22 ડિસે, 2018

विमुद्रीकरण या नोटबंदी

विमुद्रीकरण या नोटबंदी

विमुद्रीकरण या नोटबंदी की परिभाषा नोटबंदी एक प्रक्रिया हैं जिसमे मुद्रा का क़ानूनी दर्जा निकाला जाता है, और ये सिक्कोंके लिए भी लागू होता है| पुराने नोटों या सिक्कोंके बदले नये नोट या सिक्के बाज़ार मे लाएं जाते हैं| जैसे ५०० के नये नोट आये| और कभी कभी बिलकुल नये नोट जैसे २००० के नोट भी शुरू किए जातें हैं| नोट बंदी के बाद पुराने नोटोंकी कुछ कीमत नहीं रहती, आपके पुराने नोट बदलवा देने के लिए निर्धारित वक्त दिया जाता हैं. यह नोट्स बैंकों से बदलवा जा सकते हैं|
नोटबंदी क्यों की जाती हैं? क्या है नोटबंदी का इतिहास ? भ्रष्टाचार, कालाधन, नकली नोट्स (फेक करंसी), महंगाई या आतंकवादी गतिविधीयोंपे नियंत्रण के लिए विमुद्रीकरण का उपयोग किया जा सकता हैं| भ्रष्टाचारी लोग अपना काला धन कॅश के रूप में छुपाके रखतें हैं, ताकि वह उसपे लगने वाला कर बचा सके| यहीं काला धन आतंकवादी कारणों के लिए इस्तेमाल किया जाता है| भारत पहला देश नहीं है जहाँ पे नोटबंदी हुई है, जब यूरोप यूनियन बना उन्होंने यूरो नामक नयीं करेंसी लायी, तब सब पुराने नोट्स बैंक्स में जमा करवाए थे| यह भी एक बड़ा प्रकल्प था, इस नोटबंदी ने भी यूरोप में बवाल मचा दिया था, मगर शायद भारत में हुआ उतना नहीं| २०१५ में ज़िम्बाब्वे में भी महंगाई से लढनेके लिए नोटबंदी का उपयोग किया था (इसके बारेमे जरूर पढ़िए यह एक अच्छा विषय है)| भारत में पहले भी सिक्कोंकी और करेंसी की नोटबंदी कहीं बार हुई पर पर वह इतनी प्रसिद्धि में नहीं थी| आज कल हम छोटे सिक्के जैसे ५, १०, २० पैसे का इस्तेमाल नहीं करते, उन्हें भी बंद कर दिया गया था| पर ५०० और १००० की नोटबंदी एक अलग कहानी हे| भारतीय अर्थव्यवस्थामें इन दो करेंसी ने ८६% भाग काबिज किया था, यह नोट्स बाजार में सबसे ज्यादा चलन में थे, और इसीलिए इसका इतना बड़ा बवाल और परिणाम हुआ।
नोटबंदी के लाभ / फायदे और हानि, परिणाम जो काला धन ५०० और १००० नकद के रूप में छुपा के रखा वह अब बस एक कागज़ मात्र है, उसकी आज कुछ भी कीमत नहीं हैं | नोटबंदी के बजेसे यह काला धन भ्रष्टाचारियोंको सरकार को समर्पित करना पड़ा या फिर कहियोने उसे जला दिया, फेंक दिया| वैसे ही जो जाली नोट्स बाजार में थे वह भी किसी काम के नहीं रहें |
नोटबंदी से अचानक से यह सब गंभीर प्रश्न छूटेंगे नहीं, पर कुछ हद तक काबू में जरूर आएंगे | इस सब में एक बड़ी हानि हुई और वह है, आम आदमी को इससे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में तकलीफ हुई | बैंक और एटीएम के सामने घंटो लाइन में खड़े रहना, अस्पताल का बिल, किराने की समस्याऔर बहोत कुछ| ऐसे सब तक्लिफोंसे गुजरने के बाद भी सारे देश ने मोदीजी के यह बड़े और निर्णायक फैसले में साथ दिया| बाहरी देश भी मोदीजी की इस फैसलेकि सरहाना कर रहीं हैं| उन्हें लगता हैं की सरकार कुछ तो कदम उठा रही है भ्रष्टाचार को ख़तम करने के लिए| मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और ऐसे बहोत अभियानोंके प्रभाव से फॉरेन इन्वेस्टमेंट बढ़ सकता हैं| और इससे भारत के विकास में मदद जरूर होगी. आज नोटबंदी, पर बहोत सवाल उठाएं जा रहें है,जैसे नोटबंदी फेल हुई है| यह एक कला धन सफ़ेद करनेका स्कैम है| नोटबंदी से कुछ फ़ायदा नहीं, बस नुकसान ही हुआ| भारतका आर्थिक प्रगति दर ७.५ से कम होक ६.३ हुआ| नए नोट्स छापने बहोत पैसा खर्च हुआ, और अभी भी आतंवादी फंडिंग चालू ही है| हम सब आरोप टाल भी नहीं सकते, शायद नोटबंदी से जिस स्तर की अपेक्षाएं थी वह हासिल नहीं हुई| पर सिक्के के दो पहलू होतें है| कमियां रहीं है पर जैसे अंग्रेजी में कहते है “सी दी ब्राइटर साइड ऑफ़ इट”… सबसे बड़ी बात है की अगर नोटबंदी नहीं होती तो भारत में आर्थिक जागरूकता नहीं फैलती और शायद जीएसटी का बिल और इसका कार्यान्वयन करनेमें तख़लीफ़े होती| नोटबंदी के वजह से आम लोगों को आर्थिक कर और उसके प्रती अपनी जिम्मेदारी का एहसास हुआ, यह एक बहोत बड़ी बात है| नोटबंदी के चलते लोग ऑनलाइन, डिजिटल पेमेंट करने लगे, चायवाला, किरानेवाला, ज़ेरॉक्स, प्रिंटिंग वाला भी अब paytm से पैसे लेता है| यह एक बहोत बड़ी उपलब्धि है| निष्कर्ष नोटबंदी हो या जीएसटी यह बहोत ही बड़े फैसले है, शायद भारत के नए इतिहास में ऐसे बड़े फैसले कभी भी नहीं लिए गए| अगर भारत को आगे बढ़ाना है तो बड़े कदम उठाने होंगे, इससे भी बड़े| हर चीज़ फूलप्रूफ नहीं होती, इसमें कमियां भी हो सकती है, हाँ पर ये बहाना नहीं होना चाहिए| कभी कभी कुछ अच्छी चीज़े उतना परिणाम नहीं देती पर वह करनेकी हिम्मत रखना, उसके लिए लाखों लोगों का भरोसा लेना आपनेमे बहोत बड़ी बात है| हमे ऐसे बड़े फैसलों में सरकार की मदद करनी चाहिए और ख़राब परफॉरमेंस पर सवाल भी उठाने चाहिए| सरकार और जनता को मिलके देश को आगे ले जाना पड़ेगा, यही जनतंत्र है, देश के लोग और सरकार इसके बहोत ही बड़े पहलू है| जानिये हिंदी निबंध के प्रकार – वर्णनात्मक, विवरणात्मक, प्रेरक, कथा निबंध. आपको नोटबंदी पर यह निबंध अच्छा लगा हो तो कमेंट जरूर कीजिये, धन्यवाद..

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો