31 ઑક્ટો, 2022

HAPPY WORLD HEALTH DAY TO ALL

*HAPPY WORLD HEALTH DAY TO ALL...* 
*_Important numbers to remember :_*
*1. Blood pressure : 120 / 80*
*2. Pulse                   : 70 - 100*
*3. Temperature     : 36.8 - 37*
*4. Respiration        : 12-16*
                        *Males     (13.50-18)*
                        *Females ( 11.50 - 16)* 
*6. Cholesterol        : 130 - 200*
*7. Potassium          : 3.50 - 5*
*8. Sodium                : 135 - 145*
*9. Triglycerides      : 220*
*10. Amount of blood in the body :* 
                            *Pcv 30-40%*
*11. Sugar*             
              *Children     : 70-130*
              *Adults        : 70 - 115*
*12. Iron                    : 8-15 mg*
*13. WBC                   : 4000 - 11000*
*14. Platelets           : 150,000 - 400,000*
*15. RBC                     : 4.50 - 6 million*
*16. Calcium              : 8.6 - 10.3 mg/dL*
*17. Vitamin D3        : 20 - 50 ng/ml*
                                  *(nanograms/ml)*
*18. Vitamin B12       : 200 - 900 pg/ml*

  *_Tips for the 60 plus_*

 *First Tip:*
 Always drink water even if you don't feel thirsty!!
 The biggest health problem  is from the lack of water in the body!
2 litres Minimum per day (24 hours) 

*Second Tip:*
 Play sports even when you are very busy!
The body must be moved, even if only by walking or swimming or any kind of sport!.🚶 
Walking is good for a start!👌

 *Third Tip:*
Reduce food!
Leave excessive food cravings  because it never does good!
Don't deprive yourself  but reduce the quantity!
 Use more of Protein & Carbohydrates based foods. 

 *Fourth Tip*
 As much as possible, do not use the car unless absolutely necessary! Try to reach on foot for what you want (grocery, visiting someone or any goal)!  Climb stairs instead of  using an elevator/ escalator. 

*Fifth Tip*
 Let go of Anger!!
 Let go of worry!!
Try to overlook things...
 
Do not involve yourself in situations of disturbances! They all diminish health and take away the splendor of the soul. Talk to people who are positive and listen 👂 

*Sixth Tip*
 As it is said....'leave your money in the Sun  and sit in the shade'!!
Don't limit yourself and those around you.
Money was made to live by it, not to live for it.

*Seventh Tip*
 Don't make yourself feel sorry for anyone nor on something you could not achieve, 
nor anything that you could not own!
 Ignore it, forget it!🤔

*Eighth Tip*
Humility! Money, Prestige, Power and Influence  are all things that are corrupted by arrogance!
 Humility is what brings people closer to you with love.!☺ 

*Ninth Tip*
If your hair turns grey, this does not mean the end of life! It is a proof that a better life has begun! 🙋
 Be optimistic, travel, enjoy yourself!  Make memories!

*WorldHealthDay*

28 ઑક્ટો, 2022

आज का हिन्दू पंचांग

*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*

*⛅दिनांक - 29 अक्टूबर 2022*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2079*
*⛅शक संवत् - 1944*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - कार्तिक*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - चतुर्थी सुबह 08:13 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र - जेष्ठा सुबह 09:06 तक तत्पश्चात मूल*
*⛅योग - अतिगण्ड रात्रि 10:23 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहु काल - सुबह 09:33 से 10:58 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:43*
*⛅सूर्यास्त - 06:04*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:52 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - लाभ पंचमी*
*⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹 वास्तविक लाभ पाने का दिन लाभपंचमी : 29 अक्टूबर 2022*

*🌹 कार्तिक शुक्ल पंचमी ‘लाभपंचमी' कहलाती है । इसे ‘सौभाग्य पंचमी' भी कहते हैं । जैन लोग इसको ‘ज्ञान पंचमी' कहते हैं । व्यापारी लोग अपने धंधे का मुहूर्त आदि लाभपंचमी को ही करते हैं । लाभपंचमी के दिन धर्मसम्मत जो भी धंधा शुरू किया जाता है उसमें बहुत-बहुत बरकत आती है । यह सब तो ठीक है लेकिन संतों-महापुरुषों के मार्गदर्शन-अनुसार चलने का निश्चय करके भगवद्भक्ति के प्रभाव से काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार इन पाँचों विकारों के प्रभाव को खत्म करने का दिन है लाभपंचमी ।*

*🔹 लाभपंचमी के पाँच बातें अपने जीवन में लायें*

*१. अपने जीवन में कर्म अच्छे करना ।*

*२. आहार शुद्ध करना ।*

*३. मन को थोड़ा नियंत्रित करना कि इतनी देर जप में, ध्यान में बैठना है तो बैठना है, इतने मिनट मौन रहना है तो रहना है ।*

*४. शत्रु और मित्र के भय का प्रसंग आये तो सतत जागृत रहना । मित्र नाराज न हो जाय, शत्रु ऐसा तो नहीं कर देगा इस भय को तुरंत हटा दो ।*

*५. सत्य और असत्य के बीच के भेद को दृढ़ करो । शरीर मिथ्या है । शरीर सत् भी नहीं, असत् भी नहीं । असत् कभी नहीं होता और सत् कभी नहीं मिटता, मिथ्या हो-होके मिट जाता है । शरीर मिथ्या है, मैं आत्मा सत्य हूँ । सुख-दुःख, मान-अपमान, रोग आरोग्य सब मिथ्या है लेकिन आत्मा परमात्मा सत्य है । लाभपंचमी के दिन इसे समझकर सावधान हो जाना चाहिए ।*

*(४) पाँच कर्मदोषों से बचना चाहिए:*

*१. नासमझीपूर्वक कर्म करने से बचें, ठीक से समझकर फिर काम करें ।*

*२. अभिमानपूर्वक कर्म करने से बचें ।*

*३. रागपूर्वक अपने को कहीं फँसायें नहीं, किसीसे संबंध जोड़ें नहीं ।*

*४. द्वेषपूर्ण बर्ताव करने से बचें ।*

*५. भयभीत होकर कार्य करने से बचें। इन पाँच दोषों से रहित तुम्हारे कर्म भी लाभपंचमी को पंचामृत हो जायेंगे ।*

*🔹पाँच काम करने में कभी देर नहीं करनी चाहिए ।🔹*

*🔹१. धर्म का कार्य करने में कभी देर मत करना ।*

*🔹२. सत्पात्र मिल जाय तो दान-पुण्य करने में देर नहीं करना ।*

*🔹३. सच्चे संत के सत्संग, सेवा आदि में देर मत करना ।*

*🔹४. सत्शास्त्रों का पठन, मनन, चिंतन तथा उसके अनुरूप आचरण करने में देर मत करना ।*

*🔹५. भय हो तो भय को मिटाने में देर मत करना । निर्भय नारायण का चिंतन करना और भय जिस कारण से होता है उस कारण को हटाना । यदि शत्रु सामने आ गया है, मृत्यु का भय है अथवा शत्रु जानलेवा कुछ करता है तो उससे बचने में अथवा उस पर वार करने में भय न करना । यह 'स्कंद पुराण' में लिखा है । तो विकार, चिंता, पाप-विचार ये सब भी शत्रु हैं, इनको किनारे लगाने में देर नहीं करनी चाहिए ।*

*🔹आर्थिक समृद्धि के लिए...🔹*

*🔹रात्रि में दही और सत्तू का सेवन करने से लक्ष्मी का निरादर होता है और बुद्धि भी कमजोर होती है । अतः आर्थिक समृद्धि और अपनी बुद्धि की सुरक्षा चाहनेवालों को इनका सेवन रात्रि में नहीं करना चाहिए ।*



5 ઑક્ટો, 2022

आज का हिन्दू पंचांग

yoyo:
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 06 अक्टूबर 2022*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2079*
*⛅शक संवत् - 1944*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी सुबह 09:40 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - धनिष्ठा शाम 07:42 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग - शूल रात्रि 02:21 तक तत्पश्चात गण्ड*
*⛅राहु काल - दोपहर 01:56 से 03:25 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:33*
*⛅सूर्यास्त - 06:22*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:44 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:52 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - पापांकुशा एकादशी*
*⛅ विशेष - एकादशी को शिम्बी(सेम), द्वादशी को पूतिका(पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* 
*एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित है ।*

*🔹नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए🔹* 
*🔹दशहरे से शरद पूनम तक चन्द्रमा की चाँदनी में विशेष हितकारी रस, हितकारी किरणें होती हैं । इन दिनों चन्द्रमा की चाँदनी का लाभ उठाना, जिससे वर्षभर आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें । नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए दशहरे से शरद पूर्णिमा तक प्रतिदिन रात्रि में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा के ऊपर त्राटक (पलकें झपकाये बिना एकटक देखना) करें ।* - *🌹🌹*

*🔹पापांकुशा एकादशी - 06 अक्टूबर 2022🔹*
*एकादशी 05 अक्टूबर दोपहर 12:01 से 06 अक्टूबर सुबह 09:40 तक । उपवास 06 अक्टूबर गुरुवार को रखें ।*

*👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
*👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
*👉 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*

*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*

*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*

*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।* 

*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

*🌹राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*

*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*

*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*

*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*

*🌞

4 ઑક્ટો, 2022

श्री दुर्गा माँ के 108 नाम (अर्थ सहित)

श्री दुर्गा माँ के 108 नाम (अर्थ सहित)
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1. सती- अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली
2. साध्वी- आशावादी
3. भवप्रीता- भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली
4. भवानी- ब्रह्मांड की निवास
5. भवमोचनी- संसार बंधनों से मुक्त करने वाली
6. आर्या- देवी
7. दुर्गा- अपराजेय
8. जया- विजयी
9. आद्य- शुरूआत की वास्तविकता
10. त्रिनेत्र- तीन आँखों वाली
11. शूलधारिणी- शूल धारण करने वाली
12. पिनाकधारिणी- शिव का त्रिशूल धारण करने वाली
13. चित्रा- सुरम्य, सुंदर
14. चण्डघण्टा- प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली
15. महातपा- भारी तपस्या करने वाली
16. मन - मनन- शक्ति
17. बुद्धि- सर्वज्ञाता
18. अहंकारा- अभिमान करने वाली
19. चित्तरूपा- वह जो सोच की अवस्था में है
20. चिता- मृत्युशय्या
21. चिति- चेतना
22. सर्वमन्त्रमयी- सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली
23. सत्ता- सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है
24. सत्यानन्दस्वरूपिणी- अनन्त आनंद का रूप
25. अनन्ता- जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं
26. भाविनी- सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत
27. भाव्या- भावना एवं ध्यान करने योग्य
28. भव्या- कल्याणरूपा, भव्यता के साथ
29. अभव्या - जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं
30. सदागति- हमेशा गति में, मोक्ष दान
31. शाम्भवी- शिवप्रिया, शंभू की पत्नी
32. देवमाता- देवगण की माता
33. चिन्ता- चिन्ता
34. रत्नप्रिया- गहने से प्यार
35. सर्वविद्या- ज्ञान का निवास
36. दक्षकन्या- दक्ष की बेटी
37. दक्षयज्ञविनाशिनी- दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली
38. अपर्णा- तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली
39. अनेकवर्णा- अनेक रंगों वाली
40. पाटला- लाल रंग वाली
41. पाटलावती- गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली
42. पट्टाम्बरपरीधाना- रेशमी वस्त्र पहनने वाली
43. कलामंजीरारंजिनी- पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली
44. अमेय- जिसकी कोई सीमा नहीं
45. विक्रमा- असीम पराक्रमी
46. क्रूरा- दैत्यों के प्रति कठोर
47. सुन्दरी- सुंदर रूप वाली
48. सुरसुन्दरी- अत्यंत सुंदर
49. वनदुर्गा- जंगलों की देवी
50. मातंगी- मतंगा की देवी
51. मातंगमुनिपूजिता- बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय
52. ब्राह्मी- भगवान ब्रह्मा की शक्ति
53. माहेश्वरी- प्रभु शिव की शक्ति
54. इंद्री- इन्द्र की शक्ति
55. कौमारी- किशोरी
56. वैष्णवी- अजेय
57. चामुण्डा- चंड और मुंड का नाश करने वाली
58. वाराही- वराह पर सवार होने वाली
59. लक्ष्मी- सौभाग्य की देवी
60. पुरुषाकृति- वह जो पुरुष धारण कर ले
61. विमिलौत्त्कार्शिनी- आनन्द प्रदान करने वाली
62. ज्ञाना- ज्ञान से भरी हुई
63. क्रिया- हर कार्य में होने वाली
64. नित्या- अनन्त
65. बुद्धिदा- ज्ञान देने वाली
66. बहुला- विभिन्न रूपों वाली
67. बहुलप्रेमा- सर्व प्रिय
68. सर्ववाहनवाहना- सभी वाहन पर विराजमान होने वाली
69. निशुम्भशुम्भहननी- शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली
70. महिषासुरमर्दिनि- महिषासुर का वध करने वाली
71. मधुकैटभहंत्री- मधु व कैटभ का नाश करने वाली
72. चण्डमुण्ड विनाशिनि- चंड और मुंड का नाश करने वाली
73. सर्वासुरविनाशा- सभी राक्षसों का नाश करने वाली
74. सर्वदानवघातिनी- संहार के लिए शक्ति रखने वाली
75. सर्वशास्त्रमयी- सभी सिद्धांतों में निपुण
76. सत्या- सच्चाई
77. सर्वास्त्रधारिणी- सभी हथियारों धारण करने वाली
78. अनेकशस्त्रहस्ता- हाथों में कई हथियार धारण करने वाली
79. अनेकास्त्रधारिणी- अनेक हथियारों को धारण करने वाली
80. कुमारी- सुंदर किशोरी
81. एककन्या- कन्या
82. कैशोरी- जवान लड़की
83. युवती- नारी
84. यति- तपस्वी
85. अप्रौढा- जो कभी पुराना ना हो
86. प्रौढा- जो पुराना है
87. वृद्धमाता- शिथिल
88. बलप्रदा- शक्ति देने वाली
89. महोदरी- ब्रह्मांड को संभालने वाली
90. मुक्तकेशी- खुले बाल वाली
91. घोररूपा- एक भयंकर दृष्टिकोण वाली
92. महाबला- अपार शक्ति वाली
93. अग्निज्वाला- मार्मिक आग की तरह
94. रौद्रमुखी- विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा
95. कालरात्रि- काले रंग वाली
96. तपस्विनी- तपस्या में लगे हुए
97. नारायणी- भगवान नारायण की विनाशकारी रूप
98. भद्रकाली- काली का भयंकर रूप
99. विष्णुमाया- भगवान विष्णु का जादू
100. जलोदरी- ब्रह्मांड में निवास करने वाली
101. शिवदूती- भगवान शिव की राजदूत
102. करली - हिंसक
103. अनन्ता- विनाश रहित
104. परमेश्वरी- प्रथम देवी
105. कात्यायनी- ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय
106. सावित्री- सूर्य की बेटी
107. प्रत्यक्षा- वास्तविक
108. ब्रह्मवादिनी- वर्तमान में हर जगह वास करने वाली।

🙏🌺"जय माता जी की"🌺🙏
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3 ઑક્ટો, 2022

अर्जुन तो थे , बस उनके हिस्से कृष्ण नहीं आये

वे सारे लड़के, अर्जुन तो थे
बस उनके हिस्से कृष्ण नहीं आये
उनके हिस्से आया
रोज का डेढ़ जीबी इंटरनेट

उन्होंने अपने कृष्ण को खूब तलाशा
कभी किसी youtuber की बातों में
तो कभी सौ रुपये की जिंदगी बदल देने वाली किताबों में

लेकिन, इन installment में मिली गीता ज्ञान ने
उन्हें अध्यात्म कम, capitalism ज्यादा सिखाया

कृष्ण के अभाव में
ये अर्जुन नहीं कर पाये,
सगे दुर्यधनों, दुःशासनों का वद्ध
अपने ही दिमाग में
इन्होंने किया कौरवों का पोषण

किसी द्रोणाचार्य ने नहीं दिया
इन्हें सर्वश्रेष्ठ बनाने का वचन
ये निहारते रहे मछली का जिस्म

द्रौपदियों ने किया, आखिरी वक़्त में इन्हें इंकार
जताया इनके काबिलियत पर संदेह

ये सारे अर्जुन ,अलसाकर अनमने से
फिलहाल निपटा रहे हैं Netflix,hot स्टार
कर रहे हैं , सरकारी वेकैंसी का इंतजार

ये बेचारे हैं confuse

लेकिन, मुझे है यकीन
एक रोज, ये उठेगें अचानक से
इन्हें याद आयेगा, कि ये चला सकते हैं धनुष
रखकर Redmi का फोन, उठा लेंगे गांडीव
तोड़ देंगे चक्रव्यूह और निकल आयेंगे बाहर

क्योंकि, चक्रव्यूह से बाहर निकलना अर्जुन को आता था
ऐसा महाभारत हमें बताती है.

आभार -अभिनव झा

1 ઑક્ટો, 2022

                   રુદ્રાભિષેક સ્તોત્ર 

ૐ નમો ભવાય , શર્વાય રુદ્રાય વરદાય ચ । પશૂનાં પતયે નિત્ય ઉગાય ચ કપર્દિને / ૧ /
 ૐ સંસાર સ્વરૂપ , સર્વ પ્રાણીઓનું કલ્યાણ કરનાર રુદ્ર , વરદાન આપનાર , પ્રાણીઓના સ્વામી , ઉગ્ર , કપર્દિ શિવને નમસ્કાર છે . 
મહાદેવાય ભીમાય ત્ર્યંબકાય શિવાય ચ । ઈશાનાય મખનાય નમસ્તે મખઘાતિને( ૨ )
સૌથી મોટા દેવ , ભયંકર સ્વરૂપવાળા , ત્રણ આંખોવાળા , કલ્યાણ સ્વર , જગતના ઇશ્વર , દક્ષના યજ્ઞનો નાશ કરનાર હે શિવ ! તમને નમસ્કાર છે . ( ૨ ) 
કુમાર ગુરવે નિત્ય નીલગ્રીવાય વેધસે । વિલોહિતાય ધૂત્રાય વ્યાધિનેનપરાજીતે |૩ I 
હંમેશાં કુમારોના ગુરુ , નીલકંઠવાળા , સૃષ્ટિનું સર્જન કરનારા , લાલ રંગવાળા , ધૂમ વર્ણ જેવા દેખાતા , વ્યાધિઓ સામે કદી પરાજય નહિ પામેલા તેવા શિવને નમસ્કાર છે . ( 3 )
 નિત્ય નીલશિખંડાય , શૂલિને દિવ્ય ચક્ષુષે હન્ઝેગોત્રે ત્રિનેત્રાય , વ્યાધાય ચ સુરેતસે ॥ ૪||
 નિત્ય શ્યામ કંઠવાળા ,હાથમાં ત્રિશૂલને ધારણ કરનારા , દિવ્ય આંખોવાળા , દુષ્ટોને હણનારા , ભક્તોનું રક્ષણ કરનારા , ત્રણ નેત્રવાળા , શિકારી સ્વરૂપવાળા , સુંદર વીર્યવાળા શિવને મારા નમસ્કાર છે .(૪) અચિંત્યાયામ્બિકાભર્કો સર્વદેવ સ્તુતાય ચ । વૃષભધ્વજાય મુંડાય જટિને બ્રહ્મચારિણે || ૫ ||
 ચિંતન ન થઇ શકે તેવા , માતા પાર્વતીના પતિ , બધા દેવો વડે જેમની સ્તુતિ કરાય છે તેવા , જેમની ધજામાં પોઠિયાનું ચિહ્ન છે એવા , ખોપરી ધારણ કરેલા , જટાજૂટ જટાવાળા , બ્રહ્મચારી એવા શિવને મારા નમસ્કાર છે .(૫)
તપ્તમાનાય સલિલે બાયા જિતાય ચા વિશાત્મને વિશ્વસૃજે વિષાવૃત્ય તિષ્ઠ  ||૬ ||
જળમાં તપતાં બ્રહ્મણીય , કોઇથી નહી જિતાયેલા , વિશ્વના આત્મા સ્વરૂપ , વિશ્વનું સર્જન કરનારા , વિશ્વને આચ્છાદિત કરીને રહેલા એવા શિવજીને મારા નમસ્કાર છે . ( 6 )
 નમો નમસ્તે સત્યાય ભૂતાનાં પ્રવભે નમઃ । પંચ વાય શર્વાય સંકરાય શિવાય ચ ।। ૭ ||
જે સત્ય સ્વરૂપ છે તેમને નમસ્કાર છે . પ્રાણીઓના પતિને નમસ્કાર છે , પાંચ મુખવાળા શર્વને નમસ્કાર છે , કલ્યાણકારી શિવને મારા નમસ્કાર છે .(૭)
 નમોડસ્તુ વાચસ્પતયે પ્રજાનાં પતયે નમઃ । નમો વિશ્વસ્ય પતયે , મહતા પતયે નમ : II ૮||
વાણીના પતિ શિવને નમસ્કાર છે , પ્રજાઓના પતિને નમસ્કાર છે , વિશ્વના પતિને નમસ્કાર છે , મહાન લોકોના પતિને મારા નમસ્કાર છે .
  નમઃ સહસ્ત્ર શિર્ષાય , સહસ્ત્ર ભુજ અન્યવે સહસ્ત્ર નેત્રે પાદાય , નમઃ સાંખ્યાય કર્મણે ||૯||
 હજાર મસ્તક વાળા , હજાર બાહુઓ તથા ક્રોધ સ્વરૂપ શિવને મારા નમસ્કાર છે . હજાર નેત્રોવાળા અને હજાર પગોવાળા , સાંખ્ય ( જ્ઞાન ) રૂપ અને કર્મરૂપ શિવજીને મારા નમસ્કાર છે . ( ૯ ) 
નમો હિરણ્યવર્ણાય , હિરણ્ય કવચાય ચ । ભકતાનુકંપિને નિત્યં સિધ્યતાં નો વઃ પ્રભો ॥ ૧૦ ॥ સુવર્ણ જેવા વર્ણવાળા સુવર્ણનું કવચ ધારણ કરવાવાળા , હંમેશા ભક્તો ઉપર | કૃપા કરનારા પ્રભુ શિવ ! અમારું વરદાન સિદ્ધ થાઓ . ( 10 )
 એવં સ્તુત્વા મહાદેવ , વાસુદેવાઃ સહાર્જુનઃ । પ્રસાદયામાસ ભવં , તદા શસ્ત્રોપલબ્ધયે ॥ ૧૧||
 આ પ્રમાણે કૃષ્ણ તથા અર્જુને મહાદેવ સદાશિવની સ્તુતિ કરીને તેમને પ્રસન કર્યા અને તેમનાથી શસ્ત્રોની પ્રાપ્તિ કરી . ( ૧૧ ) । 
                 તસ્યદિશિવાર્પણમ્ ।