.

 સ્વિત્ઝર્લેન્ડ વિશ્વનો સૌથી ધનિક દેશ છે! દરેક રીતે સમૃદ્ધ આ દેશની એક રસપ્રદ વાર્તા કહું.

 લગભગ 50 વર્ષ પહેલા સ્વિટ્ઝર્લેન્ડમાં 'સ્વિસબેંક' નામની ખાનગી બેંકની સ્થાપના કરવામાં આવી હતી.

 આ બેંકના નિયમો વિશ્વની અન્ય બેંકો કરતા અલગ હતા.

  આ સ્વિસ બેંક તેના ગ્રાહકો પાસેથી તેમના નાણાંની જાળવણી અને ગુપ્તતાના બદલામાં તેમના ગ્રાહકો પાસેથી પૈસા વસૂલતી હતી.

 તેમજ ગોપનીયતાની ગેરંટી.

 ગ્રાહકને પૂછશો નહીં કે પૈસા ક્યાંથી આવ્યા?
 કોઈ પ્રશ્ન નથી, કોઈ મજબૂરી નથી.

 એક વર્ષમાં જ આ બેંકની ખ્યાતિ આખી દુનિયામાં ફેલાઈ ગઈ હતી.

 ચોર, અપ્રમાણિક રાજકારણીઓ, માફિયાઓ, દાણચોરો અને મોટા ઉદ્યોગપતિઓ આ તમામ સ્વિસ બેંકોની પ્રથમ પસંદગી બની ગયા હતા.

 બેંકનો એક જ નિયમ હતો.

 રિચાર્જ કાર્ડની જેમ એકાઉન્ટ ધારકને પાસવર્ડ સાથે નંબર આપવામાં આવે છે.

 બેંકને ખબર હતી કે તે નંબર કોની પાસે હશે.

 કોઈ વિગત ન હતી, આગળ પાછળ કોઈ પૂછપરછ ન હતી.

 પણ
 * બેંકનો એક નિયમ હતો કે જો સાત વર્ષ સુધી કોઈ ટ્રાન્ઝેક્શન ન થયું હોય અથવા સાત વર્ષ સુધી ખાતામાં ખલેલ ન હોય તો બેંક ખાતું ફ્રીઝ કરશે અને રકમ પર હક જમા કરાવશે.

 * સાત વર્ષ સુધી વ્યવહારો ન કરવાના કિસ્સામાં, બેંકની રકમ.*

 હવે વિશ્વભરમાં દરરોજ ઘણા માફિયાઓ માર્યા જાય છે. નેતાઓ પકડાયા છે.

 કેટલા દાણચોરો પકડાયા કે માર્યા ગયા, કેટલાને આજીવન કેદની સજા થઈ.

 આવી સ્થિતિમાં આવા ઘણા ખાતા હતા જે બેંકમાં ફ્રીઝ કરવામાં આવ્યા હતા.

 2000ની નવી સદીના અવસર પર બેંકે આવા ખાતા ખોલ્યા
 તેથી તેમાં જે કાળું નાણું મળ્યું તે સમગ્ર વિશ્વના 40% કાળા નાણા જેટલું હતું.

 *આખી દુનિયાનું લગભગ અડધું કાળું નાણું.*

 આ રકમો આપણી કલ્પના બહારની છે.

 કદાચ
 બેંક પણ સમજી શકતી ન હતી કે આ રકમનું શું કરવું.*

 શું કરવું, શું કરવું

 આ વિચારીને બેંકે એક જાહેરાત કરી અને
 * સ્વિત્ઝર્લેન્ડના નાગરિકોને પૂછ્યું કે આ રકમનું શું કરવું.

  તેમ પણ બેંકે જણાવ્યું હતું
 જો દેશના નાગરિકો ઈચ્છે તો બેંક તેમને આ રકમનું વિતરણ કરી શકે છે.

 અને દરેક નાગરિકને એક કરોડની રકમ મળશે.

  સરકાર દ્વારા 15 દિવસના સર્વેમાં 99.2% લોકોનું માનવું હતું કે આ રકમ દેશની સુંદરતા વધારવા અને વિદેશી પ્રવાસીઓની સુવિધાઓ અને વિકાસમાં ખર્ચ કરવી જોઈએ.

 સર્વેના પરિણામો આપણા ભારતીયો માટે ચોંકાવનારા છે
 પરંતુ સ્વિત્ઝર્લેન્ડના દેશભક્ત લોકો માટે આ એક સરળ બાબત હતી.

 * તેણે હરામના પૈસાનો અસ્વીકાર કર્યો. આ સ્પષ્ટ સર્વેક્ષણ મફતમાં જોઈતું નહોતું.*

 ચોંકાવનારી ઘટના બીજા દિવસે બની.
 25 જાન્યુઆરી 2000ના રોજ સ્વિત્ઝર્લેન્ડના લોકો સરકારી સર્વે ચેનલની બહાર બેનર લઈને ઉભા હતા.

  તેમણે કહ્યું કે મફત ખાનારા લોકોમાંથી 0.8% લોકો તેમના નામ જાહેર કરે છે.

 આ સમાજ અને સ્વિટ્ઝર્લૅન્ડ પરનો ડાઘ છે.

  ઘણા પ્રયત્નો પછી, સરકારે મફતની માંગણી કરનારાઓને સજા કરવાની ખાતરી આપી, પછી જનતા શાંત થઈ.
 અને આપણા ભારતમાં બધું મફત છે. આ ઉપરાંત કરચોરી, વીજળી ચોરી, ચોરી,,,,,, મારું ભારત મહાન છે,,,,.

   
              *વીવીવી મહત્વપૂર્ણ...*
              *શું ભારતની વ્યવસ્થા છે*
         *સામાન્ય જનતાને છેતરે છે?*


  તમે જાતે જ જોઈ લો....
    
 1- નેતા ઈચ્છે તો બે સીટ પરથી એક સાથે ચૂંટણી
      લડી શકે છે! પણ....
      તમે બે જગ્યાએ મત આપી શકતા નથી,


 2- જો તમે જેલમાં હોવ તો વોટ ન આપો
      કરી શકે છે..પણ
      નેતા જેલમાં રહીને ચૂંટણી લડી શકે છે.


 3-જો તમે ક્યારેય જેલમાં ગયા છો
     હવે તમારી પાસે આજીવન છે
      સરકારી નોકરી નહીં મળે,

 પણ……
 ભલે ગમે તેટલી વખત કોઈ નેતા હત્યા કે બળાત્કારના ગુનામાં જેલની સજા ભોગવે તો પણ તે ઈચ્છે તે વડાપ્રધાન કે રાષ્ટ્રપતિ બની શકે છે.


 4- બેંકમાં સાધારણ નોકરી મેળવવી
 તમારે ગ્રેજ્યુએટ હોવું જોઈએ..

 પરંતુ,
 જો નેતાના અંગુઠાની છાપ હોય તો પણ તે ભારતના નાણામંત્રી બની શકે છે.


 5-તમારે સેનામાં સગીર હોવું જરૂરી છે
 સૈનિકની નોકરી મેળવવા માટે તમારે 10 કિલોમીટર દોડીને ડિગ્રી બતાવવી પડશે.

 પણ....
 જો નેતા અભણ-કાયર અને લુલા-લંગડા હોય
 તો પણ તેઓ આર્મી, નેવી અને એરફોર્સના વડા એટલે કે સંરક્ષણ પ્રધાન બની શકે છે.

 અને
 જેનો આખો પરિવાર આજ સુધી કોઈ શાળામાં નથી ગયો.. તે નેતા દેશનો શિક્ષણ મંત્રી બની શકે છે.

 અને
 જે નેતા સામે હજારો કેસ ચાલી રહ્યા છે.
 તે નેતા પોલીસ વિભાગના વડા એટલે કે ગૃહમંત્રી બની શકે છે.


 જો
 શું તમને લાગે છે કે આ સિસ્ટમ બદલવી જોઈએ?
 નેતા અને જનતા બંને માટે એક જ કાયદો હોવો જોઈએ.
 તેથી
 કૃપા કરીને આ મેસેજ ફોરવર્ડ કરીને દેશમાં જાગૃતિ લાવવામાં તમારો સહયોગ આપો.


 જો તમે ફોરવર્ડ ન કરો તો કોઈ નેતાને દોષ ન આપો.
 જો નહીં, તો નુકસાન માટે તમે જવાબદાર હશો.

 સરકારી કર્મચારી 30 થી 35 વર્ષની સંતોષકારક સેવા આપ્યા પછી પણ પેન્શન મેળવવા માટે હકદાર નથી? માત્ર 5 વર્ષ માટે ધારાસભ્ય/સાંસદ પેન્શનનો ન્યાય ક્યાં છે...?

 
  આ અભિયાનને આગળ ધપાવો
 ડિલીટ કરશો નહીં,
 આપણે ખરેખર આ સિસ્ટમને બદલવાની જરૂર છે.👊🏻🎯💥👍🏻

औरतों के बारे में रोचक तथ्य


      ●☞"औरतों के बारे में रोचक तथ्य !

चूडी, बिंदियां, घूंघट.. अगर इन सभी की बात की जाएं, तो दिमाग में सबसे पहले भारतीय महिला की छवि सामने आ जाती है लेकिन क्‍या वास्‍तव में सारी भारतीय महिलाएं एक जैसी ही होती हैं? भारतीय महिलाएं बहुत मेहनती होती है, उनके लिए परिवार ही प्राथमिकता होती है और वह हमेशा अपना बेस्‍ट देने की कोशिश करती हैं, इसके बावजूद भी भारतीय महिलाओं और पत्नियों पर सबसे ज्‍यादा चुटकुले बनते है, क्‍योंकि उनकी कुछ आदतें वाकई में गजब की होती है, जो आपको एक लिमिट तक अच्‍छी लगें, लेकिन थोडे टाइम बाद झल्‍लाहट होने लग जाये कि ये क्‍या है। आज हम आपको महिलाओं से जुड़े 37 रोचक तथ्य बताएंगे जिन्हे पढ़ने के बाद आप कुछ हद तक तो महिलाओं को समझने ही लगोगे

1. International Women’s Day हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है. कई देशों में इस दिन छुट्टी भी की जाती है.

2. यह एक फैक्‍ट है, इंडिया की फीमेल 22 साल की उम्र पार करने के बाद लालची हो जाती है.

3. अमेरिका में 40 फीसदी महिलाएं शादी से पहले ही बच्चे को जन्म दे देती हैं.

4. 80% महिलाएं गलत साइज की ब्रा पहनती हैं.

5. हैरानी तो आपको ये पढ़कर होगी कि 70 फीसदी महिलाएं सेक्स से ज्यादा चॉकलेट खाना पसंद करती हैं.

6. औरत लिंग का जैविक चिन्ह ऊपरी चिन्ह है और यह शुक्र ग्रह का भी चिन्ह है.

7. शायद आपको पता हो कि महिलाओं के पेट में कोई भी बात नहीं पचती. महिलाएं किसी भी खास बात को 47 घंटे और 15 मिनट तक ही गुप्त रख सकती हैं.

8. लड़कियों को गंदी बातें करना उतना ही अच्‍छा लगता है, जितना की लड़कों को.

9. ‘Women‘ शब्द की उत्पति ‘wyfmen‘ से हुई है जिसका अर्थ है – ‘wife of men‘.

10. शोधकर्ताओं के मुताबिक, महिलाओं को नए जन्मे बच्चे की खुशबू बहुत ज्यादा उत्तेजित करती है। यह उत्तेजना किसी भी ड्रग्स के शिकार व्यक्ति के तड़पने के बराबर होती है.

11. लड़कियां बड़ी चूजी होती हैं। एक शोध के मुताबिक, वे अपनी जिंदगी का एक साल तो सिर्फ यह सोचने में निकाल देती हैं कि उन्हें कौन-से कपड़े पहनने हैं। वहीं, अपने लुक को लेकर वो दिन में कम से कम 9 बार सोचती हैं.

12. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की जीभ ज्यादा तरह के स्वाद चख सकती हैं.

13. प्रत्येक 90 सेकंड में दुनिया में एक महिला बच्चे को जन्म देने के दौरान मर जाती है.

14. महिलाओं पर किए गए शोध के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के दौरान खर्राटे लेने वाली महिलाओं के बच्चे आकार में बाकी बच्चों की तुलना में छोटे होते हैं.

15. स्टडी के मुताबिक, लंबी महिलाओं में कैंसर होने की संभावना काफी ज्यादा होती है. वहीं, दिल से जुड़ी बीमारियों को महिलाओं का सबसे बड़ा दुश्मन माना गया है। अमेरिका में हर 13 मिनट में एक महिला की मौत ब्रेस्ट कैंसर से होती है.

16. अफ्रीकी देश नाइजर शिशु जन्म दर के मामले में सबसे आगे है। यहां की महिलाएं औसतन सात बच्चों को जन्म देती हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।

17. महिलाएं पुरुषों के मुकाबले लंबी जिंदगी जीती हैं. इसके पीछे एक बड़ी वजह उनका इम्यून सिस्टम है. 100 की उम्र के पार पहुँचने वालो में से 5 में से 4 औरते होती हैं.

18. विश्व में अभी भी औरतो को मर्दो के जितना काम करने पर भी 36% कम वेतन मिलता है.

19. दुनिया की 20 सबसे ज्यादा अमीर महिलाओं के पास दौलत कहां से आई? इसके पीछे उनकी मेहनत नहीं, बल्कि पति या पिता की मेहरबानी है. 17वें नंबर की अमीर महिला को छोड़कर बाकी सभी महिलाओं के पास उनके पति या पिता द्वारा छोड़ी गई दौलत है.

20. महिलाओ को यह बिलकुल पसंद नहीं होता कि जो ड्रेस उन्होंने पहन रखी है। वही ड्रेस कोई और भी महिला पहने हो। उन्हें इस बात पर बहुत गुस्सा आता है.

21. महिलाएं आइने के सामने पूरा दिन गुजार सकती है.

22. महिला जब किसी पुरुष के साथ होती हैं, तब यह बहुत कम खाने की एक्‍टिंग करती हैं, पर असलियत तो यह है कि अगर आप इन्‍हें कभी अकेला छोड़ दें, तो यह पूरा का पूरा बड़ा सा पिज्‍जा चट कर जाएं.

23. आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाएं सेक्स के बाद भी किस करना पसंद करती हैं.

24. महिलाएं सेक्स के दौरान भी अपने लुक को लेकर चिंतित रहती हैं.

25. मां बनने वाली सबसे छोटी महिला की लंबाई मात्र 2 फुट 4 इंच है.

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10 चीज़ें आपके माता-पिता को खुश रख सकती है

ये 10 चीज़ें आपके माता-पिता को खुश रख सकती है ! आप साथ रहे तब भी और ना रहे तब भी !
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आशीर्वाद की तलाश में हम देश-विदेश घूम आते है.

पत्थर पूजते है, मंदिर जाते है, पूजा पाठ करवाते है, और वो सारी चीजे करते है जिससे हमें लगता है कि हमारा जीवन धन्य हो जाएगा.

लेकिन क्या आप जानते है कि ईश्वर आपके पास हमेशा होता है, बस ज़रूरी है उन्हें पहचानना
 
दरअसल हम कहना चाहते है कि ईश्वर ने हमें खुद के रूप में माता-पिता दिए है, ताकि ईश्वर का आशीर्वाद सदैव हमारे साथ रहे.

लेकिन इस कलयुग में औलाद की नज़र में माता-पिता का दर्ज़ा खत्म होता जा रहा है. अक्सर जाने अंजामे में संताने अपने माता-पिता को दुखी कर रहे है, जबकि उन्हें नहीं पता कि ऐसा करना भगवान दुखी होता है.

अब सवाल ये है कि ऐसा क्या करे, जिससे हमारे पेरेंट्स हमें अंतरात्मा से आशीर्वाद दे, हम पर गर्व करे और अगले जन्म में दोबारा हमें पाने की इच्छा जाहिर करे.

तो चलिए आपके इस दुविधा को हम दूर किए देते है. हम आपको कुल 10 टिप्स देते है जिसे अपनाकर आप अपने माता-पिता के चेहरे पर प्रसन्नता देख सकते है.

1 – माता-पिता को कभी पलट कर जवाब ना दे. इससे उनको बुरा लग सकता है. जितना हो सके उनकी बातें सुनने की कोशिश करे. वैसे भी बुजुर्गो की बाते आपको बहोत काम आ सकती है.

2 – पेरेंट्स से ऊँची आवाज़ में बात ना करे. अपने दफ्तर या बाहर का गुस्सा घर के बाहर ही रखे.

3 – कोई नया या बड़ा कार्य करने से पहले माँ-बाप से चर्चा जरुर करें. आप का ऐसा करना उन्हें अच्छा लगेगा, उन्हें लगेगा कि आप उनकी बातों को महत्व देते है.

4 – हर महीने उनके स्वास्थ का चेकअप कराएं. उनकी छोटी सी छींक का भी ख्याल रखे. समय से उनकी दवाइयां उन्हें लाकर दे. आपके ऐसा करने पर माता पिता को ज्ञात होगा कि आपको उनकी चिंता है.

5 – उनकी पसंद ना पसंद का ख्याल रखना आपकी ज़िम्मेदारी है. कभी कभार उन्हें खाने के लिए हॉटेल ले जाए, या उनकी कोई फेवरेट मिठाई उन्हें लाकर दे. यकीनन आपको सुखद एहसास ज्ञात होगा.

6 – बुढ़ापे की उम्र में अक्सर पेरेंट्स को बातें करना प्रिय लगता है. ऐसे में आपको जब भी समय मिले, एक फोन कर ले और उनका हालचाल पूछ ले.

7 – वृद्ध अवस्था में गुस्सा बहोत आता है. इसलिए जितना हो सके पेरेंट्स की किचकिच को इग्नोर करे.

8 – हम जानते है कि बीवी के लिए प्यार अलग है और पेरेंट्स के लिए अलग. पर अक्सर माता पिता को लगता है कि शादी के बाद उनका बच्चा उन्हें भूल गया है. ऐसे समय में आपको दोनों के प्रति अपना प्यार बराबरी पर रखना है. ध्यान दे ! बीवी के सामने अपने पेरेंट्स की बेहद इज्जत करें, ताकि आपकी बीवी भी आपके माँ-बाप का सम्मान करे.

9 – अपने पेरेंट्स को मंदिर ले जाना कभी ना भूले. इससे आप दोनों को ही अनोखी खुशी और शांती मिलेगी.

10 – जिस तरह आप अपनी बीवी और बच्चो को नए कपडे पहनाने का शौक रखते है, ठीक उसी तरह माता-पिता को भी शॉपिंग करा दिया करे.

अपनी खुशियों का गला घोटकर हमारी सारी ख्वाहिश पुरी करने वाले माता पिता ही थे, जिन्होंने हमें इस समाज में जीने का अधिकार दिलाया. जब वे हमारे लिए इतना कुछ कर सकते है तो क्या हम इन 10 चीजो का ख्याल नहीं रख सकते.

वैसे भी हमारा ये मानना है – माता-पिता के जीते जी उन्हें सारे सुख देना ही वास्तविक श्राद्ध है !

2 ફેબ્રુ, 2022

ઘરગથ્થુ ઉપચાર

અથાણાનો ચટાકો ભારે પડી શકે છે : ખીચડી ખાવાથી હાડકાની તકલીફ નહીં થાય, સાંધાના દુખાવાની સારવાર ઘરે જ શક્ય
ઠંડીના દિવસોમાં મહિલાઓની હાડકાની તકલીફ વધી જાય છે. આ સીઝનમાં સાંધાનો દુખાવો પણ થાય છે. તેવામાં રૂપિયા ખર્ચ્યા વગર પણ સારવાર કરી શકાય છે.
ભાતથી ભાગવાની જરૂર નથી :- 
ઘણીવાર મહિલાઓ મેદસ્વિતાથી બચવા માટે ભાતથી દૂર રહે છે, જ્યારે ભાતમાં હાજર લાયસિન વિટામિન ડી અબ્ઝોર્બ કરવામાં મદદ કરે છે. આ વિટામિનનો બોન્સની મજબૂતી સાથે ડાયરેક્ટ કનેક્શન હોય છે. આ ઘરેલું ઉપાય ટ્રાય કરો..
👉 ઓછામાં ઓછી એક વખત ખીચડી કે પછી ભોજનમાં ભાતનું પ્રમાણ વધારી દો.
👉 કાળા તલને પલાળીને એક બોટલમાં મૂકો, દિવસમાં બે વાર સવારે અને સાંજે ખાઓ. ચાવ્યા પછી એક ગ્લાસ પાણી પીઓ.
👉 એક-બે ચમચી ગુંદર રાત્રે પાણીમાં પલાળી દો. તેને સવારે સાંકર સાથે ખાઓ. આનાથી સાંધાનો દુખાવો ઓછો થશે.
ડુંગળી અને લસણ છે કેલ્શિયમનો ખજાનો
રોજ ભોજનમાં ડુંગળી-લસણનો ઉપયોગ કરવામાં આવે, તો નબળા હાડકા મજબૂત બની શકે છે. આ બંને શાકભાજી દરેક સીઝનમાં સરળતાથી મળી જાય છે. મહિલાઓ ફળ ખાતી નથી અને તેઓ શાકભાજી પણ ઓછું ખાય છે. તેની અસર સીધી બોન્સ પર પડે છે. પત્તાવાળા શાકભાજી, બ્રોકલી, સંતરા, સીતાફળ, ચીકુ અને કેરીમાં ભરપૂર કેલ્શિયમ હોય છે. આને ડાયટમાં સામેલ કરો. તલ, અળસી, મેવા અને બદામ ખાવી જોઈએ.
ઘણીવાર બેદરકારીથી પણ તકલીફ થઈ શકે છે
👉 શરીરમાં કેલ્શિયમની અછત હોય તો, કોલ્ડ ડ્રિંક્સને ગુડબાય કહી દો. આનાથી હાડકા નબળા પડે છે.
👉 જો ભોજનમાં એક્સ્ટ્રા મીઠું ખાવાની ટેવ હોય તો તરત જ છોડી દેવી જોઈએ.
👉રોજ અથાણું ખાવાથી હાડકા નબળા પડી શકે છે.
👉કોફીમાં રહેલા કેફીન દ્રવ્યથી પણ હાડકા પર તકલીફ થાય છે.
👉કોફી બનાવો તો તેમાં મલાઈવાળા દૂધનો ઉપયોગ કરવો જોઈએ. તેનાથી કેફીનનું જોખમ નહીં રહે.
હાડકાં વિશે આ જાણવું જરૂરી છે
✅જો તમને વારંવાર નમકીન ખાવાની ટેવ હોય તો આને બદલી દો. આપણા ભોજનમાં 70% સોડિયમ પ્રોસેસ્ડ ફૂડ હોય છે. પ્રોસેસ્ડ ફૂડ, પેક્ડ ફૂડ, ફ્રોઝન ફૂડથી અંતર રાખવું જોઈએ.
✅ 20 વર્ષની ઉંમર સુધી હાડકાનો વિકાસ થાય છે. 30થી 50 વર્ષની ઉંમર સુધી ભોજનમાં ધ્યાન રાખીને અને એક્સર્સાઈઝ કરીને હાડકા મજબૂત બનાવી શકાય. 60 વર્ષની ઉંમર પછી હાડકા નબળા થવા લાગે છે.
✅કેલ્શિયમની અછતને લીધે મહિલાઓમાં ઓસ્ટિયોપોસિસની તકલીફ થાય છે. આ જ કારણે 40 વર્ષની ઉંમર પછી મહિલાઓને હાડકા મજબૂત કરવા માટે કેલ્શિયમની સલાહ આપવામાં આવે છે.
આવી અવનવી માહિતી મેળવવા માટે અમને ફોલો કરો. 👉 Ghargaththu Upchar - ઘરગથ્થુ ઉપચાર

28 જાન્યુ, 2022

કલેક્ટર મેકઅપ કેમ નથી પહેરતા

*ધ્યાન થી વાંચવા ને સમજવા લાયક લેખ*

  *કલેક્ટર મેકઅપ કેમ નથી પહેરતા...?*

  મલપ્પુરમ જિલ્લા કલેક્ટર શ્રીમતી રાણી સોયામોઈ કોલેજના વિદ્યાર્થીઓ સાથે વાર્તાલાપ કરે છે.
  ................................................
  તેણીએ કાંડા ઘડિયાળ સિવાય કોઈ દાગીના પહેર્યા ન હતા.
  બાળકોને સૌથી વધુ આશ્ચર્યની વાત એ હતી કે તેણીએ ફેસ પાઉડરનો ઉપયોગ પણ કર્યો નહતો.
   
આ ભાષણ નો અંગ્રેજીમાંથી ગુજરાતીમાં અનુવાદ છે . તેણીએ માત્ર એક કે બે મિનિટ વાત કરી, પરંતુ તેના શબ્દો નિશ્ચયથી ભરેલા હતા.
  ત્યારબાદ બાળકોએ કલેક્ટરને કેટલાક પ્રશ્નો પૂછ્યા.

  પ્ર: મેડમ આપનુ નામ શું છે?

કલેકટર: મારું નામ રાની છે. સોયામોઇ મારું કુટુંબનું નામ છે. હું ઝારખંડની વતની છું.

  બીજું કાંઈ પૂછવું છે?.

  પ્રેક્ષકોમાંથી એક પાતળી છોકરી ઊભી થઈ.
  કલેકટર:પૂછો, બાળક.

  "મેડમ, તમે તમારા ચહેરા પર કોઈ મેકઅપ કેમ નથી વાપરતા?"

  કલેક્ટરનો ચહેરો અચાનક નિસ્તેજ થઈ ગયો. તેમના પાતળા કપાળ પર પરસેવો છૂટી ગયો. તેમના ચહેરા પરનું સ્મિત ફિક્કું પડી ગયું. પ્રેક્ષકો અચાનક શાંત થઈ ગયા.

  તેણીએ ટેબલ પરની પાણીની બોટલ ખોલી અને થોડું પાણી પીધું. પછી તેણે બાળકને બેસવાનો ઈશારો કર્યો. પછી તે ધીમે ધીમે બોલવા લાગ્યા.

  બાળક તમે મૂંઝવણભર્યો પ્રશ્ન પૂછ્યો છે. જેનો જવાબ ક્યારેય એક શબ્દમાં આપી શકાપ તેમ નથી. જવાબમાં મારે તમને મારી જીવનકથા કહેવી પડશે. જો તમે મારી આ વાર્તા માટે તમારી કિંમતી દસ મિનિટ અલગ રાખવા તૈયાર હોવ તો મને જણાવો.

પ્રેક્ષકો: તૈયાર...

  મારો જન્મ ઝારખંડના આદિવાસી વિસ્તારમાં થયો હતો.

  કલેક્ટરે થોભ્યા અને પ્રેક્ષકો તરફ જોયું.

   મારો જન્મ કોડરમા જિલ્લાના આદિવાસી વિસ્તારમાં એક નાનકડી ઝૂંપડીમાં થયો હતો, જે "મીકા" ખાણોથી ભરેલી છે.

  મારા પિતા અને માતા ખાણિયા મજુર હતા. મારે ઉપર બે ભાઈઓ અને નીચે એક બહેન હતી. અમે એક નાની ઝૂંપડીમાં રહેતા હતા જે વરસાદ પડતાં લીક થઈ જાય તેવી છે.

  મારા માતા-પિતા નજીવા વેતન માટે ખાણોમાં કામ કરતા હતા કારણ કે તેઓને બીજી નોકરી મળી ન હતી. તે ખૂબ જ અવ્યવસ્થિત કામ હતું.

  જ્યારે હું ચાર વર્ષની હતી ત્યારે મારા પિતા, માતા અને બે ભાઈઓ વિવિધ બિમારીઓથી પથારીવશ હતા.

  તે સમયે તેઓ બહુ ઓછા જાણતા હતા કે ખાણોમાં જીવલેણ મીકા નામની ધૂળ શ્વાસમાં લેવાથી આ રોગ થાય છે.

  હું પાંચ વર્ષની હતી ત્યારે મારા ભાઈઓ બીમારીથી મૃત્યુ પામ્યા હતા.

  એક નાનકડો નિસાસો લઈને કલેક્ટરે વાત કરવાનું બંધ કર્યું અને આંસુઓથી ભરેલી આંખો બંધ કરી.

  મોટાભાગના દિવસોમાં અમારા આહારમાં પાણી અને એક કે બે રોટલીનો સમાવેશ થતો હતો. મારા બંને ભાઈઓ ગંભીર બીમારી અને ભૂખમરાથી આ દુનિયા છોડી ગયા. મારા ગામમાં એવા કોઈ લોકો નહોતા કે જેઓ ડૉક્ટર પાસે કે શાળાએ જતા. શું તમે *શાળા, હોસ્પિટલ અથવા તો શૌચાલય વિનાના ગામની કલ્પના કરી શકો છો?* વીજળી વિના પણ? .

  એક દિવસ જ્યારે હું ભૂખી હતી, ત્યારે મારા પિતાએ મને ચામડી અને હાડકાં સાથે પકડી લીધા અને મને કોરોગેટેડ લોખંડની ચાદરથી ઢંકાયેલી એક મોટી ખાણમાં ખેંચી ગયા.

  તે એક અભ્રક ખાણ હતી જે સમય જતાં કુખ્યાત થઈ હતી.

  તે એક પ્રાચીન ખાણ છે જે ખોદીને અંડરવર્લ્ડમાં નાખવામાં આવી હતી. મારું કામ તળિયે આવેલી નાની ગુફાઓમાંથી પસાર થવું અને અભ્રક ,અયસ્ક એકત્રિત કરવાનું હતું. જે ફક્ત દસ વર્ષથી ઓછી ઉંમરના બાળકો માટે જ શક્ય હતું.

  મારા જીવનમાં પહેલીવાર મેં રોટલી ખાધી અને પેટ ભરેલું હતું. પણ તે દિવસે મને ઉલ્ટી થઈ.

  હું પ્રથમ ધોરણમાં હતી ત્યાં સુધીમાં, હું અંધારાવાળા ઓરડાઓમાંથી અભ્રક સૂંઘી રહ્યી હતી જ્યાં હું ઝેરી ધૂળનો શ્વાસ લઈ શકતી હતી.

  કમનસીબ ત્યાં બાળકો માટે પ્રસંગોપાત ભૂસ્ખલનમાં મૃત્યુ થવું એ અસામાન્ય બાબત ન હતી. અને ક્યારેક ક્યારેક કેટલાક જીવલેણ રોગો સાથે.

  જો તમે દિવસમાં આઠ કલાક કામ કરો છો, તો તમને ઓછામાં ઓછી એક રોટલી મળશે. ભૂખ અને ભૂખને કારણે હું દરરોજ પાતળી અને નિર્જલીકૃત થતી હતી.

  એક વર્ષ પછી મારી બહેન પણ ખાણમાં કામ કરવા જવા લાગી. જલદી હું થોડી સ્વસ્થ થઈ, મારા પિતા, માતા, બહેન અને મેં સાથે મળીને કામ કર્યું અને એક એવા સ્થાન પર આવ્યા જ્યાં અમે ભૂખ વગર રહી શકીએ.

  પરંતુ સમયે અમને બીજા સ્વરૂપમાં ત્રાસ આપવાનું શરૂ કર્યું. એક દિવસ જ્યારે હું ખૂબ તાવને કારણે કામ પર જતી ન હતી ત્યારે અચાનક વરસાદ પડ્યો. ખાણના પાયા પર કામદારોની સામે ખાણ તૂટી પડતાં સેંકડો લોકો મૃત્યુ પામ્યા હતા. તેમાં મારા પિતા, માતા અને બહેન પણ હતા.

  કલેક્ટરની બંને આંખોમાંથી આંસુ વહેવા લાગ્યા. પ્રેક્ષકોમાંના દરેક લોકો શ્વાસ લેવાનું પણ ભૂલી ગયા હતા. ઘણાની આંખો આંસુઓથી ભરાઈ ગઈ.
 
  મને યાદ છે કે હું માત્ર છ વર્ષની હતી.

  આખરે હું સરકારી અગતિ મંદિરે પહોંચી. ત્યાં હું ભણ્યી. મૂળાક્ષરો શીખનાર હું મારા ગામમાંથી પહેલી હતી. ફળ સ્વરૂપે આખરે અહીં કલેક્ટર તમારી સામે છે.

  તમે વિચારતા હશો કે હા હું મેકઅપનો ઉપયોગ નથી કરતી તેની વચ્ચેનુ શું કનેક્શન છે??

  તેણીએ ચાલુ રાખ્યું, પ્રેક્ષકો તરફ નજર કરી.

  ત્યાંજ મને સમજાયું કે તે દિવસોમાં અંધકારમાંથી પસાર થતી વખતે મેં જે *આખું અભ્રક એકત્રિત કર્યું હતું તેનો ઉપયોગ મેકઅપ ઉત્પાદનોમાં કરવામાં આવતો હતો.*

  મીકા એ ફ્લોરોસન્ટ સિલિકેટ ખનિજનો પ્રથમ પ્રકાર છે.

  ઘણી મોટી કોસ્મેટિક કંપનીઓ દ્વારા ઓફર કરવામાં આવતા મિનરલ મેકઅપ્સમાં સૌથી વધુ રંગીન મલ્ટી-કલર્ડ મીકા છે જે 20,000 નાના બાળકોના જીવના જોખમે તમારી ત્વચાને ચમકદાર બનાવે છે.

  ગુલાબની કોમળતા તમારા ગાલ પર તેમના સળગતા સપના, તેમના વિખેરાઈ ગયેલા જીવન અને ખડકો વચ્ચે કચડાયેલા તેમના માંસ અને લોહી સાથે ફેલાય છે.

  લાખો ડોલરની કિંમતના અભ્રક હજુ પણ ખાણોમાંથી બાળકોના હાથ દ્વારા લેવામાં આવે છે. ફકત આપણી સુંદરતા વધારવા માટે.

  હવે તમે મને કહો.

  હું મારા ચહેરા પર મેકઅપ કેવી રીતે લગાડી શકું??? ભૂખમરાથી મૃત્યુ પામેલા મારા ભાઈઓની યાદમાં હું કેવી રીતે પેટ ભરીને ખાઈ શકું? હંમેશા ફાટેલા કપડા પહેરતી મારી માતાની યાદમાં હું મોંઘા રેશમી વસ્ત્રો કેવી રીતે પહેરી શકું?.

  એક નાનકડું સ્મિત ભરીને મોં ખોલ્યા વિના માથું પકડીને બહાર નીકળતી વખતે દરેક પ્રેક્ષકો અજાણતાં ઊભા થઈ ગયા. તેમના ચહેરા પરનો મેક-અપ તેમની આંખોમાંથી ટપકતા ગરમ આંસુમાં ભીંજાવા લાગ્યો હતો.
  .................................................
  સ્ત્રીઓને ફેસ પાઉડર, ક્રીમ, લિપસ્ટિકથી ભરેલી જોઈને તેમાંના કેટલાકને અણગમો થાય તો તેમને દોષ ન આપો.

  (ઝારખંડમાં હજુ પણ ઉચ્ચ ગુણવત્તાની અભ્રકનું ખાણકામ કરવામાં આવે છે. ત્યાં 20,000 થી વધુ નાના બાળકો શાળાએ ગયા વિના કામ કરે છે. કેટલાક ભૂસ્ખલન અને કેટલાક રોગથી દટાયેલા છે.)
  -. ‌. . *મલયાલમમાંથી અનુવાદિત*

27 જાન્યુ, 2022

GK n

👁‍🗨 *ગુડી પડવો* 〰 *મહારાષ્ટ્રનું નવું વર્ષ*

👁‍🗨 *બૈશાખી* 〰 *પંજાબીઓનું નવું વર્ષ*

👁‍🗨 *બેસતું વર્ષ* 〰 *ગુજરાતી, મારવાડીઓનું નવું વર્ષ*

👁‍🗨 *અષાઢી બીજ* 〰 *કચ્છીઓનું નવું વર્ષ*

👁‍🗨 *નવરેહ* 〰 *કાશ્મીરીઓનું નવું વર્ષ*

👁‍🗨 *લોસૂંગ* 〰 *સિક્કિમનું નવું વર્ષ*

परम सिध्द सन्त रामदास जी

~विचार~
*एक मर्मस्पर्शी कथा* ✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨
परम सिध्द सन्त रामदास जी जब प्रार्थना करते थे तो कभी उनके होंठ नही हिलते थे !

शिष्यों ने पूछा - हम प्रार्थना करते हैं, तो होंठ हिलते हैं। 
आपके होंठ नहीं हिलते ? आप पत्थर की मूर्ति की तरह खडे़ हो जाते हैं। आप कहते क्या है अन्दर से ? 
क्योंकि अगर आप अन्दर से भी कुछ कहेंगे, तो होंठो पर थोड़ा कंपन आ ही जाता है। चहेरे पर बोलने का भाव आ जाता है।लेकिन वह भाव भी नहीं आता !

सन्त रामदास जी ने कहा - मैं एक बार राजधानी से गुजरा और राजमहल के सामने द्वार पर मैंने सम्राट को खडे़ देखा, और एक भिखारी को भी खडे़ देखा !
वह भिखारी बस खड़ा था। फटे--चीथडे़ थे शरीर पर। जीर्ण - जर्जर देह थी, जैसे बहुत दिनो से भोजन न मिला हो !
शरीर सूख कर कांटा हो गया। बस आंखें ही दीयों की तरह जगमगा रही थी। बाकी जीवन जैसे सब तरफ से विलीन हो गया हो !
वह कैसे खड़ा था यह भी आश्चर्य था। लगता था अब गिरा -तब गिरा ! 

सम्राट उससे बोला - बोलो क्या चाहते हो ?
उस भिखारी ने कहा - अगर मेरे आपके द्वार पर खडे़ होने से, मेरी मांग का पता नहीं चलता, तो कहने की कोई जरूरत नहीं !
क्या कहना है और ? मै द्वार पर खड़ा हूं, मुझे देख लो। मेरा होना ही मेरी प्रार्थना है। "

सन्त रामदास जी ने कहा -उसी दिन से मैंने प्रार्थना बंद कर दी। मैं परमात्मा के द्वार पर खड़ा हूं। वह देख लेगें । मैं क्या कहूं ? 

*अगर मेरी स्थिति कुछ नहीं कह सकती, तो मेरे शब्द क्या कह सकेंगे ?* 
*अगर वह मेरी स्थिति नहीं समझ सकते, तो मेरे शब्दों को क्या समझेंगे* ?

*अतः भाव व दृढ विश्वास ही सच्ची परमात्मा की याद के लक्षण है यहाँ कुछ मांगना शेष नही रहता ! आपका प्रार्थना में होना ही पर्याप्त है !!*
🙏🙏 जय श्रीराम🙏🙏

दिमाग" से जुड़े 35 ग़ज़ब के रोचक तथ्य


"दिमाग" से जुड़े 35 ग़ज़ब के रोचक तथ्य.!


(1). अगर 5 से 10 मिनट तक दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाए तो यह हमेशा के लिए डैमेज या क्षतिग्रस्त हो सकता हैं!

(2). दिमाग पूरे शरीर का केवल 2% होता हैं लेकिन यह पूरी बाॅडी का 20% खून और ऑक्सीजन अकेला इस्तेमाल कर लेता हैं!

(3). हमारा दिमाग़ 40 साल की उम्र तक बढ़ता रहता हैं!

(4). हमारे दिमाग के 60% हिस्से में चर्बी होती हैं इसलिए यह शरीर का सबसे अधिक चर्बी वाला अंग हैं!

(5). सर्जरी से हमारा आधा दिमाग़ हटाया जा सकता हैं और इससे हमारी यादों पर भी कुछ असर नही पडेगा!

(6). जो बच्चे पाँच साल का होने से पहले दो भाषाएँ सीखते है उनके दिमाग की संरचना थोड़ी सी बदल जाती हैं!

(7). दिमाग की 10% प्रयोग करने वाली बात भी सच नही हैं बल्कि दिमाग के सभी हिस्सों का अलग अलग काम होता हैं!

(8). दिमाग़ के बारे में सबसे पहला उल्लेख 6000 साल पहले सुमेर से मिलता हैं!

(9). 90 मिनट तक पसीने में तर रहने से आप हमेशा के लिये एक मनोरोगी बन सकते हो!

(10). बचपन के कुछ साल हमें याद नही रहते क्योंकि उस समय तक हिप्पोकैम्पस (HIPPOCAMPUS) डेवलप नही होता, यह किसी चीज को याद रखने के लिए जरूरी हैं!

(11). छोटे बच्चे इसलिए ज्यादा सोते हैं क्योंकि उनका दिमाग़ उनके शरीर द्वारा बनाया गया 50% ग्लूकोज इस्तेमाल करता हैं!

(12). 2 साल की उम्र में किसी भी उम्र से ज्यादा ब्रेन सेल्स (Brain cells) होती हैं!

(13). अगर आपने पिछली रात शराब पीयी थी और अब आपको कुछ याद नही हैं तो इसका मतलब ये नही हैं कि आप ये सब भूल गए हो बल्कि ज्यादा शराब पीने के बाद आदमी को कुछ नया याद ही नही होता!

(14). एक दिन में हमारे दिमाग़ में 70,000 विचार आते हैं और इनमें से 70% विचार Negative (उल्टे) होते हैं!

(15). हमारे आधे जीन्स दिमाग़ की बनावट के बारे में बताते हैं और बाकी बचे आधे जीन्स पूरे शरीर के बारे में बताते हैं!

(16). हमारे दिमाग की मेमोरी या याददाश्त अनलिमिटेड होती हैं यह कंप्यूटर की तरह कभी नही कहेगा कि मेमोरी फुल हो गई!

(17). अगर शरीर के आकार को ध्यान में रखा जाए तो मनुष्य का दिमाग़ सभी प्रणीयों से बड़ा हैं। हाथी के दिमाग का आकार उसके शरीर के मुकाबले सिर्फ 0.15% होता हैं बल्कि मनुष्य का 2%.

(18). एक जिन्दा दिमाग बहुत नर्म होता है और इसे चाकू से आसानी से काटा जा सकता हैं।

(19). जब हमें कोई इग्नोर या रिजेक्ट करता हैं तो हमारे दिमाग को बिल्कुल वैसा ही महसूस होता हैं जैसा चोट लगने पर!

(20). दाहिना मस्तिष्क (Right brain)/ बायां मस्तिष्क (Left brain) जैसा कुछ नही हैं ये सिर्फ एक मिथ हैं! पूरा दिमाग़ इकट्ठा काम करता हैं!

(21). चाॅकलेट की खूशबू से दिमाग़ में ऐसी तरंगे उत्पन्न होती हैं जिनसे मनुष्य आराम (Relax) महसूस करता हैं!

(22). जिस घर में ज्यादा लड़ाई होती हैं उस घर के बच्चों के दिमाग पर बिल्कुल वैसा ही असर पड़ता हैं जैसा युद्ध का सैनिकों पर!

(23). टी.वी. देखने की प्रक्रिया में दिमाग़ बहुत कम इस्तेमाल होता है और इसलिए इससे बच्चों का दिमाग़ जल्दी विकसित नहीं होता! बच्चों का दिमाग़ कहानियां पढ़ने से और सुनने से ज्यादा विकसित होता है क्योंकि किताबों को पढ़ने से बच्चे ज्यादा कल्पना करते हैं!

(24). हर बार जब हम कुछ नया सीखते है तो दिमाग में नई झुर्रियां विकसित होती हैं और यह झुर्रियां ही आई क्यू (I.Q.) का सही पैमाना हैं!

(25). अगर आप खुद को मना लें कि हमने अच्छी नींद ली हैं तो हमारा मस्तिष्क भी इस बात को मान जाता हैं!

(26). हमारे पलक झपकने का समय 1 सैकेंड के 16वें हिस्से से कम होता है पर दिमाग़ किसी भी वस्तु का चित्र सैकेंड के 16वें हिस्से तक बनाए रखता हैं!

(27). हेलमेट पहनने के बाद भी दिमाग को चोट लगने की संभावना 80% होती हैं!

(28). मनुष्य के दिमाग़ में दर्द की कोई भी नस नही होती इसलिए वह कोई दर्द नही महसूस नही करता!

(29). एक ही बात को काफी देर तक टेंशन लेकर सोचने से हमारा दिमाग कुछ समय के लिए सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता को खो देता हैं!

(31). दिमाग तेज करने के लिए सिर में मेहंदी लगाए और दही खायें। क्योंकि दही में अमीनो ऐसिड होता हैं जिससे टेंशन दूर होती हैं और दिमाग़ की क्षमता बढ़ती हैं!

(32). अगर आप अपने स्मार्टफ़ोन पर लम्बे समय तक काम करते हैं तब आपके दिमाग़ में ट्यूमर होने का खतरा बड़ जाता हैं!
(33). अगर दिमाग़ से “Amygdala” नाम का हिस्सा निकाल दिया जाए तो इंसान का किसी भी चीज से हमेशा के लिए डर खत्म हो जाएगा!

(34). दिमाग (Brain) और मन (Mind) दो अलग अलग चीजे हैं! वैज्ञानिक आज तक पता नही लगा पाए कि मन शरीर के किस हिस्से में हैं!

(35). हमारे दिमाग़ में एक “मिडब्रेन डोपामाइन सिस्टम” (एम.डी.एस.) होता है, जो घटने वाली घटनाओं के बारे में मस्तिष्क को संकेत भेजता हैं हो सकता की हम इसे ही अंतर्ज्ञान अथवा भविष्य के पूर्वानुमान कहते हैं। जिस व्यक्ति के दिमाग में यह सिस्टम जितना ज्यादा विकसित होता है वह उतनी ही सटीक भविष्यवाणी कर सकता हैं।

एक प्रश्न...
दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय ?
उत्तर...
दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय हैं, जमकर पानी पाएँ। 1 गिलास पानी पीने से दिमाग 14% तेजी से काम करता हैं। जब तक प्यास शांत नही होती तब तक मनुष्य के दिमाग को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती हैं।
दिमाग़ को ठण्डा रखिये।
Vinod
@jyotish4vishnu1

25 જાન્યુ, 2022

કોલેસ્ટ્રોલ વધવાને કારણે હાર્ટ એટેક અને મૃત્યુ

મહત્વપૂર્ણ સમાચાર
 શેર કરો અને બધાને મોકલો
 
 યાદ રાખો કે ભારતમાં મોટાભાગના મૃત્યુ કોલેસ્ટ્રોલ વધવાને કારણે હાર્ટ એટેકથી થાય છે.
 તમે તમારા જ ઘરમાં આવા ઘણા લોકોને જાણતા હશો જેમનું વજન અને કોલેસ્ટ્રોલ વધી ગયું છે.
 અમેરિકાની ઘણી મોટી કંપનીઓ ભારતમાં હૃદયના દર્દીઓને અબજોની દવાઓ વેચી રહી છે.
 પરંતુ જો તમને કોઈ સમસ્યા હોય તો ડૉક્ટર એન્જીયોપ્લાસ્ટી કરાવવાનું કહેશે.
 આ ઓપરેશનમાં, ડૉક્ટર હૃદયની નળીમાં સ્પ્રિંગ દાખલ કરે છે જેને સ્ટેન્ટ કહેવાય છે.
 આ સ્ટેન્ટ અમેરિકામાં બને છે અને તેની ઉત્પાદન કિંમત માત્ર 3 ડોલર (રૂ. 150-180) છે.
 આ સ્ટેન્ટ ભારતમાં લાવીને 3-5 લાખ રૂપિયામાં વેચાય છે અને તમને લૂંટવામાં આવે છે.
 ડૉક્ટરોને લાખો રૂપિયાનું કમિશન મળે છે એટલે વારંવાર એન્જિયોપ્લાસ્ટી કરાવવાનું કહે છે.
 કોલેસ્ટ્રોલ, બીપી કે હાર્ટ એટેકનું મુખ્ય કારણ એન્જીયોપ્લાસ્ટી ઓપરેશન છે.
 તે ક્યારેય કોઈને માટે સફળ થતું નથી.
 કારણ કે ડૉક્ટર હૃદયની નળીમાં જે સ્પ્રિંગ નાખે છે તે પેનની સ્પ્રિંગ જેવી જ હોય ​​છે.
 થોડા મહિનાઓમાં તે ઝરણાની બંને બાજુએ બ્લોકેજ (કોલેસ્ટ્રોલ અને ચરબી) જમા થવા લાગે છે.
 આ પછી બીજો હાર્ટ એટેક આવે છે.
 ડૉક્ટર કહે છે કે ફરી એન્જીયોપ્લાસ્ટી કરાવો.
 તમારા લાખો રૂપિયા લૂંટાય છે અને આમાં તમારો જીવ જાય છે.
 
                હવે વાંચો
        તેની આયુર્વેદિક સારવાર
 
 આદુનો રસ -
 
 તે લોહીને પાતળું કરે છે.
 તે કુદરતી રીતે 90% પીડા ઘટાડે છે.
 
 લસણનો રસ
 
 તેમાં રહેલું એલિસિન તત્વ કોલેસ્ટ્રોલ અને બીપી ઘટાડે છે.
 જેનાથી હાર્ટ બ્લોકેજ ખુલે છે.
 
 લીંબુ સરબત
 
 તેમાં રહેલા એન્ટીઓક્સીડેન્ટ્સ, વિટામિન સી અને પોટેશિયમ લોહીને સાફ કરે છે.
 આ રોગપ્રતિકારક શક્તિ વધારે છે.
 
 એપલ સીડર વિનેગાર
 
 તેમાં 90 પ્રકારના તત્વો હોય છે જે શરીરના તમામ જ્ઞાનતંતુઓ ખોલે છે, પેટ સાફ કરે છે અને થાક દૂર કરે છે.
 
          આ દેશી દવાઓ
        આ રીતે ઉપયોગ કરો
 
 1- એક કપ લીંબુનો રસ લો;
 2- એક કપ આદુનો રસ લો;
 3- એક કપ લસણનો રસ લો;
 4-એક કપ એપલ સીડર વિનેગર લો;
 
 ચારેયને મિક્સ કરો અને તેને ધીમી આંચ પર ગરમ કરો, જ્યારે 3 કપ રહી જાય, પછી તેને ઠંડુ કરો;
 અને હવે તમે
 તેમાં 3 કપ મધ ઉમેરો
 
 આ દવાના 3 ચમચી દરરોજ સવારે ખાલી પેટ લો.
 બધા બ્લોક્સ દૂર થઈ જશે.
 
 હું તમને બધાને હાથ જોડીને વિનંતી કરું છું કે આ સંદેશને શક્ય તેટલો ફેલાવો જેથી દરેક વ્યક્તિ આ દવાથી પોતાનો ઈલાજ કરી શકે;  આભાર
 
 માત્ર સાંજનો વિચાર કરો
 સાંજના 7:25 વાગ્યા છે અને તમે પણ એકલા ઘરે જઈ રહ્યા છો.
 આવી સ્થિતિમાં, અચાનક તમારી છાતીમાં તીવ્ર દુખાવો થાય છે, જે તમારા હાથમાંથી પસાર થાય છે.
 જડબા સુધી પહોંચે છે.
 તમે તમારા ઘરની નજીકની હોસ્પિટલથી 5 માઇલ દૂર છો અને કમનસીબે તમે જાણતા નથી કે તમે ત્યાં પહોંચી શકશો કે નહીં.
 તમે CPR માં પ્રશિક્ષિત છો પરંતુ ત્યાં પણ તમને તેનો ઉપયોગ કેવી રીતે કરવો તે શીખવવામાં આવ્યું નથી.
 
      હાર્ટ એટેકથી કેવી રીતે બચવું
             માટે આ ઉકેલો
              
 હૃદયરોગના હુમલા દરમિયાન મોટાભાગના લોકો એકલા હોવાથી, તેમને કોઈ મદદ વિના શ્વાસ લેવામાં તકલીફ થાય છે.
 તે થાય છે.  તેઓ બેહોશ થવા લાગે છે અને તેમની પાસે માત્ર 10 સેકન્ડ છે.
 આવી સ્થિતિમાં, પીડિત જોરશોરથી ખાંસી કરીને પોતાને સામાન્ય રાખી શકે છે.  એક નિસાસો
 દરેક ઉધરસ પહેલા લેવી જોઈએ
 અને ઉધરસ એટલી મજબૂત છે કે
 છાતીમાંથી થૂંક નીકળ્યું.
 મદદ ન આવે ત્યાં સુધી
 પ્રક્રિયા બે સેકન્ડ માટે પુનરાવર્તન કરો
 જાઓ જેથી ધબકારા સામાન્ય હોય
 ચાલો તે કરીએ .
 ફેફસામાં જોરથી શ્વાસ
 ઓક્સિજન ઉત્પન્ન કરે છે
 અને જોરથી ઉધરસનું કારણ
 જેમાંથી હૃદય સંકોચાય છે
 નિયમિત રક્ત પરિભ્રમણ
 ચાલે છે.
 
 કૃપા કરીને આ સંદેશ શક્ય હોય ત્યાં સુધી દરેકને ફેલાવો.  હાર્ટના ડોક્ટરે તો ત્યાં સુધી કહ્યું કે જો દરેક વ્યક્તિ આ મેસેજ 10 લોકોને મોકલે તો એક જીવ બચાવી શકાય.
 
         તમને સૌથી વધુ વિનંતી કરવામાં આવે છે
   મજાકના ફોટા મોકલવાને બદલે
        આ સંદેશ દરેકને મોકલો
    જીવન બચાવવા માટે
 
 એક મિત્રે મને પણ મોકલ્યો
 હવે તમારો વારો છે.
 જાહેર હિતમાં પ્રસારણ

23 જાન્યુ, 2022

ઇંગ્લેન્ડમાં પ્રથમ શાળા ઈ.સ. ૧૮૧૧માં ખોલવામાં આવી તે સમયે ભારતમાં ૭,૩૨,૦૦૦ ગુરુકુળ હતાં

*ઇંગ્લેન્ડમાં પ્રથમ શાળા ઈ.સ. ૧૮૧૧માં ખોલવામાં આવી હતી. તે સમયે ભારતમાં ૭,૩૨,૦૦૦ ગુરુકુળ હતાં.*
 ગુરુકુળો કેવી રીતે બંધ થયા તે જાણીએ. ગુરુકુળ એટલે આજના જમાનાની બોર્ડિંગ શાળા. ગુરુકુળોમાં નીચેના વિષયો શીખવવામાં આવતા : 
૦૧. અગ્નિવિદ્યા (ધાતુશાસ્ત્ર),
૦૨. વાયુવિદ્યા (પવન),
૦૩. જળવિદ્યા (પાણી),
૦૪. અંતરીક્ષવિદ્યા (અવકાશ વિજ્ઞાન),
૦૫. પૃથ્વીવિદ્યા (પર્યાવરણ),
૦૬. સૂર્યવિદ્યા (સૌર અભ્યાસ),
૦૭. ચંદ્રવિદ્યા (ચંદ્રની કળાનો અભ્યાસ)
૦૮. મેઘવિદ્યા (હવામાનની આગાહી)
૦૯. ઊર્જાવિદ્યા (બેટરી ઊર્જા),
૧૦. દિન અને રાત વિદ્યા,
૧૧. સૃષ્ટિવિદ્યા (અવકાશ સંશોધન),
૧૨. ખાગોળ વિજ્ઞાન (ખગોળશાસ્ત્ર), ૧૩. ભુગોળ વિદ્યા (ભૂગોળ),
૧૪. કાલવિદ્યા (સમય અભ્યાસ),
૧૫. ભૂગર્ભવિદ્યા (ભૂસ્તરશાસ્ત્ર અને ખાણકામ),
૧૬. રત્નો અને ધાતુઓ,
૧૭. ગુરુત્વાકર્ષણ,
૧૮. પ્રકાશવિદ્યા (શક્તિ)
૧૯.સંચારવિદ્યા (મોબાઈલ, રેડિયો, નેટ વગેરે),
૨૦. વિમાનવિદ્યા (એરોપ્લેન),
૨૧. જલયાન વિદ્યા (પાણીના જહાજો),
૨૨. અગ્નાસ્ત્ર વિદ્યા (શસ્ત્રો અને દારૂગોળો)
૨૩. જીવનવિજ્ઞાનવિદ્યા (જીવવિજ્ઞાન, પ્રાણીશાસ્ત્ર, વનસ્પતિશાસ્ત્ર),
૨૪. યજ્ઞવિદ્યા (સામગ્રી સમાન)
આ વૈજ્ઞાનિક શિક્ષણની વાત છે. હવે વ્યાવસાયિક અને તકનીકી શાખાઓ વિશે વાત કરીએ.
૦૧.વ્યાપારવિદ્યા (વાણિજ્ય),
૦૨. કૃષિવિદ્યા (કૃષિ),
૦૩. પશુપાલન વિદ્યા (પશુપાલન),
૦૪.પક્ષી પાલન (પક્ષી પાળવું),
૦૫. યાનવિદ્યા (મિકેનિક્સ),
૦૬. વાહન ડિઝાઇનિંગ, ૦૭. રત્નાકર (જેમ્સ એન્ડ જ્વેલરી ડિઝાઇનિંગ), ૦૮. કુંભાર વિદ્યા (માટીકામ),
૦૯. લોહવિદ્યા (ધાતુશાસ્ત્ર અને લુહાર),
૧૦. રંગકામ વિદ્યા, 
૧૧. રજ્જુકર (દોરડી),
૧૨. વાસ્તુકાર વિદ્યા (સ્થાપત્ય),
૧૩. રસોઈકળાવિદ્યા,
૧૪. વાહનવિદ્યા (ડ્રાઇવિંગ), ૧૫. જળમાર્ગોનું સંચાલન,
૧૬. સૂચકો (ડેટા એન્ટ્રી), ૧૭. ગૌશાળા (પશુપાલન), ૧૮. માળી (બાગાયતી),૧૯. વનવિદ્યા (વનીકરણ), ૨૦. સહયોગી (કવરિંગ પેરામેડિક્સ)
 આ તમામ શિક્ષણ ગુરુકુળમાં ભણાવવામાં આવતું હતું. સમય જતાં ગુરુકુળો અકળ કારણોસર બંધ થઈ ગયાં પણ તેનું સાહિત્ય અકબંધ રહ્યું. આ સાહિત્ય અંગ્રેજોને હાથ આવ્યું અને તેને ઇંગ્લેન્ડ લઈ ગયા. બ્રિટિશ ઇતિહાસકાર થોમસ બેબીન્ગટન મેકૌલએ આ સાહિત્યનું ગહન અધ્યયન કર્યું અને આ પદ્ધતિનું અંગ્રેજીકરણ કર્યું. એટલું જ નહીં આ શિક્ષણ પદ્ધતિને ભારતમાં દાખલ કરી.
 ભારતમાં ગુરુકુલ સંસ્કૃતિનો અંત કેવી રીતે આવ્યો ? કોન્વેન્ટ શિક્ષણના પરિચયથી ગુરુકુળનો નાશ થયો. ભારતીય શિક્ષણ અધિનિયમની રચના ઇ.સ. ૧૮૩૫ માં કરવામાં આવી અને ઈ.સ.૧૮૫૮માં સુધારેલ). તેનો મુસદ્દો મેકૌલે દ્વારા તૈયાર કરવામાં આવ્યો હતો. મેકૌલે અહીં શિક્ષણ પ્રણાલીનો સર્વે કરાવ્યો હતો જેમાં ઘણાં બ્રિટિશરોએ ભારતની શિક્ષણ વ્યવસ્થા વિશે તેમના અહેવાલો આપ્યા હતાં. તેમાંથી એક બ્રિટિશ અધિકારી હતો જી. ડબ્લ્યુ. લ્યુથર અને બીજો હતો થોમસ મુનરો. બંનેએ જુદા જુદા સમયે અલગ અલગ વિસ્તારોમાં સર્વે કર્યો હતો. ઉત્તર ભારત (ઉત્તર ભારત) નું સર્વેક્ષણ કરનારા લ્યુથરે લખ્યું કે અહીં 97 % સાક્ષરતા છે અને મુનરો, જેમણે દક્ષિણ ભારત (દક્ષિણ ભારત) નો સર્વે કર્યો, તેમણે લખ્યું કે અહીં 100 % સાક્ષરતા છે.
મેકૌલે સ્પષ્ટપણે કહ્યું હતું કે જો ભારતને કાયમ માટે ગુલામ બનાવવું હોય તો તેની સ્વદેશી અને સાંસ્કૃતિક શિક્ષણ પ્રણાલીને સંપૂર્ણપણે તોડી નાખવી જોઈએ અને તેને ′ ′ અંગ્રેજી શિક્ષણ પ્રણાલી સાથે બદલવી જોઈએ જેથી દરેક ભારતીય માનસિક રીતે અંગ્રેજી બની જાય.
જ્યારે તેઓ કોન્વેન્ટ શાળાઓ અથવા અંગ્રેજી યુનિવર્સિટીઓ છોડી દેશે, ત્યારે તેઓ અંગ્રેજોના હિતમાં કામ કરશે.
  મેકૌલે એક રૂઢિપ્રયોગ વાપરર્યો તેનો મતલબ હતો કે : જેમ અનાજને રોપતા પહેલા ખેતરને સારી રીતે ખેડવામાં આવે તેવી જ રીતે ભારતીયોને બદલવા તેમને અંગ્રેજી શિક્ષણ પ્રણાલીમાં લાવવા જોઈએ. તેથી જ તેમણે સૌપ્રથમ ગુરુકુળોને ગેરકાયદેસર જાહેર કર્યા. તેણે સંસ્કૃતને ગેરકાયદે જાહેર કર્યું અને ગુરુકુળોને આગ લગાવી. શિક્ષકોને માર માર્યો અને જેલમાં ધકેલી દીધા. ઇ.સ. ૧૮૫૦ સુધી ભારતમાં '૭ લાખ ૩૨ હજાર ગુરુકુળ અને ૭ લાખ ૫૦હજાર ગામડાં હતાં. મતલબ કે લગભગ દરેક ગામમાં ગુરુકુળ હતા અને આ તમામ ગુરુકુળો નો આજની ભાષામાં 'ઉચ્ચ શિક્ષણ સંસ્થાઓ' તરીકે ઉપયોગ કરવામાં આવતો હતો. આ ગુરુકુળોમાં ૧૮ વિષયો ભણાવવામાં આવતા અને ગુરુકુળો રાજા દ્વારા નહીં પણ સમાજના લોકો સાથે મળીને ચલાવતા હતા. શિક્ષણ મફત આપવામાં આવ્યું હતું.
ગુરુકુળો નાબૂદ કરવામાં આવ્યા બાદ અંગ્રેજી શિક્ષણને કાયદેસર કરવામાં આવ્યું અને કોલકાતામાં પ્રથમ કોન્વેન્ટ સ્કૂલ શરૂ થઈ.
તે સમયે તેને 'ફ્રી સ્કૂલ' કહેવામાં આવતું હતું.
આ કાયદા હેઠળ કોલકાતા યુનિવર્સિટી, બોમ્બે યુનિવર્સિટી અને મદ્રાસ યુનિવર્સિટી બનાવવામાં આવી હતી.
આ ત્રણ ગુલામી યુગની યુનિવર્સિટીઓ હજુ દેશમાં છે ! 
મેકૌલે તેના પિતાને એક પત્ર લખ્યો હતો. તે એક ખૂબ જ પ્રખ્યાત પત્ર છે, તેમાં તે લખે છે: ′ ′ આ કોન્વેન્ટ શાળાઓ એવા બાળકોને બહાર લાવશે જેઓ ભારતીય જેવા દેખાય છે પરંતુ મગજથી અંગ્રેજી રહેશે. તેઓ તેમના દેશ વિશે કશું જાણશે નહીં. તેઓ તેમની સંસ્કૃતિ વિશે કશું જાણશે નહીં. તેમને તેમની પરંપરાઓ વિશે કોઈ ખ્યાલ રહેશે નહીં. તેઓ તેમના રૂઢિપ્રયોગો જાણતા જાણશે નહીં. જ્યારે આવા બાળકો આ દેશમાં તૈયાર થશે ત્યારે અંગ્રેજો દૂર થશે તો પણ અંગ્રેજી ભાષાઆ દેશ છોડશે નહીં. તે સમયે લખેલા પત્રનું સત્ય આજે પણ આપણા દેશમાં સ્પષ્ટ દેખાય છે.
આ કૃત્ય દ્વારા સર્જાયેલ દુ:ખ જુઓ. આપણે આપણી જાતને ઉતરતા અનુભવીએ છીએ જે આપણી પોતાની ભાષા બોલવામાં અને આપણી પોતાની સંસ્કૃતિને ઓળખવામાં શરમ અનુભવે છે.
જે સમાજ તેની માતૃ ભાષા થી અળગો થઈ જાય છે તે ક્યારેય ખીલતો નથી અને આ મેકૌલની વ્યૂહરચના હતી ! 
આજના યુવાનો ભારત કરતાં યુરોપ વિશે વધુ જાણે છે.
ભારતીય સંસ્કૃતિને ભૂલી પશ્ચિમી દેશનું અનુકરણ કરે છે. હવે સમય આવી ગયો છે કે આપણે આપણી મહાન સંસ્કૃતિ અને વારસાને જાગૃત કરીએ અને ફરીથી ભારત સમૃદ્ધ અને સુસંસ્કૃત બનાવીએ...🙏

११ बातें जो हर हिंदू को ज्ञात होनी चाहीये

११ बातें जो हर हिंदू को ज्ञात होनी चाहीये

१) क्या भगवान राम या भगवान कृष्ण कभी इंग्लंड के हाऊस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य रहे थे? नहीं ना? फिर ये क्या लॉर्ड रामा, लॉर्ड कृष्णा लगा रखा है? सीधे सीधे भगवान राम, भगवान कृष्ण कहियेगा।

२) किसी की मृत्यू होने पर "RIP" मत कहिये. कहीये "ओम शांती", "सदगती मिले", अथवा "मोक्ष प्राप्ती हो"। आत्मा कभी एक स्थान पर आराम या विश्राम नहीं करती। आत्मा का पुनर्जन्म होता है अथवा उसे मोक्ष मिल जाता है।

३) अपने रामायण एवं महाभारत जैसे ग्रंथों को मायथॉलॉजी मत कहियेगा। ये हमारा गौरवशाली इतिहास है और राम एवं कृष्ण हमारे ऐतिहासिक देवपुरुष हैं, कोई मायथोलॉजिकल कलाकार नहीं।

४) मूर्ती पूजा के बारे में कभी अपराधबोध न पालें यह कहकर की "अरे ये तो केवल प्रतीकात्मक है। "सारे धर्मों में मूर्तीपूजा होती है, भले ही वह ऐसा न कहें। कुछ मुर्दों को पूजते हैं कुछ काले पत्थरों को कुछ लटके हुए प्रेषितों को।

५) गणेशजी और हनुमानजी को  "Elephant god" या "Monkey god" न कहें। वे केवल हाथीयों तथा बंदरों के देवता नहीं है। सीधे सीधे श्री गणेश एवं श्री हनुमानजी कहें।

६) हमारें मंदिरों को प्रार्थनागृह न कहें। मंदिर देवालय होते हैं, भगवान के निवासगृह। वह प्रार्थनागृह नहीं होते. मंदिर में केवल प्रार्थना नहीं होती।

७) अपने बच्चों के जन्मदिनपर दीप बुझाके अपशकुन न करें. अग्निदेव को न बुझाएं। अपितु बच्चों को दीप की पार्थना सिखाएं "तमसो मा ज्योतिर्गमय" (हे अग्नि देवता, मुझे अंधेरे से उजाले की ओर जाने का रास्ता बताएं". ये सारे प्रतीक बच्चों के मस्तिष्क में गहरा असर करते हैं।

८) कृपया "spirituality" और "materialistic" जैसे शब्दों का उपयोग करने से बचें. हिंदूओं के लिये सारा विश्व दिव्यत्व से भरा है। "spirituality" और "materialistic" जैसे शब्द अनेक वर्ष पहले युरोप से यहां आये जिन्होंने चर्च और सत्ता मे फरक किया था। या विज्ञान और धर्म में, इसके विपरित भारतवर्ष में ऋषीमुनी हमारे पहले वैज्ञानिक थे और सनातन धर्म का मूल विज्ञान में ही है। यंत्र, तंत्र, एवं मंत्र यह हमारे धर्म का ही हिस्सा है।

९) "Sin" इस शब्द के स्थान पर "पाप" शब्द का प्रयोग करें। हम हिंदूओं मे केवल धर्म (कर्तव्य, न्यायपरायणता, एवं प्राप्त अधिकार) और अधर्म (जब धर्मपालन न हो) है. पाप अधर्म का हिस्सा है।

१०) ध्यान के लिये 'meditation' एवं प्राणायाम के लिये 'breathing exercise' इन संज्ञाओं का प्रयोग न करें, यह बिलकुल विपरीत अर्थ ध्वनित करते हैं।

११) क्या आप भगवान से डरते है? नहीं ना? क्यों? क्योंकि भगवान तो चराचर मे विद्यमान हैं। इतना ही नहीं हम स्वयं भगवान का ही रूप हैं। भगवान कोई हमसे पृथक नहीं जो हम उनसे डरें, तो फिर अपने आप को "God fearing" अर्थात भगवान से डरने वाला मत कहीये।

ध्यान रहे, विश्व मे केवल उनका सम्मान होता है जो स्वयं का सम्मान करते है।

यह पोस्ट अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की कृपा करें ताकि उन्हें अपने ही धर्म के विषय में CNN जैसे अधर्मीयों से न सीखना पडे।।

साभार: अज्ञात

20 જાન્યુ, 2022

દેશી જીવન અને સારું સ્વાસ્થ્ય

આપણા પૂર્વજો વાપરતા આ ઘરગથ્થુ ઇલાજ...
જે આપણે ભુલી જ ગયા...

▪ તાવ શરદી માં તુલસી, 
▪કાકડા માં હળદર, 
▪ઝાડા માં છાશ જીરું, 
▪ધાધર માં કુવાડીયો, 
▪હરસ મસા માં સુરણ, 
▪દાંત માં મીઠું, 
▪કૃમી માં વાવડિંગ, 
▪ચામડી માં લીંબડો, 
▪ગાંઠ માં કાંચનાર, 
▪સફેદ ડાઘ માં બાવચી, 
▪ખીલ માં શિમલકાંટા, 
▪લાગવા કે ઘા માં ઘા બાજરીયું, 
▪દુબળા પણાં માં અશ્વગંધા, 
▪નબળા પાચન માં આદુ, 
▪અનિંદ્રા માં ગંઠોડા, 
▪ગેસ માં હિંગ, 
▪અરુચિ માં લીંબુ, 
▪એસીડીટી માં આંબળા, 
▪અલ્સર માં શતાવરી, 
▪અળાઈ માં ગોટલી, 
▪પેટ ના દુખાવા માં કાકચિયા,
▪ઉધરસ માં જેઠીમધ,
▪પાચન વધારવા ફુદીનો,
▪સ્ત્રીરોગ માં એલોવીરા અને જાસૂદ,
▪શરદી ખાંસી માં અરડૂસી,
▪શ્વાસ ખાંસી માં ભોંય રીંગણી, 
▪યાદશક્તિ વધારવા બ્રાહ્મી,
▪મોટાપો ઘટાડવા જવ,
▪કિડની સફાઈ કરવા વરિયાળી,
▪તાવ દમ માં ગલકા,
▪વા માં નગોડ,
▪સોજા કે મૂત્રરોગ માં સાટોડી,
▪કબજિયાત અને ચર્મ રોગ માં ગરમાળો,
▪હદયરોગ માં દૂધી,
▪વાળ નું સૌંદર્ય વધારવા જાસૂદ,
▪દાંત અને ચામડી માટે કરંજ, 
▪મગજ અને વાઈ માટે વજ,
▪તાવ અને અરુચિ માટે નાગર મોથ,
▪શરીર પુષ્ટિ માટે અડદ,
▪સાંધા વાયુ માટે લસણ,
▪આંખ અને આમ માટે ગુલાબ,
▪વાળ વૃધી માટે ભાંગરો,
▪અનિંદ્રા માટે જાયફળ,
▪લોહી સુધારવા હળદર,
▪ગરમી ઘટાડવા જીરું,
▪ત્રિદોષ માટે મૂળા પાન,
▪પથરી માટે લીંબોળી અને પાન ફૂટી,
▪કફ અને દમ માટે લિંડી પીપર,
▪હિમોગ્લોબીન માટે બીટ અને ફિંદલા, 
▪કંપ વા માટે કૌચા બી,
▪આધાશીશી માટે શિરીષ બી,
▪ખરાબ સ્વપ્ન માટે ખેર,
▪ફેક્ચર માટે બાવળ પડીયા,
▪માથા ના દુખાવા માટે સહદેવી,
▪આંખ કાન માટે ડોડી ખરખોડી,
▪ડાયાબીટીસ માટે ગળો અને આંબળા નો ઉપયોગ કરવો...!!

આપણા પૂર્વજો આ બધુંય વાપરતા હતા... કયારેય એમને આજકાલ ની બીમારી નહોતી થાતી..

આપણે નવી પેઢીના કાંઈ પણ થાય... ડોક્ટર પાસે દોડી જતાં થઇ ગયાં... 

એલોપથી દવા ખાઈ ખાઈ.. શરીરની રોગ પ્રતિકારક શક્તિ નો નાશ કરી દીધો ... 

દેશી જીવન પર પાછા વળીએ... અને સારું સ્વાસ્થ્ય મેળવીએ..

.🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻........

17 જાન્યુ, 2022

50 घरेलु नुश्खे

*इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा:-*

साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाए कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है जो आपके घर में ही उपलब्ध है अजमाए और लाभ ले:-

(1) *अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग:-*

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी,खाँसी,जुकाम, बदनदर्द,कमर-दर्द, पेट दर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए !

(2) *मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक :-*

सेंधा नमक की लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबो कर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

(3) *बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण:-*

मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रख कर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रख कर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

(4) *मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री:-*

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है,गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

(5) *खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़:-*

गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

(6) *पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक:-*

आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं। बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये।

(7) *अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी:-*

भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

(8) *बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल:-*

10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल- दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

(9) *जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस:-*

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

(10) *पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन:-*

पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।

(11) *फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल:-*

नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है।

(12) *सर्दी बुखार और साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी:-*

तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिल बट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।

(13) *अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद:-*

बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा।

(14) *घुटनों में दर्द के लिये अखरोट:-*

सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है।

(15) *काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल:-*

चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।

(16) *कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण सुपारी से:-*

भोजन के बाद कच्ची सुपारी 20 से 40 मिनट तक चबाएँ फिर मुँह साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतला करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती है और रक्तचाप भी कम हो जाता है।

(17) *मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन:-*

मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिला कर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है।

(18) *हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा:-*

आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कम जोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभ होता है, साथ ही पित्त,ज्वर,उल्टी, जलन आदि में भी आराम मिलता है।

(19) *शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनी:-*

दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। दो ग्राम दाल चीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है।

(20) *हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये दूध और काली मिर्च:-*

हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये 10 ग्राम दूध में 250 ग्राम काली-मिर्च का चूर्ण मिला कर रख लें। 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार मक्खन के साथ मिला कर खाएँ।

(21) *श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल :-*

एक पाव दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करें, इसमें चीनी डाल कर सुबह और ‘शाम पीने से साँस की नली के रोग जैसे खाँसी, जुकाम, दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीर्य की कमी आदि रोग दूर होते हैं।

(22) *अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़:-*

रात में नींद न आती हो तो मलाई में गुड़ मिला कर खाएँ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।

(23) *कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय:-*

एक-एक चम्मच अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। स्वाद के लिये काला नमक या शहद मिलाएँ।

(24) *घमौरियों के लिये मुल्तानी मिट्टी:-*

घमौरियों पर मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता है।

(25) *पेट के रोग दूर करने के लिये मट्ठा:-*

मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा मिलाएँ और हींग का तड़का लगा दें। ऐसा मट्ठा पीने से हर प्रकार के पेट के रोग में लाभ मिलता है। यह बासी या खट्टा नहीं होना चाहिये।

(26) *खुजली की घरेलू दवा:-*

फटकरी के पानी से खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाएँ लाभ होगा।

(27) *मुहाँसों के लिये संतरे के छिलके:-*

संतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के छिलके का पिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है।

(28) *बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भाप:-*

एक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम होगा।

(29) *चर्मरोग के लिये टेसू और नीबू :-*

टेसू के फूल को सुखा कर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता है।

(30) *माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूध:-*

एक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें। माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।

(31) *गले में खराश के लिये जीरा:-*

एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक डालें ५ मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों में लाभ होगा।

(32) *सर्दी जुकाम के लिये दालचीनी और शहद:-*

एक ग्राम पिसी दाल चीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।

(33) *टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध:-*

एक प्याला (200 मिली ली।) दूध में आधा छोटा चम्मच (2 ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछ खाना पीना नहीं चाहिये।

(34) *ल्यूकोरिया से मुक्ति:-*

ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी,चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ 11-12 दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को 21 दिनों तक जारी रखना चाहिए।

(35) *मधुमेह के लिये आँवला और करेला:-*

एक प्याला करेले के रस में एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिला कर रोज पीने से दो महीने में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है।

(36) *मधुमेह के लिये काली चाय:-*

मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है।

(37) *उच्च रक्तचाप के लिये मेथी:-*

सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है।

(38) *माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब:-*

सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा।

(39) *अपच के लिये चटनी:-*

खट्टी डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, भूक न लगना इनमें से किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में प्याज और अदरक पीस कर चटनी बनाएँ इस चटनी में काला नमक डालें। एक सप्ताह तक प्रतिदिन भोजन के साथ लें, आराम आ जाएगा।

(40) *मुहाँसों से मुक्ति:-*

जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले 2-3 चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। 15 दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन 250 ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। 15-20 दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।

(41) *जलन की चिकित्सा चावल से:-*

कच्चे चावल के 8-10 दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। 21 दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

(42) *दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग:-*

तिल को पानी में 4 घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और 10 मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।

(43) *विष से मुक्ति:-*

10-10 ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा 5 ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।

(44) *खाँसी में प्याज:-*

अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।

(45) *स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा:-*

नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और 5 मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।

(46) *पेट साफ रखे अमरूद:-*

कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम 200 ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। 10 दिन लगातार खाने से पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो तब खाएँ।

(47) *पपीते के बीज के स्वास्थ्य हमारा:-*

पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है।

(48) *मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये:-*

मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।

(49) *सरसों का तेल केवल पाँच दिन:-*

रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी -सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।

(50) *भोजन से पहले अदरक:-*

भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी।