23 ફેબ્રુ, 2022

શિવાજી - મેનેજમેન્ટ ગુરુ

શિવાજી ધ ગ્રેટ
જન્મ : 19 Feb. 1630
મૃત્યુ : 3 Apr. 1680

શાળામાં ઈતિહાસમાં શિવાજી વિશે ક્યારેય બહુ શીખ્યા નથી. ઘણા તેના વિશે શું વિચારે છે તેનાથી આશ્ચર્યચકિત થયા:

 *"કાબુલથી કંદહાર સુધી મારા તૈમુર પરિવારે મોગલ સલ્તનતની રચના કરી. ઈરાક, ઈરાન, તુર્કીસ્તાન અને બીજા ઘણા દેશોમાં મારી સેનાએ વિકરાળ યોદ્ધાઓને હરાવ્યા. પણ ભારતમાં શિવાજીએ અમારા પર બ્રેક લગાવી. મેં મારી મહત્તમ શક્તિ શિવાજી પર ખર્ચી નાખી પણ લાવી શક્યો નહીં. તેને તેના ઘૂંટણ સુધી.*

 *યા અલ્લાહ, તમે મને એક દુશ્મન આપ્યો, નિર્ભય અને સીધો, કૃપા કરીને તેના માટે તમારા સ્વર્ગના દરવાજા ખુલ્લા રાખો કારણ કે વિશ્વનો શ્રેષ્ઠ અને વિશાળ હૃદયનો યોદ્ધા તમારી પાસે આવી રહ્યો છે."*

 -ઔરંગઝેબ (શિવાજીના મૃત્યુ પછી, નમાઝ વાંચતી વખતે)

 *"તે દિવસે શિવાજીએ માત્ર મારી આંગળીઓ જ કાપી ન હતી પણ મારું ગૌરવ પણ કાપી નાખ્યું હતું. મને સપનામાં પણ તેમને મળવાનો ડર લાગે છે."*

 --શાહિસ્તા ખાન.

 *"શું મારા રાજ્યમાં શિવાજીને હરાવવા માટે કોઈ માણસ બચ્યો નથી??"*

 - હતાશ બેગમ અલી આદિલશાહ.

 *"નેતાજી, તમારા દેશને અંગ્રેજોને હાંકી કાઢવા માટે કોઈ હિટલરની જરૂર નથી. તમારે ફક્ત શિવાજીનો ઈતિહાસ શીખવવાની જરૂર છે."*

 -એડોલ્ફ હિટલર

 *"જો શિવાજીનો જન્મ ઈંગ્લેન્ડમાં થયો હોત તો આપણે માત્ર પૃથ્વી પર જ નહીં પરંતુ સમગ્ર બ્રહ્માંડ પર રાજ કર્યું હોત."*

 - લોર્ડ માઉન્ટબેટન

 *"જો શિવાજી બીજા દસ વર્ષ જીવ્યા હોત તો અંગ્રેજોએ ભારતનો ચહેરો જોયો ન હોત."*

 -- એક બ્રિટિશ ગવર્નર

 *_ભારતને સ્વતંત્ર બનાવવું હોય તો એક જ રસ્તો છે, 'શિવાજીની જેમ લડવું'."*

 --નેતાજી

 *"શિવાજી માત્ર એક નામ નથી, તે ભારતીય યુવાનો માટે ઉર્જાનો સ્ત્રોત છે, જેનો ઉપયોગ ભારતને આઝાદ બનાવવા માટે થઈ શકે છે."*

 - સ્વામી વિવેકાનંદ.

 *"જો શિવાજીનો જન્મ અમેરિકામાં થયો હોત, તો અમે તેમને સૂર્ય તરીકે નામાંકિત કરત."*

 - બેરેક ઓબામા

 ઉંબરખિંડના પ્રખ્યાત યુદ્ધનો ઉલ્લેખ ગીનીસ બુક ઓફ વર્લ્ડ રેકોર્ડમાં કરવામાં આવ્યો છે:

 *"ઉઝબેકિસ્તાનના કરતલબ ખાનની 30,000 મજબૂત સૈન્યને શિવાજીના માત્ર 1000 મવાલાઓ દ્વારા પરાજિત કરવામાં આવી હતી. એક પણ ઉઝબેકીને ઘરે પાછા ફરવા માટે જીવિત છોડવામાં આવ્યો ન હતો."*

 શિવાજી આંતરરાષ્ટ્રીય ખ્યાતિના રાજા હતા. તેમની કારકિર્દીના 30 વર્ષના ગાળામાં તેઓ માત્ર બે ભારતીય યોદ્ધાઓ સાથે લડ્યા હતા. બાકીના બધા બહારના હતા.

 શાહિસ્તા ખાન, જેને સપનામાં પણ શિવાજીનો ડર લાગતો હતો તે અબુ તાલિબાન અને તુર્કીસ્તાનના રાજા હતા.

 બહેલોલ ખાન પઠાણ, સિકંદર પઠાણ, ચિદર ખાન પઠાણ બધા અફઘાનિસ્તાનના યોદ્ધા સરદાર હતા.

 દિલેર ખાન પઠાણ મંગોલિયાનો મહાન યોદ્ધા હતો. બધાએ શિવજીની સામે ધૂળ ખાઈ.

 સિધ્ધી જોહર અને સલાબા ખાન ઈરાની યોદ્ધાઓ હતા, જેમને શિવાજી દ્વારા પરાજય મળ્યો હતો.

 સિદ્ધિ જોહરે પાછળથી દરિયાઈ હુમલાની યોજના બનાવી. જવાબમાં શિવાજીએ નૌકાદળ ઉભું કર્યું, જે પ્રથમ ભારતીય નૌકાદળ હતું. પરંતુ કાર્ય પૂર્ણ કરતા પહેલા જ શિવાજી આ દુનિયા છોડી ગયા. (તેને ઝેર આપવામાં આવ્યું હતું.)

 Google *"શિવાજી, મેનેજમેન્ટ ગુરુ."* તે બોસ્ટન યુનિવર્સિટીમાં સંપૂર્ણ વિષય છે.

 તેમ છતાં, આપણે ભારતીયો તેમના વિશે બહુ ઓછું જાણીએ છીએ..... કેવા અફસોસની વાત છે.... કમસેકમ ચાલો આપણે આપણી ભાવિ પેઢીને આ મહાન ભારતીય વિશે જાણીએ.

22 ફેબ્રુ, 2022

हाथी (निबंध)

हाथी निबंध

हाथी पालतू प्राणी है । हाथी का शरीर बड़ा है ।हाथी का रंग काला होता है ।हाथी के पैर खंभे की तरह दिखते हैं। हाथी के कान बड़े होते हैं ।उसकी एक  छोटी पूछ होती है। हाथी जंगल में रहने वाला बहुत ही बड़ा विशाल पशु है। राजा महाराजाओं की सवारी होने के कारण इसे  शाही पशु भी कहा जाता है ।हाथी के दांत को  " हाथी दांत "बोलते हैं। वह बहुत कीमती होता है। हाथी हमारा परम मित्रों कहलाता है।

बरसात निबंध

बरसात निबंध
    भारत देश में बारिश का मौसम आने से पहले गर्मी का मौसम होता है ।बच्चे, बूढ़े और जवान सभी लोग बरसात का इंतजार करते हैं। बारिश होते ही धरती खील उठती है ।पेड़ और पौधों में जान आ जाती है। बरसात के कारण पूरा वातावरण ठंडा हो जाता है। बरसात का मौसम आषाढ़, श्रावण और भादो मास में आता है। नदी ,तालाब और सरोवर पानी से भर जाते हैं।  मोर जैसे पक्षी नाच करते हैं।
       किसान खुश होते हैं।  हमारे त्योहार बरसात के मौसम में ज्यादा आते हैं। मुझे बरसात का मौसम बहुत पसंद है ।
                   नमस्ते 

21 ફેબ્રુ, 2022

पैरों के तलवों पर तेल की मालिश

*अपने पैरों के तलवों में तेल लगाएं*

 1। एक महिला ने लिखा कि मेरे दादा का 87 साल की उम्र में निधन हो गया, पीठ में दर्द नहीं, जोड़ों का दर्द नहीं, सिरदर्द नहीं, दांतों का नुकसान नहीं। एक बार उन्होंने कहना शुरू किया कि उन्हें कलकत्ता में रहने पर एक बूढ़े व्यक्ति ने ,जो कि रेलवे लाइन पर पत्थर बिछाने का काम करता था,सलाह दी कि सोते समय अपने पैरों के तलवों पर तेल लगाये। यह मेरे उपचार और फिटनेस का एकमात्र स्रोत है।

 2। एक छात्रा ने कहा कि मेरी मां ने उसी तरह तेल लगाने पर जोर दिया। फिर उसने कहा कि एक बच्चे के रूप में, उसकी दृष्टि कमजोर हो गई थी। जब उसने इस प्रक्रिया को जारी रखा, तो मेरी आंखों की रोशनी धीरे-धीरे पूरी तरह से स्वस्थ और स्वस्थ हो गई।

 3। एक सज्जन जो एक व्यापारी हैं, ने लिखा है कि मैं अवकाश के लिए चित्राल गया था। मैं वहाँ एक होटल में सोया था। मैं सो नहीं सका। मैं बाहर घूमने लगा। रात में बाहर बैठे पुराने चौकीदार ने मुझसे पूछना शुरू किया, "क्या बात है?" मैंने कहा नींद नहीं आ रही है! वह मुस्कुराया और कहा, "क्या आपके पास कोई तेल है?" मैंने कहा, नहीं, वह गया और तेल लाया और कहा, "कुछ मिनट के लिए अपने पैरों के तलवों की मालिश करें।" फिर वह खर्राटे लेना शुरू कर दिया। अब मैं सामान्य हो गया हूं।

 4। मैंने रात में सोने से पहले अपने पैरों के तलवों पर इस तेल की मालिश की कोशिश की। इससे मुझे बेहतर नींद आती है और थकान दूर होती है।

 5। मुझे पेट की समस्या थी। अपने तलवों पर तेल से मालिश करने के बाद, 2 दिनों में मेरे पेट की समस्या ठीक हो गई।

 6। वास्तव में! इस प्रक्रिया का एक जादुई प्रभाव है। मैंने रात को सोने जाने से पहले अपने पैरों के तलवों की तेल से मालिश की। इस प्रक्रिया ने मुझे बहुत सुकून की नींद दी।

 7. मैं इस ट्रिक को पिछले 15 सालों से कर रहा हूं। इससे मुझे बहुत ही चैन की नींद आती है। मैं अपने छोटे बच्चों के पैरों के तलवों की भी तेल से मालिश करता हूं, जिससे वे बहुत खुश और स्वस्थ रहते हैं।

 8. मेरे पैरों में दर्द हुआ करता था। मैंने रात को सोने जाने से पहले अपने पैरों के तलवों को 2 मिनट तक रोजाना जैतून के तेल से मालिश करना शुरू किया। इस प्रक्रिया से मेरे पैरों में दर्द से राहत मिली।

 9। मेरे पैरों में हमेशा सूजन रहती थी और जब मैं चलता था, मैं थक जाता था। मैंने रात को सोने जाने से पहले अपने पैरों के तलवों पर तेल मालिश की इस प्रक्रिया को शुरू किया। सिर्फ 2 दिनों में, मेरे पैरों की सूजन गायब हो गई।

 10 रात में, बिस्तर पर जाने से पहले, मैंने अपने पैरों के तलवों पर तेल की मालिश का एक टिप देखा और उसे करना शुरू कर दिया। इससे मुझे बहुत ही चैन की नींद मिली।

 1 1। बड़ी अदभुत बात है। यह टिप आरामदायक नींद के लिए नींद की गोलियों से बेहतर है। मैं अब हर रात अपने पैरों के तलवों की तेल से मालिश करके सोता हूं।

 12 मेरे दादाजी के पैरों के तलवों में जलन होती थी और सिरदर्द होता था। जब से उन्होंने अपने तलवों पर कद्दू का तेल लगाना शुरू किया, दर्द दूर हो गया।

 13. मुझे थायरॉइड की बीमारी थी। मेरे पैर में हर समय दर्द हो रहा था। पिछले साल किसी ने मुझे रात में बिस्तर पर जाने से पहले पैरों के तलवों पर तेल की मालिश का यह सुझाव दिया था। मैं इसे स्थायी रूप से कर रहा हूं। अब मैं आम तौर पर शांत हूं।

 14। मेरे पैर सुन रहे थे। मैं रात को बिस्तर पर जाने से पहले चार दिनों तक अपने पैरों के तलवों की तेल से मालिश कर रहा हूं। एक बड़ा अंतर है।

 15. बारह या तेरह साल पहले मुझे बवासीर हुआ था। मेरा दोस्त मुझे एक ऋषि के पास ले गया जो 90 साल का था। उन्होंने हाथ की हथेलियों पर, उँगलियों के बीच, नाखूनों के बीच और नाखूनों पर तेल रगड़ने का सुझाव दिया और कहा: नाभि में चार-पाँच बूँद तेल डालें और सो जाएँ। मैं हकीम साहब की सलाह मानने लगा। मुझे बहुत राहत मिली। इस टिप ने मेरी कब्ज की समस्या को भी हल कर दिया। मेरे शरीर की थकान भी दूर हो जाती है और मुझे चैन की नींद आती है। खर्राटों को रोकता है।

 16। पैरों के तलवों पर तेल की मालिश एक आजमाई हुई और परखी हुई टिप है।

 17। तेल से मेरे पैरों के तलवों की मालिश करने से मुझे चैन की नींद मिली।

 18. मेरे पैरों और घुटनों में दर्द था। जब से मैंने अपने पैरों के तलवों पर तेल की मालिश की टिप पढ़ी है, अब मैं इसे रोजाना करता हूं, इससे मुझे चैन की नींद आती है।

 19. जब से मैंने रात को बिस्तर पर जाने से पहले अपने पैरों के तलवों पर तेल की मालिश के इस नुस्खे का उपयोग करना शुरू किया है, तब से मुझे कमर दर्द ठीक हो गया है। मेरी पीठ का दर्द कम हो गया है और भगवान का शुक्र है कि मुझे बहुत अच्छी नींद आई है।

 *रहस्य इस प्रकार है:*

 रहस्य बहुत ही सरल, बहुत छोटा, हर जगह और हर किसी के लिए बहुत आसान है। *किसी भी तेल, सरसों या जैतून, आदि को पैरों के तलवों और पूरे पैर पर लगायें, विशेषकर तलवों पर तीन मिनट के लिए और दाहिने पैर के तलवे पर तीन मिनट के लिए।* रात को सोते समय पैरों के तलवों की मालिश करना कभी न भूलें, और बच्चों की मालिश भी इसी तरह करें। इसे अपने जीवन के बाकी हिस्सों के लिए एक दिनचर्या बना लें। फिर प्रकृति की पूर्णता को देखें। आप अपने पूरे जीवन में कंघी करते हैं। क्यों न पैरों के तलवों पर तेल लगाया जाए।

 *प्राचीन चीनी चिकित्सा के अनुसार, पैरों के नीचे लगभग 100 एक्यूप्रेशर बिंदु हैं। उन्हें दबाने और मालिश करने से मानव अंगों को भी ठीक किया जाता है। उसे फुट रिफ्लेक्सॉजी कहा जाता है। दुनिया भर में पैरों की मालिश चिकित्सा का उपयोग किया जाता है।*

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 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

20 ફેબ્રુ, 2022

पद्मपुराण में एक कथा :अतिसुन्दर हंस

*‼पद्मपुराण में एक कथा है-‼*
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*एक बार एक शिकारी शिकार करने गया,शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया। पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहाँ-वहाँ हिलने के कारण।*
*वहीं से एक अतिसुन्दर हंस उड़कर जा रहा था, उस हंस ने देखा की वह व्यक्ति बेचारा परेशान हो रहा हैं, धूप उसके मुँह पर आ रही हैं तो ठीक से सो नहीं पा रहा हैं, तो वह हंस पेड़ की डाली पर अपने पंख खोल कर बैठ गया ताकि उसकी छाँव में वह शिकारी आराम से सोयें। जब वह सो रहा था तभी एक कौआ आकर उसी डाली पर बैठा, इधर-उधर देखा और बिना कुछ सोचे-समझे शिकारी के ऊपर अपना मल विसर्जन कर वहाँ से उड़ गया। तभी शिकारी उठ गया और गुस्से से यहाँ-वहाँ देखने लगा और उसकी नज़र हंस पर पड़ी और उसने तुरंत धनुष बाण निकाला और उस हंस को मार दिया। हंस नीचे गिरा और मरते-मरते हंस ने कहा:- मैं तो आपकी सेवा कर रहा था, मैं तो आपको छाँव दे रहा था, आपने मुझे ही मार दिया? इसमें मेरा क्या दोष? उस समय उस पद्मपुराण के शिकारी ने कहा: यद्यपि आपका जन्म उच्च परिवार में हुआ, आपकी सोच आपके तन की तरह ही सुंदर हैं,* *आपके संस्कार शुद्ध हैं, यहाँ तक की आप अच्छे इरादे से मेरे लिए पेड़ की डाली पर बैठ मेरी सेवा कर रहे थे, लेकिन आपसे एक गलती हो गयी, की जब आपके पास कौआ आकर बैठा तो आपको उसी समय उड़ जाना चाहिए था। उस दुष्ट कौए के साथ एक घड़ी की संगत ने ही आपको मृत्यु के द्वार पर पहुंचाया हैं।*

*शिक्षा: संसार में संगति का सदैव ध्यान रखना चाहिये। जो मन, कार्य और बुद्धि से परमहंस हैं उन्हें कौओं से दूरी बनायें रखना चाहिये।*

🙏🙏

*जो प्राप्त है-पर्याप्त है*
*जिसका मन मस्त है*
*उसके पास समस्त है!!*

सम्राट पं० पुष्यमित्र शुंग

*प्रशासक समिति ✊🚩*
(पूर्णिमा/०४)

*👉जिसके सिर पर तिलक ना दिखे उसका सर धड़ से अलग कर दो  - सम्राट  पं० पुष्यमित्र शुंग* 

👉यह बात आज से लगभग 2100 वर्ष पहले की है । एक किसान ब्राह्मण के घर एक पुत्र ने जन्म लिया , जिसका नाम रखा गया पुष्यमित्र था अर्थात पुष्यमित्र शुंग ....... और वह बना एक महान हिंदू सम्राट जिसने भारत देश को बौद्ध देश बनने से बचाया ।

*👉अगर पुष्यमित्र शुंग जैसा कोई राजा कंबोडिया मलेशिया या इंडोनेशिया में जन्म लेता तो आज भी यह देश हिंदू देश होते ।*

👉जब सिकंदर राजा पोरस से मार खाकर अपना विश्व विजय का सपना तोड़ कर उत्तर भारत से शर्मिंदा होकर मगध की ओर गया था तो उसके साथ आए हुए बहुत से यवन वहां बस गए थे  ।

👉सम्राट अशोक के बौद्ध धर्म अपना लेने से उनके बाद उनके वंशजों ने भारत में बौद्ध धर्म लागू करवा दिया ।

👉ब्राह्मणों के द्वारा इस नीति का विरोध होने पर उनका सबसे अधिक कत्लेआम हुआ , लाखों ब्राह्मणों की हत्याएं हुईं , हजारों मंदिर गिरा दिए गए , इसी समय पुष्यमित्र के माता-पिता को धर्म परिवर्तन के लिए कहा गया , जब उन्होंने मना कर दिया तो  छोटे से बालक पुष्यमित्र के सामने ही उसके माता-पिता को काट दिया गया  ।

👉बालक चिल्लाता रहा मेरे माता पिता को छोड़ दो पर किसी ने नहीं सुनी माता-पिता को मरा देखकर पुष्यमित्र की आंखों में रक्त उतर आया उसे गांव वालों की संवेदना से नफरत हो गई और उसने प्रतिज्ञा ली कि वह इसका बदला बौद्धों से एक दिन जरूर देगा और जंगल की ओर भाग गया ।

👉ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने के कारण योग की सूक्ष्म क्रियाओं का ज्ञान पुष्यमित्र को था अतः उसने महान योग क्रियाओं के द्वारा अपने शरीर को अत्यधिक बलवान बना लिया , वह जंगल में रहता था निरंतर योग एवं शस्त्र विद्या का अभ्यास करता था ।

👉एक दिन बौद्ध राजा बृहद्रथ मौर्य वन में घूम रहा था अचानक वहां उसके सामने एक सिंह आ गया , सिंह सम्राट की ओर झपटा ही था तभी अचानक एक लंबा चौड़ा बलशाली भीमसेन जैसा बलवान युवक  शेर  के सामने आ गया और उसने अपनी मजबूत भुजाओ से उस शेर के जबड़े को पकड़कर , उसके दो टुकड़े कर बीच से चीर दिया और सम्राट से कहा कि आप अब सुरक्षित हो ।

*सम्राट ने पूछा - " कौन हो तुम "युवक - " ब्राह्मण हूं महाराज "*

*उसका पराक्रम देखकर सम्राट ने कहा - " सेनापति बनोगे "*

👉युवक  आकाश की ओर देखकर रक्त से अपना तिलक कर  बोला - "मातृभूमि को जीवन समर्पित है "

👉उसी वक्त सम्राट ने उसे मगध का उप सेनापति घोषित कर दिया जल्दी ही अपने शौर्य और पराक्रम के बल पर वह प्रधान सेनापति बन गया ।

 *✊शांति का पाठ अधिक पढने के कारण मगध साम्राज्य कायर हो चुका था* लेकिन पुष्यमित्र के अंदर ज्वाला अभी भी जल रही थी वह रक्त से स्नान करने और तलवार से बात करने में विश्वास रखता था ।

✊पुष्यमित्र एक निष्ठावान हिंदू था और भारत को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाना उसका स्वप्न था ।

👉आखिर वह दिन भी आ गया ,  यवनों की लाखों की फौज ने मगध पर आक्रमण कर दिया ।
पुष्यमित्र समझ गया कि अब मगध विदेशी गुलाम बनने जा रहा है , जब उसने यह बात सम्राट बृहद्रथ को बताई तो सम्राट बृहद्रथ युद्ध कर मगध रक्षा करने के पक्ष में नहीं  था , उसका कहना था की युद्ध से रक्तपात होता है और हमें शांति चाहिए युद्ध नहीं ।

👉मगध के नागरिकों में यवनों का भय व्याप्त होने लगा क्योंकि युद्ध के बाद यवन लूटपाट और हत्याएं तथा स्त्रियों का हरण करते थे  ।


✊पुष्यमित्र ने बिना सम्राट की आज्ञा लिए सेना को युद्ध के लिए तैयारी करने का आदेश दे दिया उसने कहा कि"  इससे पहले के दुश्मन के पैर हमारी मातृभूमि पर पड़े हम उसका शीश उड़ा देंगे "

👉यह नीति तत्कालीन मौर्य साम्राज्य के बौद्ध धार्मिक विचारों के विरुद्ध थी , सम्राट बृहद्रथ पुष्यमित्र के पास गया और गुस्से से बोला  " यह किसके आदेश से तुम सेना को युद्ध के लिए तैयार कर रहे हो " 

✊पुष्यमित्र ने कहा - " मातृभूमि की रक्षा के लिए मुझे  किसी की आज्ञा की आवश्यकता नहीं है और ब्राह्मण किसी की आज्ञा नहीं  लेता है  "  यह कहकर पुष्यमित्र ने सम्राट का सर तलवार के एक ही प्रहार से धड़ से अलग कर दिया ।

✊लाल आंखों वाले पुष्यमित्र ने सम्राट के रक्त से अपना तिलक किया और
पुष्यमित्र ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा  - " ना बृहद्रथ महत्वपूर्ण है , ना पुष्यमित्र , महत्वपूर्ण है तो हमारी मातृभूमि , क्या तुम मातृभूमि के लिए रक्त बहाने को तैयार हो पुष्यमित्र की शेर जैसी गरज की आवाज से सेना जोश में आ गई और सभी  सैनिक आगे बढ़कर बोले  - 
"हां सम्राट पुष्यमित्र हम तैयार हैं"

✊पुष्यमित्र ने कहा - " आज मैं सेनापति ही हूं " चलो काट दो यवनों को जो मगध पर अपनी विजय पताका फहराने का स्वप्न पाले हुए हैं और युद्ध में गाजर मूली की तरह ही यवनों को काट दिया गया ।

 ✊एक सेना जो कल तक दबी हुई , डरी हुई रहती थी आज युद्ध में हर हर महादेव और जय महाकाल के नारों से दुश्मन को थर्रा रही थी ।

*यवनों ने मगध तो छोड़ दिया और अपना राज्य भी खो दिया ।*

*इसके बाद पुष्यमित्र का राज्याभिषेक हुआ ।*

 👉सम्राट बनने के बाद पुष्यमित्र ने घोषणा की कि - " *अब मगध में कोई बौद्ध धर्म नहीं मांनेगा , हिंदू सनातन धर्म ही राजधर्म है ,  और जिसके माथे पर तिलक ना दिखे वह सर धड़ से अलग कर दिया जाएगा "*


👉उसके बाद पुष्यमित्र ने वो किया जो आज तक नहीं हुआ , जिससे आज भारत कंबोडिया नहीं है । 


👉हजारों की संख्या में बौद्ध मंदिर जो कि हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर कर बनाए गए थे उन्हें ध्वस्त करा दिया गया बौद्ध मठों को तबाह कर दिया गया चाणक्य काल की वापसी की घोषणा हुई और तक्षशिला विश्वविद्यालय का सनातन शौर्य फिर से स्थापित हुआ , और जो लोग अपने सनातन धर्म को त्याग कर बौद्ध बन गए थे उन्होंने पुनः सनातन धर्म में वापसी की और जिन लोगों ने सनातन धर्म का विरोध किया उनकी लाखों की संख्या में पुष्यमित्र ने हत्या करा दी ।

✊पुष्यमित्र शुंग के पुत्र सम्राट अग्निमित्र शुंग ने अपना साम्राज्य तिब्बत तक फैला लिया और तिब्बत भारत का अंग बन गया वह बौद्धों को दौड़ता  हुआ चीन तक ले गया वहां चीन के सम्राट ने अपनी बेटी की शादी अग्निमित्र से करके संधि स्थापित की , और  इनके वंशज आज भी चीन में शुंग उपनाम नाम ही लिखते हैं ।


👉पंजाब -  अफगानिस्तान - सिंध की शाही ब्राह्मण वंशावली के बाद शुंग वंश सबसे बेहतरीन सनातन साम्राज्य था शायद पेशवा से भी महान , जिसने सनातन धर्म को पुनः स्थापित करने का महान कार्य किया ।


हमें गर्व करना चाहिए अपने पूर्वजों पर जिन्होंने अपने बलिदान से हमें आज सर उठा कर जीने का अधिकार दिलाया ।

*और आग लगा देनी  चाहिए इस फिल्म इंडस्ट्री को जो ब्राह्मण को कमजोर और भ्रष्ट बताती है ।*

*🚩हिंदू चाहे किसी भी वर्ण का हो उसे सदैव गलत और पूरे विश्व में आतंकवाद फैलाने वाले इस्लामिक आतंकवादियों को श्रेष्ठ बताती है ।*

*पुष्यमित्र जैसा सनातन धर्म का रक्षक आज तक कोई नहीं हुआ वह जानता था कि बिना शास्त्र और शस्त्र के धर्म की रक्षा नहीं हो सकती ।*

*आवश्यकता है अपने बच्चों को सही इतिहास बताने की ।*

*साभार*
रोहताश सिंह चौहान, इतिहासकार

*हिन्दू राष्ट्र भारत🚩*
     🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️

हिन्दू राष्ट्र भारत

*प्रशासक समिति ✊🚩*
(पूर्णिमा/०४)

*👉जिसके सिर पर तिलक ना दिखे उसका सर धड़ से अलग कर दो - सम्राट पं० पुष्यमित्र शुंग* 

👉यह बात आज से लगभग 2100 वर्ष पहले की है । एक किसान ब्राह्मण के घर एक पुत्र ने जन्म लिया , जिसका नाम रखा गया पुष्यमित्र था अर्थात पुष्यमित्र शुंग ....... और वह बना एक महान हिंदू सम्राट जिसने भारत देश को बौद्ध देश बनने से बचाया ।

*👉अगर पुष्यमित्र शुंग जैसा कोई राजा कंबोडिया मलेशिया या इंडोनेशिया में जन्म लेता तो आज भी यह देश हिंदू देश होते ।*

👉जब सिकंदर राजा पोरस से मार खाकर अपना विश्व विजय का सपना तोड़ कर उत्तर भारत से शर्मिंदा होकर मगध की ओर गया था तो उसके साथ आए हुए बहुत से यवन वहां बस गए थे ।

👉सम्राट अशोक के बौद्ध धर्म अपना लेने से उनके बाद उनके वंशजों ने भारत में बौद्ध धर्म लागू करवा दिया ।

👉ब्राह्मणों के द्वारा इस नीति का विरोध होने पर उनका सबसे अधिक कत्लेआम हुआ , लाखों ब्राह्मणों की हत्याएं हुईं , हजारों मंदिर गिरा दिए गए , इसी समय पुष्यमित्र के माता-पिता को धर्म परिवर्तन के लिए कहा गया , जब उन्होंने मना कर दिया तो छोटे से बालक पुष्यमित्र के सामने ही उसके माता-पिता को काट दिया गया ।

👉बालक चिल्लाता रहा मेरे माता पिता को छोड़ दो पर किसी ने नहीं सुनी माता-पिता को मरा देखकर पुष्यमित्र की आंखों में रक्त उतर आया उसे गांव वालों की संवेदना से नफरत हो गई और उसने प्रतिज्ञा ली कि वह इसका बदला बौद्धों से एक दिन जरूर देगा और जंगल की ओर भाग गया ।

👉ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने के कारण योग की सूक्ष्म क्रियाओं का ज्ञान पुष्यमित्र को था अतः उसने महान योग क्रियाओं के द्वारा अपने शरीर को अत्यधिक बलवान बना लिया , वह जंगल में रहता था निरंतर योग एवं शस्त्र विद्या का अभ्यास करता था ।

👉एक दिन बौद्ध राजा बृहद्रथ मौर्य वन में घूम रहा था अचानक वहां उसके सामने एक सिंह आ गया , सिंह सम्राट की ओर झपटा ही था तभी अचानक एक लंबा चौड़ा बलशाली भीमसेन जैसा बलवान युवक शेर के सामने आ गया और उसने अपनी मजबूत भुजाओ से उस शेर के जबड़े को पकड़कर , उसके दो टुकड़े कर बीच से चीर दिया और सम्राट से कहा कि आप अब सुरक्षित हो ।

*सम्राट ने पूछा - " कौन हो तुम "युवक - " ब्राह्मण हूं महाराज "*

*उसका पराक्रम देखकर सम्राट ने कहा - " सेनापति बनोगे "*

👉युवक आकाश की ओर देखकर रक्त से अपना तिलक कर बोला - "मातृभूमि को जीवन समर्पित है "

👉उसी वक्त सम्राट ने उसे मगध का उप सेनापति घोषित कर दिया जल्दी ही अपने शौर्य और पराक्रम के बल पर वह प्रधान सेनापति बन गया ।

 *✊शांति का पाठ अधिक पढने के कारण मगध साम्राज्य कायर हो चुका था* लेकिन पुष्यमित्र के अंदर ज्वाला अभी भी जल रही थी वह रक्त से स्नान करने और तलवार से बात करने में विश्वास रखता था ।

✊पुष्यमित्र एक निष्ठावान हिंदू था और भारत को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाना उसका स्वप्न था ।

👉आखिर वह दिन भी आ गया , यवनों की लाखों की फौज ने मगध पर आक्रमण कर दिया ।
पुष्यमित्र समझ गया कि अब मगध विदेशी गुलाम बनने जा रहा है , जब उसने यह बात सम्राट बृहद्रथ को बताई तो सम्राट बृहद्रथ युद्ध कर मगध रक्षा करने के पक्ष में नहीं था , उसका कहना था की युद्ध से रक्तपात होता है और हमें शांति चाहिए युद्ध नहीं ।

👉मगध के नागरिकों में यवनों का भय व्याप्त होने लगा क्योंकि युद्ध के बाद यवन लूटपाट और हत्याएं तथा स्त्रियों का हरण करते थे ।


✊पुष्यमित्र ने बिना सम्राट की आज्ञा लिए सेना को युद्ध के लिए तैयारी करने का आदेश दे दिया उसने कहा कि" इससे पहले के दुश्मन के पैर हमारी मातृभूमि पर पड़े हम उसका शीश उड़ा देंगे "

👉यह नीति तत्कालीन मौर्य साम्राज्य के बौद्ध धार्मिक विचारों के विरुद्ध थी , सम्राट बृहद्रथ पुष्यमित्र के पास गया और गुस्से से बोला " यह किसके आदेश से तुम सेना को युद्ध के लिए तैयार कर रहे हो " 

✊पुष्यमित्र ने कहा - " मातृभूमि की रक्षा के लिए मुझे किसी की आज्ञा की आवश्यकता नहीं है और ब्राह्मण किसी की आज्ञा नहीं लेता है " यह कहकर पुष्यमित्र ने सम्राट का सर तलवार के एक ही प्रहार से धड़ से अलग कर दिया ।

✊लाल आंखों वाले पुष्यमित्र ने सम्राट के रक्त से अपना तिलक किया और
पुष्यमित्र ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा - " ना बृहद्रथ महत्वपूर्ण है , ना पुष्यमित्र , महत्वपूर्ण है तो हमारी मातृभूमि , क्या तुम मातृभूमि के लिए रक्त बहाने को तैयार हो पुष्यमित्र की शेर जैसी गरज की आवाज से सेना जोश में आ गई और सभी सैनिक आगे बढ़कर बोले - 
"हां सम्राट पुष्यमित्र हम तैयार हैं"

✊पुष्यमित्र ने कहा - " आज मैं सेनापति ही हूं " चलो काट दो यवनों को जो मगध पर अपनी विजय पताका फहराने का स्वप्न पाले हुए हैं और युद्ध में गाजर मूली की तरह ही यवनों को काट दिया गया ।

 ✊एक सेना जो कल तक दबी हुई , डरी हुई रहती थी आज युद्ध में हर हर महादेव और जय महाकाल के नारों से दुश्मन को थर्रा रही थी ।

*यवनों ने मगध तो छोड़ दिया और अपना राज्य भी खो दिया ।*

*इसके बाद पुष्यमित्र का राज्याभिषेक हुआ ।*

 👉सम्राट बनने के बाद पुष्यमित्र ने घोषणा की कि - " *अब मगध में कोई बौद्ध धर्म नहीं मांनेगा , हिंदू सनातन धर्म ही राजधर्म है , और जिसके माथे पर तिलक ना दिखे वह सर धड़ से अलग कर दिया जाएगा "*


👉उसके बाद पुष्यमित्र ने वो किया जो आज तक नहीं हुआ , जिससे आज भारत कंबोडिया नहीं है । 


👉हजारों की संख्या में बौद्ध मंदिर जो कि हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर कर बनाए गए थे उन्हें ध्वस्त करा दिया गया बौद्ध मठों को तबाह कर दिया गया चाणक्य काल की वापसी की घोषणा हुई और तक्षशिला विश्वविद्यालय का सनातन शौर्य फिर से स्थापित हुआ , और जो लोग अपने सनातन धर्म को त्याग कर बौद्ध बन गए थे उन्होंने पुनः सनातन धर्म में वापसी की और जिन लोगों ने सनातन धर्म का विरोध किया उनकी लाखों की संख्या में पुष्यमित्र ने हत्या करा दी ।

✊पुष्यमित्र शुंग के पुत्र सम्राट अग्निमित्र शुंग ने अपना साम्राज्य तिब्बत तक फैला लिया और तिब्बत भारत का अंग बन गया वह बौद्धों को दौड़ता हुआ चीन तक ले गया वहां चीन के सम्राट ने अपनी बेटी की शादी अग्निमित्र से करके संधि स्थापित की , और इनके वंशज आज भी चीन में शुंग उपनाम नाम ही लिखते हैं ।


👉पंजाब - अफगानिस्तान - सिंध की शाही ब्राह्मण वंशावली के बाद शुंग वंश सबसे बेहतरीन सनातन साम्राज्य था शायद पेशवा से भी महान , जिसने सनातन धर्म को पुनः स्थापित करने का महान कार्य किया ।


हमें गर्व करना चाहिए अपने पूर्वजों पर जिन्होंने अपने बलिदान से हमें आज सर उठा कर जीने का अधिकार दिलाया ।

*और आग लगा देनी चाहिए इस फिल्म इंडस्ट्री को जो ब्राह्मण को कमजोर और भ्रष्ट बताती है ।*

*🚩हिंदू चाहे किसी भी वर्ण का हो उसे सदैव गलत और पूरे विश्व में आतंकवाद फैलाने वाले इस्लामिक आतंकवादियों को श्रेष्ठ बताती है ।*

*पुष्यमित्र जैसा सनातन धर्म का रक्षक आज तक कोई नहीं हुआ वह जानता था कि बिना शास्त्र और शस्त्र के धर्म की रक्षा नहीं हो सकती ।*

*आवश्यकता है अपने बच्चों को सही इतिहास बताने की ।*

*साभार*
रोहताश सिंह चौहान, इतिहासकार

*हिन्दू राष्ट्र भारत🚩*
     🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️

18 ફેબ્રુ, 2022

પ્રાચીન ભારતીય આરોગ્ય ટિપ્સ

પ્રાચીન ભારતીય આરોગ્ય ટિપ્સ

 1. अजीर्ने भोजनं विषम्।
 જો અગાઉ લીધેલું બપોરનું ભોજન પચતું નથી..રાત્રિનું ભોજન લેવું એ ઝેર લેવા સમાન ગણાશે. ભૂખ એ એક સંકેત છે કે અગાઉનો ખોરાક પચી ગયો છે

 2. अर्धरोगहारी निद्रा ।
 યોગ્ય ઊંઘ અડધા રોગોને મટાડે છે.

 3. मूढ़गढ़ाली गढ़व्याली.
 તમામ કઠોળમાંથી લીલા ચણા શ્રેષ્ઠ છે. તે રોગપ્રતિકારક શક્તિ વધારે છે. અન્ય કઠોળમાં એક અથવા બીજી આડઅસર હોય છે.

 4. बागनास्थी संधानकारो रसोनहा।
 આદુ તૂટેલા હાડકાને પણ જોડે છે.

 5. अति सर्वत्र वर्जयेत।
 વધુ પડતી કોઈપણ વસ્તુ ખાવામાં આવે છે, કારણ કે તેનો સ્વાદ સારો છે, તે સ્વાસ્થ્ય માટે સારું નથી. મધ્યમ બનો.

 6. नास्तिमूलम अनौषधाम.
 એવી કોઈ શાકભાજી નથી કે જેનાથી શરીરને કોઈ ઔષધીય લાભ ન ​​હોય..

 7. नां वैध्यः प्रभुरायुशाह ।
 કોઈ ડૉક્ટર આપણા આયુષ્યનો ભગવાન નથી. ડૉક્ટરોની મર્યાદાઓ હોય છે.

 8. ચિંતા व्याधि प्रकाश्य।
 ચિંતા સ્વાસ્થ્ય ખરાબ કરે છે..

 9. व्यायाम सनैही सनैही.
 કોઈપણ કસરત ધીમે ધીમે કરો. ઝડપી કસરત સારી નથી.

 10. अजावथ चर्वनाम कुरात।
 તમારા ખોરાકને બકરીની જેમ ચાવો..ઉતાવળમાં ક્યારેય ખોરાક ગળી જશો નહીં..
 લાળ પ્રથમ પાચનમાં મદદ કરે છે.

 11. स्नानमनाम मानहप्रसाधनकरम धुस्वप्न विद्वसनम।
 સ્નાન ડિપ્રેશન દૂર કરે છે. તે ખરાબ સપનાને દૂર કરે છે..

 12. ना स्नानम आचारेठ भुक्थवा।
 ફૂડ પાચન પ્રભાવિત થાય છે તે પછી તરત જ ક્યારેય સ્નાન ન કરો

 13. नास्थि मेघासमाम थोयम।
 શુદ્ધતામાં વરસાદના પાણી સાથે કોઈ પાણી મેળ ખાતું નથી..

 14. અજીર્ને भेषजमवारी।
 સાદું પાણી લેવાથી અપચો દૂર થાય છે.

 15. सर्वत्र नूथनाम व्यवस्था सेवकाने पुर्रथनम।
 હંમેશા તાજી વસ્તુઓ પસંદ કરો..
 જૂના ચોખા અને જૂના નોકરને નવા સાથે બદલવાની જરૂર છે. (અહીં ખરેખર નોકરના સંદર્ભમાં તેનો અર્થ શું છે: તેની ફરજો બદલો અને સમાપ્ત ન કરો.)

 16. नित्यम् सर्वा रासभ्याश।
 સંપૂર્ણ ખોરાક લો જેમાં તમામ સ્વાદ હોય જેમ કે: મીઠું, મીઠો, કડવો, ખાટો, તીખો અને તીખો).

 17. જટારામ પુરાયેધરधाम अन्नाहि।
 તમારા પેટમાં અડધો ભાગ ઘન પદાર્થોથી ભરો, ચોથા ભાગ પાણીથી ભરો અને બાકીના પેટને ખાલી રાખો.

 18. भुक्थवोपा विस्थास्थेंद्र।
 ખોરાક લીધા પછી ક્યારેય નિષ્ક્રિય ન બેસો. ઓછામાં ઓછા અડધો કલાક ચાલો.

 19. क्षुथ साधुथाम જનયથિ.
 ભૂખથી ભોજનનો સ્વાદ વધે છે..
 બીજા શબ્દોમાં કહીએ તો ભૂખ લાગે ત્યારે જ ખાઓ..

 20. ચિંતા जर्रानाम मनुष्यम।
 ચિંતા વૃદ્ધાવસ્થાને વેગ આપે છે..

 21. साथम विहया भोक्ताव्यम।
 જ્યારે ખાવાનો સમય હોય, ત્યારે 100 નોકરીઓ પણ બાજુ પર રાખો.

 22. सर्व धर्मेशु मध्याम।
 હંમેશા મધ્યમ માર્ગ પસંદ કરો. કોઈપણ બાબતમાં ચરમસીમા પર જવાનું ટાળો.

 સ્વસ્થ જીવન જીવો: તે વાસ્તવિક સંપત્તિ છે.

15 ફેબ્રુ, 2022

पक्षियों से कुछ सीखें

,*🦚आओ पक्षियों से कुछ सीखें🦚*

१. रात को कुछ नहीं खाते।🦜
२. रात को घूमते नहीं।🦜
३. अपने बच्चे को सही समय पर सिखाते हैं।🦜
४. ठूस ठूस के कभी नहीं खाते। आप ने कितने भी दाने डाले हों, थोड़ा खा के उड़ जायेंगे। साथ कुछ नहीं ले जाते।🦜
५. रात होते ही सो जायेंगे, सुबह जल्दी जाग जायेंगे, गाते चहकते उठेंगे।🦜
६. अपना आहार कभी नहीं बदलते।🦜
७. स्वयम्वर से जीवनसाथी चुनेंगे।🦜
८. अपने शरीर से सतत् काम लेते हैं। रात के सिवा आराम नहीं करते।🦜
९. बीमारी आई तो खाना छोड़ देंगे, तभी खायेंगे जब ठीक होंगे।🦜
१०. अपने बच्चे को भरपूर प्यार देंगे।🦜
११. परिश्रम करने से हृदय, किडनी, लिवर के रोग नहीं होते।🦜
१२. प्रकृति से उतना ही लेते हैं जितनी जरूरत है।🦜
१३. अपना घर पर्यावरण अनुकूल बनाते हैं।🦜
१४. अपनी भाषा छोड़कर दूसरों की बोली नहीं बोलते।🦜

बहुत ही शिक्षाप्रद है ! हम भी इनसे कुछ सीखें तो जीवन सरल, सुंदर व सफल हो जाए !

14 ફેબ્રુ, 2022

સમાજ સેવા એટલે શું

*સમાજ સેવા એટલે શું ?*
સમાજ એટલે એક પરિવાર જ્યાં સંબંધોના મૂલ્ય જળવાય છે અને સબંધોની માવજત થાય છે 

આપણે જે સમાજમાં જન્મ લીધો છે એનું આપણા પર ઋણ છે એના વિકાસ માટે આપણે દરેકે યથાયોગ્ય યોગદાન આપવું જ જોઈએ અને સમાજવાદની વિચારધારાને સમર્થન આપવું જ જોઈએ 

સમાજનાં ચાર પાયાની જાળવણી સમાજને મજબૂત બનાવે છે 
સમાજનાં ચાર પાયામાં સંસ્કાર,સસ્કૃતિ, એકતા અને સતકર્મ સમાજનાં દરેક લોકો આનું ધ્યાન રાખે તો સમાજનો વિકાસ ચોક્કસ થાય
*સંસ્કાર એ સમાજનો પહેલો પાયો છે*
આપણા દીકરા દીકરીને આપણા જ્ઞાતિનાં સંસ્કાર આપી અને એક સુંદર પરિવાર બનાવી શકાય છે એક સફળ વ્યક્તિ બનાવી શકાય છે,આપણે આપણા સમાજનાં સારા વ્યક્તિનાં વ્યક્તિવની ચર્ચા આપણા દીકરા દીકરીની સાથે કરવી જોઈએ જેથી તેમનાં કોમળ મન ઉપર સારા વિચારોનાં અંકુર ફૂટે. 

*સમાજનો બીજો પાયો છે તેની સંસ્કૃતિ.*
સમાજનાં સિદ્ધાંતો, યોગ્ય રિવાજો,પરંપરાને સાચવી તેનું આવનાર પેઢીમાં ઉતારવું એ સંસ્કૃતિ છે. 
આપણા જ બાળકની સામે સમાજનાં માણસોની ખરાબ વાત કરશો તો બાળકને સમાજ પ્રત્યે પ્રેમ નહિ ઘૃણા ઉપજશે,અને પછી એ જ્ઞાતિ બહાર લગ્ન કરવાનું મન બનાવી લેશે.
આપણા સમાજમાં આપણા બાળકો આપણું ભવિષ્ય છે એને આપણા સમાજની હારે જકડી રાખવાનું નહિ પણ દૂધમાં સાકર ભળે એમ ભળી જવાનું શીખડાવવું જોઇયે
પહેરવેશથી લઈને રહેણી કહેણી પણ અતિશય મોર્ડન થતા જાય છે. મોર્ડન થવામાં વાંધો નથી પણ આપણે આપણી સંસ્કૃતિ ભૂલવી ના જોઈએ. 

*સમાજનો ત્રીજો પાયો એકતા* 
આ ખૂબ જ અગત્યનો પાયો છે સમાજમાં અંદરોઅંદર એકતા હોવી ખૂબ જ જરૂરી છે એક બીજાનાં વિરોધી થવા કરતા સહયોગી થશો તો સમાજનો વિકાસ થશે અંગત મતભેદ આંતરિક દ્વેષમાં સમાજની એકતા ક્યારેય તૂટવીનાં જોઈએ તોજ એ સમાજ વિકાસ તરફ હરણફાળ ભરી શકે છે , 
બાકી અંદરો અંદર વિચારધારાથી પીડાતા વ્યક્તિઓનો બનેલ સમાજ એ સમાજનાં ભાગલા પાડી સમાજને દયનિય પરિસ્થિતિમાં મૂકી અને તે સમાજનાં વિકાસ પર કદાચ પૂર્ણવિરામ પણ મૂકી શકે છે. 

*સમાજનો ચોથો પાયો છે સતકર્મ*
આપણને જે સમાજ તરફથી મળે છે એનો ઋણ ઉતારવા આપણે સમાજનું હિત ઈચ્છવું જોઈએ સમાજને ઉપયોગી થવું જોઈએ સમાજ દાતાશ્રીઓ તરફથી આવતી ભેટનો સદુપયોગ કરવો અને પારદર્શક વ્યવહાર રાખવો જોઈએ
*સમાજની કોઈ એક સંસ્થા ચાલતી હોઈ તો બીજી ના થવી જોઈએ સંસ્થાનાં વિરોધી થવા કરતા સહયોગી થવું જોઈએ* 

કોઈ એક ઊંચા આસન પર બેસવાથી કંઈ ગૌરવ વધતું નથી. ગૌરવ ગુણોને કારણે આવે છે, *કાગડો રાજમહેલનાં શિખર પર બેઠો હોય તો તેથી તે ગરુડ કહેવાય નહીં*
પારકા માટે પગથિયું ન બની શકો તો કંઇ નહિ , પણ ચાલનારનાં માર્ગમાં ખાડારૂપ તો ન જ બનશો
*કટાક્ષ બોલતા અને કટાક્ષ લખતા બધાને આવડતું હોય છે પણ સમાજને નુકશાનનાં પહોંચે એટલે સમજુ માણસો મૌન થઈ જતા હોય છે એનો મતલબ એ નથી કે એ કાયર છે પણ સમાજ પ્રત્યે એમની લાગણી એમને મૌન બનાવે છે* 

બાકી જેમને પૂરા જ કાઢવા છે એ લોકો તો દૂધમાંથી પણ કાઢવાનાં છે 

સ -- સમજદારી પૂર્વકના સંબંધની
મા -- માવજત અને
જ -- જતન. 

બસ, આ જ સમાજ છે. 

છેલ્લે બે વાત કહેવા માગું છું 

૧- સૃષ્ટિને બદલી ના શકાય પણ દ્રષ્ટિ બદલો તો સૃષ્ટિ બદલાય જશે
૨-કોઈને નડવું નહીં એ પણ બહુ મોટી સમાજ સેવા છે....
🙏🙏🙏🙏

सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह तरह के उपदेशों से भरा रहता है

खुद को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना एक तनावमुक्त जीवन देता है। 
हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है उसका आनंद लीजिये🙏
बाल रंगने है तो रंगिये, 
वज़न कम रखना है तो रखिये, 
मनचाहे कपड़े पहनने है तो पहनिए,
बच्चों की तरह खिलखिलाइये, 
अच्छा सोचिये, 
अच्छा माहौल रखिये, 
शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को स्वीकारिये। 

कोई भी क्रीम आपको गोरा नही बनाती, 
कोई शैम्पू बाल झड़ने नही रोकता,
कोई तेल बाल नही उगाता, 
कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नही देता। 
चाहे वो प्रॉक्टर गैम्बल हो या पतंजलि .....सब सामान बेचने के लिए झूठ बोलते हैं। 

ये सब कुदरती होता है। 
उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बॉलों तक मे बदलाव आता है। 
पुरानी मशीन को Maintain करके बढ़िया चला तो सकते हैं, पर उसे नई नही कर सकते।

ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना किसी मे नीम। 
किसी क्रीम में केसर नही होती, क्योंकि 2 ग्राम केसर भी 500 रुपए से कम की नही होती ! 

कोई बात नही अगर आपकी नाक मोटी है तो,
कोई बात नही आपकी आंखें छोटी हैं तो,
कोई बात नही अगर आप गोरे नही हैं 
या आपके होंठों की shape perfect नही हैं....

फिर भी हम सुंदर हैं, 
अपनी सुंदरता को पहचानिए।

दूसरों से कमेंट या वाह वाही लूटने के लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है, अपनी सुंदरता को महसूस करना।

हर बच्चा सुंदर इसलिये दिखता है कि वो छल कपट से परे मासूम होता है और बडे होने पर जब हम छल व कपट से जीवन जीने लगते है तो वो मासूमियत खो देते हैं 
...और उस सुंदरता को पैसे खर्च करके खरीदने का प्रयास करते हैं।

मन की खूबसूरती पर ध्यान दो।

पेट निकल गया तो कोई बात नही उसके लिए शर्माना ज़रूरी नही।
आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता बढ़ता है उसे समझिये।

सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह तरह के उपदेशों से भरा रहता है,
यह खाओ, वो मत खाओ 
ठंडा खाओ, गर्म पीओ, 
कपाल भाती करो,  
सवेरे नीम्बू पीओ,
रात को दूध पीओ
ज़ोर से सांस लो, लंबी सांस लो 
दाहिने से सोइये ,
बाहिने से उठिए,
हरी सब्जी खाओ, 
दाल में प्रोटीन है,
दाल से क्रिएटिनिन बढ़ जायेगा।

अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ने लगें तो पता चलेगा 
ये ज़िन्दगी बेकार है ना कुछ खाने को बचेगा ना कुछ जीने को !!
आप डिप्रेस्ड हो जायेंगे।

ये सारा ऑर्गेनिक, एलोवेरा, करेला, मेथी, पतंजलि में फंसकर दिमाग का दही हो जाता है। 
स्वस्थ होना तो दूर स्ट्रेस हो जाता है।

अरे! अपन मरने के लिये जन्म लेते हैं,
कभी ना कभी तो मरना है अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नही हुआ।

हर चीज़ सही मात्रा में खाइये, 
हर वो चीज़ थोड़ी थोड़ी जो आपको अच्छी लगती है। 

*भोजन का संबंध मन से होता है* 
*और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है।*
*मन को मारकर खुश नही रहा जा सकता।*
थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिए,
टहलने जाइये, 
लाइट कसरत करिये,
व्यस्त रहिये,  
खुश रहिये,
शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये

5 ફેબ્રુ, 2022

સ્વિટ્ઝર્લેન્ડમાં 'સ્વિસબેંક'

*

 તમે 'સ્વિટ્ઝર્લેન્ડ' નામ તો સાંભળ્યું જ હશે.
 એક એવો દેશ જ્યાં વિશ્વના દરેક પરિણીત યુગલ તેમનું હનીમૂન મનાવવાનું સપનું જુએ છે.
  બરફીલા મેદાનોથી આચ્છાદિત આ દેશ સુંદરતાની અદભુત કૃતિ છે. હરિયાળી હોય કે બરફ, તમારી નજર જ્યાં જાય ત્યાં પલક મારવાનું ભૂલી જાવ.

 સ્વિત્ઝર્લેન્ડ વિશ્વનો સૌથી ધનિક દેશ છે! દરેક રીતે સમૃદ્ધ આ દેશની એક રસપ્રદ વાર્તા કહું.

 લગભગ 50 વર્ષ પહેલા સ્વિટ્ઝર્લેન્ડમાં 'સ્વિસબેંક' નામની ખાનગી બેંકની સ્થાપના કરવામાં આવી હતી.

 આ બેંકના નિયમો વિશ્વની અન્ય બેંકો કરતા અલગ હતા.

  આ સ્વિસ બેંક તેના ગ્રાહકો પાસેથી તેમના નાણાંની જાળવણી અને ગુપ્તતાના બદલામાં તેમના ગ્રાહકો પાસેથી પૈસા વસૂલતી હતી.

 તેમજ ગોપનીયતાની ગેરંટી.

 ગ્રાહકને પૂછશો નહીં કે પૈસા ક્યાંથી આવ્યા?
 કોઈ પ્રશ્ન નથી, કોઈ મજબૂરી નથી.

 એક વર્ષમાં જ આ બેંકની ખ્યાતિ આખી દુનિયામાં ફેલાઈ ગઈ હતી.

 ચોર, અપ્રમાણિક રાજકારણીઓ, માફિયાઓ, દાણચોરો અને મોટા ઉદ્યોગપતિઓ આ તમામ સ્વિસ બેંકોની પ્રથમ પસંદગી બની ગયા હતા.

 બેંકનો એક જ નિયમ હતો.

 રિચાર્જ કાર્ડની જેમ એકાઉન્ટ ધારકને પાસવર્ડ સાથે નંબર આપવામાં આવે છે.

 બેંકને ખબર હતી કે તે નંબર કોની પાસે હશે.

 કોઈ વિગત ન હતી, આગળ પાછળ કોઈ પૂછપરછ ન હતી.

 પણ
 * બેંકનો એક નિયમ હતો કે જો સાત વર્ષ સુધી કોઈ ટ્રાન્ઝેક્શન ન થયું હોય અથવા સાત વર્ષ સુધી ખાતામાં ખલેલ ન હોય તો બેંક ખાતું ફ્રીઝ કરશે અને રકમ પર હક જમા કરાવશે.

 * સાત વર્ષ સુધી વ્યવહારો ન કરવાના કિસ્સામાં, બેંકની રકમ.*

 હવે વિશ્વભરમાં દરરોજ ઘણા માફિયાઓ માર્યા જાય છે. નેતાઓ પકડાયા છે.

 કેટલા દાણચોરો પકડાયા કે માર્યા ગયા, કેટલાને આજીવન કેદની સજા થઈ.

 આવી સ્થિતિમાં આવા ઘણા ખાતા હતા જે બેંકમાં ફ્રીઝ કરવામાં આવ્યા હતા.

 2000ની નવી સદીના અવસર પર બેંકે આવા ખાતા ખોલ્યા
 તેથી તેમાં જે કાળું નાણું મળ્યું તે સમગ્ર વિશ્વના 40% કાળા નાણા જેટલું હતું.

 *આખી દુનિયાનું લગભગ અડધું કાળું નાણું.*

 આ રકમો આપણી કલ્પના બહારની છે.

 કદાચ
 બેંક પણ સમજી શકતી ન હતી કે આ રકમનું શું કરવું.*

 શું કરવું, શું કરવું

 આ વિચારીને બેંકે એક જાહેરાત કરી અને
 * સ્વિત્ઝર્લેન્ડના નાગરિકોને પૂછ્યું કે આ રકમનું શું કરવું.

  તેમ પણ બેંકે જણાવ્યું હતું
 જો દેશના નાગરિકો ઈચ્છે તો બેંક તેમને આ રકમનું વિતરણ કરી શકે છે.

 અને દરેક નાગરિકને એક કરોડની રકમ મળશે.

  સરકાર દ્વારા 15 દિવસના સર્વેમાં 99.2% લોકોનું માનવું હતું કે આ રકમ દેશની સુંદરતા વધારવા અને વિદેશી પ્રવાસીઓની સુવિધાઓ અને વિકાસમાં ખર્ચ કરવી જોઈએ.

 સર્વેના પરિણામો આપણા ભારતીયો માટે ચોંકાવનારા છે
 પરંતુ સ્વિત્ઝર્લેન્ડના દેશભક્ત લોકો માટે આ એક સરળ બાબત હતી.

 * તેણે હરામના પૈસાનો અસ્વીકાર કર્યો. આ સ્પષ્ટ સર્વેક્ષણ મફતમાં જોઈતું નહોતું.*

 ચોંકાવનારી ઘટના બીજા દિવસે બની.
 25 જાન્યુઆરી 2000ના રોજ સ્વિત્ઝર્લેન્ડના લોકો સરકારી સર્વે ચેનલની બહાર બેનર લઈને ઉભા હતા.

  તેમણે કહ્યું કે મફત ખાનારા લોકોમાંથી 0.8% લોકો તેમના નામ જાહેર કરે છે.

 આ સમાજ અને સ્વિટ્ઝર્લૅન્ડ પરનો ડાઘ છે.

  ઘણા પ્રયત્નો પછી, સરકારે મફતની માંગણી કરનારાઓને સજા કરવાની ખાતરી આપી, પછી જનતા શાંત થઈ.
 અને આપણા ભારતમાં બધું મફત છે. આ ઉપરાંત કરચોરી, વીજળી ચોરી, ચોરી,,,,,, મારું ભારત મહાન છે,,,,.

   
              *વીવીવી મહત્વપૂર્ણ...*
              *શું ભારતની વ્યવસ્થા છે*
         *સામાન્ય જનતાને છેતરે છે?*


  તમે જાતે જ જોઈ લો....
    
 1- નેતા ઈચ્છે તો બે સીટ પરથી એક સાથે ચૂંટણી
      લડી શકે છે! પણ....
      તમે બે જગ્યાએ મત આપી શકતા નથી,


 2- જો તમે જેલમાં હોવ તો વોટ ન આપો
      કરી શકે છે..પણ
      નેતા જેલમાં રહીને ચૂંટણી લડી શકે છે.


 3-જો તમે ક્યારેય જેલમાં ગયા છો
     હવે તમારી પાસે આજીવન છે
      સરકારી નોકરી નહીં મળે,

 પણ……
 ભલે ગમે તેટલી વખત કોઈ નેતા હત્યા કે બળાત્કારના ગુનામાં જેલની સજા ભોગવે તો પણ તે ઈચ્છે તે વડાપ્રધાન કે રાષ્ટ્રપતિ બની શકે છે.


 4- બેંકમાં સાધારણ નોકરી મેળવવી
 તમારે ગ્રેજ્યુએટ હોવું જોઈએ..

 પરંતુ,
 જો નેતાના અંગુઠાની છાપ હોય તો પણ તે ભારતના નાણામંત્રી બની શકે છે.


 5-તમારે સેનામાં સગીર હોવું જરૂરી છે
 સૈનિકની નોકરી મેળવવા માટે તમારે 10 કિલોમીટર દોડીને ડિગ્રી બતાવવી પડશે.

 પણ....
 જો નેતા અભણ-કાયર અને લુલા-લંગડા હોય
 તો પણ તેઓ આર્મી, નેવી અને એરફોર્સના વડા એટલે કે સંરક્ષણ પ્રધાન બની શકે છે.

 અને
 જેનો આખો પરિવાર આજ સુધી કોઈ શાળામાં નથી ગયો.. તે નેતા દેશનો શિક્ષણ મંત્રી બની શકે છે.

 અને
 જે નેતા સામે હજારો કેસ ચાલી રહ્યા છે.
 તે નેતા પોલીસ વિભાગના વડા એટલે કે ગૃહમંત્રી બની શકે છે.


 જો
 શું તમને લાગે છે કે આ સિસ્ટમ બદલવી જોઈએ?
 નેતા અને જનતા બંને માટે એક જ કાયદો હોવો જોઈએ.
 તેથી
 કૃપા કરીને આ મેસેજ ફોરવર્ડ કરીને દેશમાં જાગૃતિ લાવવામાં તમારો સહયોગ આપો.


 જો તમે ફોરવર્ડ ન કરો તો કોઈ નેતાને દોષ ન આપો.
 જો નહીં, તો નુકસાન માટે તમે જવાબદાર હશો.

 સરકારી કર્મચારી 30 થી 35 વર્ષની સંતોષકારક સેવા આપ્યા પછી પણ પેન્શન મેળવવા માટે હકદાર નથી? માત્ર 5 વર્ષ માટે ધારાસભ્ય/સાંસદ પેન્શનનો ન્યાય ક્યાં છે...?

 
  આ અભિયાનને આગળ ધપાવો
 ડિલીટ કરશો નહીં,
 આપણે ખરેખર આ સિસ્ટમને બદલવાની જરૂર છે.👊🏻🎯💥👍🏻

औरतों के बारे में रोचक तथ्य


      ●☞"औरतों के बारे में रोचक तथ्य !

चूडी, बिंदियां, घूंघट.. अगर इन सभी की बात की जाएं, तो दिमाग में सबसे पहले भारतीय महिला की छवि सामने आ जाती है लेकिन क्‍या वास्‍तव में सारी भारतीय महिलाएं एक जैसी ही होती हैं? भारतीय महिलाएं बहुत मेहनती होती है, उनके लिए परिवार ही प्राथमिकता होती है और वह हमेशा अपना बेस्‍ट देने की कोशिश करती हैं, इसके बावजूद भी भारतीय महिलाओं और पत्नियों पर सबसे ज्‍यादा चुटकुले बनते है, क्‍योंकि उनकी कुछ आदतें वाकई में गजब की होती है, जो आपको एक लिमिट तक अच्‍छी लगें, लेकिन थोडे टाइम बाद झल्‍लाहट होने लग जाये कि ये क्‍या है। आज हम आपको महिलाओं से जुड़े 37 रोचक तथ्य बताएंगे जिन्हे पढ़ने के बाद आप कुछ हद तक तो महिलाओं को समझने ही लगोगे

1. International Women’s Day हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है. कई देशों में इस दिन छुट्टी भी की जाती है.

2. यह एक फैक्‍ट है, इंडिया की फीमेल 22 साल की उम्र पार करने के बाद लालची हो जाती है.

3. अमेरिका में 40 फीसदी महिलाएं शादी से पहले ही बच्चे को जन्म दे देती हैं.

4. 80% महिलाएं गलत साइज की ब्रा पहनती हैं.

5. हैरानी तो आपको ये पढ़कर होगी कि 70 फीसदी महिलाएं सेक्स से ज्यादा चॉकलेट खाना पसंद करती हैं.

6. औरत लिंग का जैविक चिन्ह ऊपरी चिन्ह है और यह शुक्र ग्रह का भी चिन्ह है.

7. शायद आपको पता हो कि महिलाओं के पेट में कोई भी बात नहीं पचती. महिलाएं किसी भी खास बात को 47 घंटे और 15 मिनट तक ही गुप्त रख सकती हैं.

8. लड़कियों को गंदी बातें करना उतना ही अच्‍छा लगता है, जितना की लड़कों को.

9. ‘Women‘ शब्द की उत्पति ‘wyfmen‘ से हुई है जिसका अर्थ है – ‘wife of men‘.

10. शोधकर्ताओं के मुताबिक, महिलाओं को नए जन्मे बच्चे की खुशबू बहुत ज्यादा उत्तेजित करती है। यह उत्तेजना किसी भी ड्रग्स के शिकार व्यक्ति के तड़पने के बराबर होती है.

11. लड़कियां बड़ी चूजी होती हैं। एक शोध के मुताबिक, वे अपनी जिंदगी का एक साल तो सिर्फ यह सोचने में निकाल देती हैं कि उन्हें कौन-से कपड़े पहनने हैं। वहीं, अपने लुक को लेकर वो दिन में कम से कम 9 बार सोचती हैं.

12. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की जीभ ज्यादा तरह के स्वाद चख सकती हैं.

13. प्रत्येक 90 सेकंड में दुनिया में एक महिला बच्चे को जन्म देने के दौरान मर जाती है.

14. महिलाओं पर किए गए शोध के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के दौरान खर्राटे लेने वाली महिलाओं के बच्चे आकार में बाकी बच्चों की तुलना में छोटे होते हैं.

15. स्टडी के मुताबिक, लंबी महिलाओं में कैंसर होने की संभावना काफी ज्यादा होती है. वहीं, दिल से जुड़ी बीमारियों को महिलाओं का सबसे बड़ा दुश्मन माना गया है। अमेरिका में हर 13 मिनट में एक महिला की मौत ब्रेस्ट कैंसर से होती है.

16. अफ्रीकी देश नाइजर शिशु जन्म दर के मामले में सबसे आगे है। यहां की महिलाएं औसतन सात बच्चों को जन्म देती हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।

17. महिलाएं पुरुषों के मुकाबले लंबी जिंदगी जीती हैं. इसके पीछे एक बड़ी वजह उनका इम्यून सिस्टम है. 100 की उम्र के पार पहुँचने वालो में से 5 में से 4 औरते होती हैं.

18. विश्व में अभी भी औरतो को मर्दो के जितना काम करने पर भी 36% कम वेतन मिलता है.

19. दुनिया की 20 सबसे ज्यादा अमीर महिलाओं के पास दौलत कहां से आई? इसके पीछे उनकी मेहनत नहीं, बल्कि पति या पिता की मेहरबानी है. 17वें नंबर की अमीर महिला को छोड़कर बाकी सभी महिलाओं के पास उनके पति या पिता द्वारा छोड़ी गई दौलत है.

20. महिलाओ को यह बिलकुल पसंद नहीं होता कि जो ड्रेस उन्होंने पहन रखी है। वही ड्रेस कोई और भी महिला पहने हो। उन्हें इस बात पर बहुत गुस्सा आता है.

21. महिलाएं आइने के सामने पूरा दिन गुजार सकती है.

22. महिला जब किसी पुरुष के साथ होती हैं, तब यह बहुत कम खाने की एक्‍टिंग करती हैं, पर असलियत तो यह है कि अगर आप इन्‍हें कभी अकेला छोड़ दें, तो यह पूरा का पूरा बड़ा सा पिज्‍जा चट कर जाएं.

23. आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाएं सेक्स के बाद भी किस करना पसंद करती हैं.

24. महिलाएं सेक्स के दौरान भी अपने लुक को लेकर चिंतित रहती हैं.

25. मां बनने वाली सबसे छोटी महिला की लंबाई मात्र 2 फुट 4 इंच है.

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10 चीज़ें आपके माता-पिता को खुश रख सकती है

ये 10 चीज़ें आपके माता-पिता को खुश रख सकती है ! आप साथ रहे तब भी और ना रहे तब भी !
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आशीर्वाद की तलाश में हम देश-विदेश घूम आते है.

पत्थर पूजते है, मंदिर जाते है, पूजा पाठ करवाते है, और वो सारी चीजे करते है जिससे हमें लगता है कि हमारा जीवन धन्य हो जाएगा.

लेकिन क्या आप जानते है कि ईश्वर आपके पास हमेशा होता है, बस ज़रूरी है उन्हें पहचानना
 
दरअसल हम कहना चाहते है कि ईश्वर ने हमें खुद के रूप में माता-पिता दिए है, ताकि ईश्वर का आशीर्वाद सदैव हमारे साथ रहे.

लेकिन इस कलयुग में औलाद की नज़र में माता-पिता का दर्ज़ा खत्म होता जा रहा है. अक्सर जाने अंजामे में संताने अपने माता-पिता को दुखी कर रहे है, जबकि उन्हें नहीं पता कि ऐसा करना भगवान दुखी होता है.

अब सवाल ये है कि ऐसा क्या करे, जिससे हमारे पेरेंट्स हमें अंतरात्मा से आशीर्वाद दे, हम पर गर्व करे और अगले जन्म में दोबारा हमें पाने की इच्छा जाहिर करे.

तो चलिए आपके इस दुविधा को हम दूर किए देते है. हम आपको कुल 10 टिप्स देते है जिसे अपनाकर आप अपने माता-पिता के चेहरे पर प्रसन्नता देख सकते है.

1 – माता-पिता को कभी पलट कर जवाब ना दे. इससे उनको बुरा लग सकता है. जितना हो सके उनकी बातें सुनने की कोशिश करे. वैसे भी बुजुर्गो की बाते आपको बहोत काम आ सकती है.

2 – पेरेंट्स से ऊँची आवाज़ में बात ना करे. अपने दफ्तर या बाहर का गुस्सा घर के बाहर ही रखे.

3 – कोई नया या बड़ा कार्य करने से पहले माँ-बाप से चर्चा जरुर करें. आप का ऐसा करना उन्हें अच्छा लगेगा, उन्हें लगेगा कि आप उनकी बातों को महत्व देते है.

4 – हर महीने उनके स्वास्थ का चेकअप कराएं. उनकी छोटी सी छींक का भी ख्याल रखे. समय से उनकी दवाइयां उन्हें लाकर दे. आपके ऐसा करने पर माता पिता को ज्ञात होगा कि आपको उनकी चिंता है.

5 – उनकी पसंद ना पसंद का ख्याल रखना आपकी ज़िम्मेदारी है. कभी कभार उन्हें खाने के लिए हॉटेल ले जाए, या उनकी कोई फेवरेट मिठाई उन्हें लाकर दे. यकीनन आपको सुखद एहसास ज्ञात होगा.

6 – बुढ़ापे की उम्र में अक्सर पेरेंट्स को बातें करना प्रिय लगता है. ऐसे में आपको जब भी समय मिले, एक फोन कर ले और उनका हालचाल पूछ ले.

7 – वृद्ध अवस्था में गुस्सा बहोत आता है. इसलिए जितना हो सके पेरेंट्स की किचकिच को इग्नोर करे.

8 – हम जानते है कि बीवी के लिए प्यार अलग है और पेरेंट्स के लिए अलग. पर अक्सर माता पिता को लगता है कि शादी के बाद उनका बच्चा उन्हें भूल गया है. ऐसे समय में आपको दोनों के प्रति अपना प्यार बराबरी पर रखना है. ध्यान दे ! बीवी के सामने अपने पेरेंट्स की बेहद इज्जत करें, ताकि आपकी बीवी भी आपके माँ-बाप का सम्मान करे.

9 – अपने पेरेंट्स को मंदिर ले जाना कभी ना भूले. इससे आप दोनों को ही अनोखी खुशी और शांती मिलेगी.

10 – जिस तरह आप अपनी बीवी और बच्चो को नए कपडे पहनाने का शौक रखते है, ठीक उसी तरह माता-पिता को भी शॉपिंग करा दिया करे.

अपनी खुशियों का गला घोटकर हमारी सारी ख्वाहिश पुरी करने वाले माता पिता ही थे, जिन्होंने हमें इस समाज में जीने का अधिकार दिलाया. जब वे हमारे लिए इतना कुछ कर सकते है तो क्या हम इन 10 चीजो का ख्याल नहीं रख सकते.

वैसे भी हमारा ये मानना है – माता-पिता के जीते जी उन्हें सारे सुख देना ही वास्तविक श्राद्ध है !

2 ફેબ્રુ, 2022

ઘરગથ્થુ ઉપચાર

અથાણાનો ચટાકો ભારે પડી શકે છે : ખીચડી ખાવાથી હાડકાની તકલીફ નહીં થાય, સાંધાના દુખાવાની સારવાર ઘરે જ શક્ય
ઠંડીના દિવસોમાં મહિલાઓની હાડકાની તકલીફ વધી જાય છે. આ સીઝનમાં સાંધાનો દુખાવો પણ થાય છે. તેવામાં રૂપિયા ખર્ચ્યા વગર પણ સારવાર કરી શકાય છે.
ભાતથી ભાગવાની જરૂર નથી :- 
ઘણીવાર મહિલાઓ મેદસ્વિતાથી બચવા માટે ભાતથી દૂર રહે છે, જ્યારે ભાતમાં હાજર લાયસિન વિટામિન ડી અબ્ઝોર્બ કરવામાં મદદ કરે છે. આ વિટામિનનો બોન્સની મજબૂતી સાથે ડાયરેક્ટ કનેક્શન હોય છે. આ ઘરેલું ઉપાય ટ્રાય કરો..
👉 ઓછામાં ઓછી એક વખત ખીચડી કે પછી ભોજનમાં ભાતનું પ્રમાણ વધારી દો.
👉 કાળા તલને પલાળીને એક બોટલમાં મૂકો, દિવસમાં બે વાર સવારે અને સાંજે ખાઓ. ચાવ્યા પછી એક ગ્લાસ પાણી પીઓ.
👉 એક-બે ચમચી ગુંદર રાત્રે પાણીમાં પલાળી દો. તેને સવારે સાંકર સાથે ખાઓ. આનાથી સાંધાનો દુખાવો ઓછો થશે.
ડુંગળી અને લસણ છે કેલ્શિયમનો ખજાનો
રોજ ભોજનમાં ડુંગળી-લસણનો ઉપયોગ કરવામાં આવે, તો નબળા હાડકા મજબૂત બની શકે છે. આ બંને શાકભાજી દરેક સીઝનમાં સરળતાથી મળી જાય છે. મહિલાઓ ફળ ખાતી નથી અને તેઓ શાકભાજી પણ ઓછું ખાય છે. તેની અસર સીધી બોન્સ પર પડે છે. પત્તાવાળા શાકભાજી, બ્રોકલી, સંતરા, સીતાફળ, ચીકુ અને કેરીમાં ભરપૂર કેલ્શિયમ હોય છે. આને ડાયટમાં સામેલ કરો. તલ, અળસી, મેવા અને બદામ ખાવી જોઈએ.
ઘણીવાર બેદરકારીથી પણ તકલીફ થઈ શકે છે
👉 શરીરમાં કેલ્શિયમની અછત હોય તો, કોલ્ડ ડ્રિંક્સને ગુડબાય કહી દો. આનાથી હાડકા નબળા પડે છે.
👉 જો ભોજનમાં એક્સ્ટ્રા મીઠું ખાવાની ટેવ હોય તો તરત જ છોડી દેવી જોઈએ.
👉રોજ અથાણું ખાવાથી હાડકા નબળા પડી શકે છે.
👉કોફીમાં રહેલા કેફીન દ્રવ્યથી પણ હાડકા પર તકલીફ થાય છે.
👉કોફી બનાવો તો તેમાં મલાઈવાળા દૂધનો ઉપયોગ કરવો જોઈએ. તેનાથી કેફીનનું જોખમ નહીં રહે.
હાડકાં વિશે આ જાણવું જરૂરી છે
✅જો તમને વારંવાર નમકીન ખાવાની ટેવ હોય તો આને બદલી દો. આપણા ભોજનમાં 70% સોડિયમ પ્રોસેસ્ડ ફૂડ હોય છે. પ્રોસેસ્ડ ફૂડ, પેક્ડ ફૂડ, ફ્રોઝન ફૂડથી અંતર રાખવું જોઈએ.
✅ 20 વર્ષની ઉંમર સુધી હાડકાનો વિકાસ થાય છે. 30થી 50 વર્ષની ઉંમર સુધી ભોજનમાં ધ્યાન રાખીને અને એક્સર્સાઈઝ કરીને હાડકા મજબૂત બનાવી શકાય. 60 વર્ષની ઉંમર પછી હાડકા નબળા થવા લાગે છે.
✅કેલ્શિયમની અછતને લીધે મહિલાઓમાં ઓસ્ટિયોપોસિસની તકલીફ થાય છે. આ જ કારણે 40 વર્ષની ઉંમર પછી મહિલાઓને હાડકા મજબૂત કરવા માટે કેલ્શિયમની સલાહ આપવામાં આવે છે.
આવી અવનવી માહિતી મેળવવા માટે અમને ફોલો કરો. 👉 Ghargaththu Upchar - ઘરગથ્થુ ઉપચાર