17 માર્ચ, 2021

श्री तुलसीदास जी की बुद्धिमानी और अनंत रामभक्ति का ज्ञान

*अदभुत गणितज्ञ "श्री.तुलसीदासजी"* ... से एक भक्त ने पूछा कि...
महाराज आप श्रीराम के इतने गुणगान करते हैं , क्या कभी खुद श्रीराम ने आपको दर्शन दिए हैं ?.. 
तुलसीदास बोले :- " हां "
भक्त :- महाराज क्या आप मुझे भी दर्शन करा देंगे ???
तुलसीदास :- " हां अवश्य " ....तुलसीदास जी ने ऐसा मार्ग दिखाया कि एक गणित का विद्वान भी चकित हो जाए !!!
*तुलसीदास जी ने कहा , ""अरे भाई यह बहुत ही आसान है !!! तुम श्रीराम के दर्शन स्वयं अपने अंदर ही प्राप्त कर सकते हो.""*
*हर नाम के अंत में राम का ही नाम है.*

इसे समझने के लिए तुम्हे एक *"सूत्रश्लोक "* बताता हूं .
यह सूत्र किसी के भी नाम में लागू होता है !!!
भक्त :-" कौनसा सूत्र महाराज ?"
*तुलसीदास* :- यह सूत्र है ...
*||"नाम चतुर्गुण पंचतत्व मिलन तासां द्विगुण प्रमाण || || तुलसी अष्ट सोभाग्ये अंत मे शेष राम ही राम || "*

 इस सूत्र के अनुसार 
★ *अब हम किसी का भी नाम ले और उसके अक्षरों की गिनती करें*...
*१)उस गिनती को (चतुर्गुण) ४ से गुणाकार करें*.
*२) उसमें (पंचतत्व मिलन) ५ मिला लें.*
*३) फिर उसे (द्विगुण प्रमाण) दुगना करें.*
*४)आई हुई संख्या को (अष्ट सो भागे) ८ से विभाजित करें .*
*"" संख्या पूर्ण विभाजित नहीं होगी और हमेशा २ शेष रहेगा!!! ...
*यह २ ही "राम" है। यह २ अंक ही " राम " अक्षर हैं*...

★विश्वास नहीं हों रहा है ना???
चलिए हम एक उदाहरण लेते हैं ...
आप एक नाम लिखें , अक्षर कितने भी हों !!!
★ उदा. .. "विनय"... ३ अक्षर 
(१) ४ से गुणा करिए ३x४=१२
(२)५ जोड़िए १२+५=१७
(३) दुगने करिए १७×२=३४
(४)८ से विभाजन करने पर ३४÷८= २ पूर्ण अंक , शेष २ !!!
*शेष हमेशा दो ही बचेंगे,यह बचे २ अर्थात् - "राम" !!!*

*विशेष यह है कि सूत्रश्लोक की संख्याओं को तुलसीदासजी ने विशेष महत्व दिया है*!!!
★(1) *चतुर्गुण* अर्थात् *४ पुरुषार्थ* :- *धर्म, अर्थ, काम,मोक्ष* !!!
★(2) *पंचतत्व* अर्थात् ५ *पंचमहाभौतिक* :- *पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु , आकाश*!!!
★(3) *द्विगुण प्रमाण* अर्थात् २ *माया व ब्रह्म* !!!
★(4) *अष्ट सो भागे* अर्थात् ८ * *आठ प्रकार की लक्ष्मी* (आग्घ, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग आणि योग
लक्ष्मी ) अथवा तो अष्ठधा प्रकृति.

★अब यदि हम सभी अपने नाम की जांच इस सूत्र के अनुसार करें तो आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि हमेशा शेष २ ही प्राप्त होगा ...
इसी से हमें श्री तुलसीदास जी की बुद्धिमानी और अनंत रामभक्ति का ज्ञान होता है !!

रामराम जी अब सब अपने अपने नाम के साथ यह प्रयोग करके देखिए😊
*रामराम जी*🙏

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