आपके मन की आंखो के सामने कीसी एक गरीब. और असहाय व्यकित का चहेरा लाईए जीसे आप जानते हो और अपने आपसे पुछीए की आपकी करनी उसके कीस काम आयेगी ? कया उसे कुछ लाभ होगा ? कया उस काम से अपना जीवन और भविष्य बनाने में कुछ मदद मिलेगी दुसरे मानो में कया आपकी करनी हमारे देश के लाखो , करो भूखे नंगे लोगो को स्वराज की राह दिखायेगी?
बस ईतना सोचते ही आपकी सारी दुविद्या दुर हो जायेगी और स्वार्थ पीगलकर बह जायेगा ।
- मो. क. गांधी
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