29 સપ્ટે, 2020

ब्रह्मचर्य-पालन के महत्वपूर्ण नियम

* ब्रह्मचर्य-पालन के महत्वपूर्ण नियम *

 
ऋषियों का कथन है कि ब्रह्मचर्य ब्रह्म-परमात्मा के दर्शन का द्वार है, उसका पालन करना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए यहाँ हम ब्रह्मचर्य-पालन के कुछ सरल नियमों एवं उपायों की चर्चा करेंगेः


1.      ब्रह्मचर्य तन से अधिक मन पर आधारित है। इसलिए मन को नियंत्रण में रखो और अपने सामने ऊँचे आदर्श रखो।


2.      आँख और कान मन के मुख्यमंत्री हैं। इसलिए गंदे चित्र व भद्दे दृश्य देखने तथा अभद्र बातें सुनने से सावधानी पूर्वक बचो।


3.      मन को सदैव कुछ-न-कुछ चाहिए। अवकाश में मन प्रायः मलिन हो जाता है। अतः शुभ कर्म करने में तत्पर रहो व खुद को इस शरीर को चलाने वाली शक्ति आत्मा समझ ,परमपिता परमात्मा की मधुर याद में लगे रहो, काम विकार पास भी नही भटकेगा। 


4.      'जैसा खाये अन्न, वैसा बने मन।' - यह कहावत एकदम सत्य है। गरम मसाले, चटनियाँ,प्याज ,लहसुन , अधिक गरम भोजन तथा मांस, मछली, अंडे, चाय कॉफी, फास्टफूड आदि का सेवन बिल्कुल न करो।


5.      भोजन हल्का व चिकना स्निग्ध हो। रात का खाना सोने से कम-से-कम दो घंटे पहले खाओ।


6.      दूध भी एक प्रकार का भोजन है। भोजन और दूध के बीच में तीन घंटे का अंतर होना चाहिए।


7.      वेश का प्रभाव तन तथा मन दोनों पर पड़ता है। इसलिए सादे, साफ और सूती वस्त्र पहनो। खादी के वस्त्र पहनो तो और भी अच्छा है। सिंथेटिक वस्त्र मत पहनो। खादी, सूती, ऊनी वस्त्रों से जीवनीशक्ति की रक्षा होती है व सिंथेटिक आदि अन्य प्रकार के वस्त्रों से उनका ह्रास होता है।


8.      सीधे, रीढ़ के सहारे तो कभी न सोओ, हमेशा करवट लेकर ही सोओ। यदि चारपाई पर सोते हो तो वह सख्त होनी चाहिए।


9.      प्रातः जल्दी उठो। प्रभात में कदापि न सोओ। वीर्यपात प्रायः रात के अंतिम प्रहर में होता है।


10.  पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, शराब, चरस, अफीम, भाँग आदि सभी मादक (नशीली) चीजें धातु क्षीण करती हैं। इनसे दूर रहो।


11.  लसीली (चिपचिपी) चीजें जैसे – भिंडी, लसौड़े आदि खानी चाहिए। ग्रीष्म ऋतु में ब्राह्मी बूटी का सेवन लाभदायक है। भीगे हुए बेदाने और मिश्री के शरबत के साथ इसबगोल लेना हितकारी है।


12.  कटिस्नान करना चाहिए। ठंडे पानी से भरे पीपे में शरीर का बीच का भाग पेटसहित डालकर तौलिये से पेट को रगड़ना एक आजमायी हुई चिकित्सा है। इस प्रकार 15-20 मिनट बैठना चाहिए। आवश्यकतानुसार सप्ताह में एक-दो बार ऐसा करो।


13.  प्रतिदिन रात को सोने से पहले ठंडा पानी पेट,हाथ, पैरों पर डालना बहुत लाभदायक है।


14.  बदहज्मी व कब्ज से अपने को बचाओ।


15.  सेंट, लवेंडर, परफ्यूम आदि से दूर रहो। इन्द्रियों को भड़काने वाली किताबें न पढ़ो, न ही ऐसी फिल्में और नाटक देखो।


16.  विवाहित हो तो भी अलग बिछौने पर सोओ।


17.  हर रोज प्रातः और सायं व्यायाम, आसन और प्राणायाम करने का नियम रखो।

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