25 ઑક્ટો, 2020

एक अचूक मंत्र- गांधीजी

मैं आपको एक मन्त्र देता हुं । जब कभी आप दुविद्या में हों या आपको अपना स्वार्थ प्रबल होता दिखाई दे तो यह नुस्खा आजमाकर देखिएगा। 
आपके मन की आंखो के सामने कीसी एक गरीब. और असहाय व्यकित का चहेरा लाईए जीसे आप जानते हो और अपने आपसे पुछीए की आपकी करनी उसके कीस काम आयेगी ? कया उसे कुछ लाभ होगा ? कया उस काम से अपना जीवन और भविष्य बनाने में कुछ मदद मिलेगी दुसरे मानो में कया आपकी करनी हमारे देश के लाखो , करो भूखे नंगे लोगो को स्वराज की राह दिखायेगी?
 बस ईतना सोचते ही आपकी सारी दुविद्या दुर हो जायेगी और स्वार्थ पीगलकर बह जायेगा ।
                                     - मो. क. गांधी

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