दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा कही जाने वाली ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की अंतरिक्ष से ली गई पहली तस्वीर सामने आई है। तस्वीर Planet.com ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है। 182 मीटर ऊंची यानी 597 फीट ऊंची सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को 15 नवंबर, 2018 को अंतरिक्ष से कैमरे में कैद किया गया है। अंतरिक्ष से खींची इस तस्वीर में पटेल की प्रतिमा साफतौर पर देखी जा सकती है। नर्मदा जिले में केवाड़िया गांव के निकट बनी पटेल की प्रतिमा के पास विशाल नदी बहती हुई नजर आ रही है। इसके आसपास पहाड़ीनुमा इलाका खासी आकर्षित करता है। बता दें कि लोग प्रतिमा तक आसानी से पहुंच सकें, इसके लिए गुजरात सरकार ने घोषणा की है कि जनता को सर्मिपत किए गए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को जल्द ही रेल और हवाई संपर्क से जोड़ा जाएगा।
शुक्रवार को एक सरकारी बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान इस सिलसिले में भारतीय विमान पत्तनम (एएआई) और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की। एएआई अध्यक्ष गुरूप्रसाद महापात्रा के साथ बैठक के बाद रूपानी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को सर्मिपत 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को देखने के लिए आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए नर्मदा जिले के राजपिपला शहर में एक हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की। राजपिपला केवाड़िया से करीब 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि एएआई राजपिपला, धोलेरा और राजकोट में हवाई अड्डों के निर्माण में राज्य सरकार को अपना समर्थन देगी। विज्ञप्ति में बताया गया है कि रूपानी ने केवाड़िया तक पटरी बिछाने सहित गुजरात में विभिन्न रेल संपर्क परियोजनाओं के बारे में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी से भी बातचीत की।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सरदार पटेल की इस प्रतिमा को जनता को सौंपते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह भारत का उन सबको जवाब है, जो उसके अस्तित्व पर सवाल करते हैं। मोदी ने सभी नागरिकों से एकजुटता के साथ रहने के लिए कहा। मोदी ने कहा, “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उन सबको याद दिलाने के लिए है, जो भारत के अस्तित्व और इसकी अखंडता पर सवाल उठाते हैं। यह शाश्वत था, शाश्वत है और हमेशा रहेगा।” उन्होंने कहा कि प्रतिमा की ऊंचाई युवाओं को याद दिलाएगी कि देश का भविष्य उनकी आकांक्षाओं में है और उनकी आकांक्षाएं इस प्रतिमा के जितनी ऊंची हैं।
बता दें कि 2,389 करोड़ रुपए की लागत से नर्मदा नदी के साधु बेट द्वीप पर बने पूर्व उपप्रधानमंत्री की प्रतिमा का अनावरण करते हुए मोदी ने इसे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया, जो चीन के स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा की प्रतिमा (153 मीटर) से लगभग 29 मीटर ऊंची और अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से लगभग दोगुनी है। पटेल की इस विशाल प्रतिमा के अनावरण के बाद इसके ऊपर से भारतीय वायुसेना के तीन विमानों ने उड़ान भरी और आकाश में तिरंगा बनाया। गुजरात सरकार को उम्मीद है कि यह प्रतिमा पर्यटन को बढ़ावा देगी और रोजाना 15,000 पर्यटक इसे देखने आएंगे।
अंतरिक्ष से कुछ ऐसी दिखती है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, देखें पहली सैटेलाइट तस्वीर
182 मीटर ऊंची यानी 597 फीट ऊंची सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को 15 नवंबर, 2018 को अंतरिक्ष से कैमरे में कैद किया गया है।
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा कही जाने वाली ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की अंतरिक्ष से ली गई पहली तस्वीर सामने आई है। तस्वीर Planet.com ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है। 182 मीटर ऊंची यानी 597 फीट ऊंची सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को 15 नवंबर, 2018 को अंतरिक्ष से कैमरे में कैद किया गया है। अंतरिक्ष से खींची इस तस्वीर में पटेल की प्रतिमा साफतौर पर देखी जा सकती है। नर्मदा जिले में केवाड़िया गांव के निकट बनी पटेल की प्रतिमा के पास विशाल नदी बहती हुई नजर आ रही है। इसके आसपास पहाड़ीनुमा इलाका खासी आकर्षित करता है। बता दें कि लोग प्रतिमा तक आसानी से पहुंच सकें, इसके लिए गुजरात सरकार ने घोषणा की है कि जनता को सर्मिपत किए गए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को जल्द ही रेल और हवाई संपर्क से जोड़ा जाएगा।
शुक्रवार को एक सरकारी बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान इस सिलसिले में भारतीय विमान पत्तनम (एएआई) और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की। एएआई अध्यक्ष गुरूप्रसाद महापात्रा के साथ बैठक के बाद रूपानी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को सर्मिपत 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को देखने के लिए आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए नर्मदा जिले के राजपिपला शहर में एक हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की। राजपिपला केवाड़िया से करीब 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि एएआई राजपिपला, धोलेरा और राजकोट में हवाई अड्डों के निर्माण में राज्य सरकार को अपना समर्थन देगी। विज्ञप्ति में बताया गया है कि रूपानी ने केवाड़िया तक पटरी बिछाने सहित गुजरात में विभिन्न रेल संपर्क परियोजनाओं के बारे में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी से भी बातचीत की।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सरदार पटेल की इस प्रतिमा को जनता को सौंपते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह भारत का उन सबको जवाब है, जो उसके अस्तित्व पर सवाल करते हैं। मोदी ने सभी नागरिकों से एकजुटता के साथ रहने के लिए कहा। मोदी ने कहा, “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उन सबको याद दिलाने के लिए है, जो भारत के अस्तित्व और इसकी अखंडता पर सवाल उठाते हैं। यह शाश्वत था, शाश्वत है और हमेशा रहेगा।” उन्होंने कहा कि प्रतिमा की ऊंचाई युवाओं को याद दिलाएगी कि देश का भविष्य उनकी आकांक्षाओं में है और उनकी आकांक्षाएं इस प्रतिमा के जितनी ऊंची हैं।
बता दें कि 2,389 करोड़ रुपए की लागत से नर्मदा नदी के साधु बेट द्वीप पर बने पूर्व उपप्रधानमंत्री की प्रतिमा का अनावरण करते हुए मोदी ने इसे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया, जो चीन के स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा की प्रतिमा (153 मीटर) से लगभग 29 मीटर ऊंची और अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से लगभग दोगुनी है। पटेल की इस विशाल प्रतिमा के अनावरण के बाद इसके ऊपर से भारतीय वायुसेना के तीन विमानों ने उड़ान भरी और आकाश में तिरंगा बनाया। गुजरात सरकार को उम्मीद है कि यह प्रतिमा पर्यटन को बढ़ावा देगी और रोजाना 15,000 पर्यटक इसे देखने आएंगे।
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