23 માર્ચ, 2018

पेड़ नहीं छोड़ता !

पेड़ नहीं छोड़ता ! [ज़िन्दगी बदलने वाली हिंदी कहानियां] एक बार की बात है . एक व्यक्ति को रोज़-रोज़ जुआ खेलने की बुरी आदत पड़ गयी थी . उसकी इस आदत से सभी बड़े परेशान रहते. लोग उसे समझाने कि भी बहुत कोशिश करते कि वो ये गन्दी आदत छोड़ दे , लेकिन वो हर किसी को एक ही जवाब देता, ” मैंने ये आदत नहीं पकड़ी, इस आदत ने मुझे पकड़ रखा है !!!” और सचमुच वो इस आदत को छोड़ना चाहता था , पर हज़ार कोशिशों के बावजूद वो ऐसा नहीं कर पा रहा था. परिवार वालों ने सोचा कि शायद शादी करवा देने से वो ये आदत छोड़ दे , सो उसकी शादी करा दी गयी. पर कुछ दिनों तक सब ठीक चला और फिर से वह जुआ खेलने जाना लगा. उसकी पत्नी भी अब काफी चिंतित रहने लगी , और उसने निश्चय किया कि वह किसी न किसी तरह अपने पति की इस आदत को छुड़वा कर ही दम लेगी. एक दिन पत्नी को किसी सिद्ध साधु-महात्मा के बारे में पता चला, और वो अपने पति को लेकर उनके आश्रम पहुंची. साधु ने कहा, ” बताओ पुत्री तुम्हारी क्या समस्या है ?” पत्नी ने दुखपूर्वक सारी बातें साधु-महाराज को बता दी . साधु-महाराज उनकी बातें सुनकर समस्या कि जड़ समझ चुके थे, और समाधान देने के लिए उन्होंने पति-पत्नी को अगले दिन आने के लिए कहा . अगले दिन वे आश्रम पहुंचे तो उन्होंने देखा कि साधु-महाराज एक पेड़ को पकड़ के खड़े है . उन्होंने साधु से पूछा कि आप ये क्या कर रहे हैं ; और पेड़ को इस तरह क्यों पकडे हुए हैं ? साधु ने कहा , ” आप लोग जाइये और कल आइयेगा .” फिर तीसरे दिन भी पति-पत्नी पहुंचे तो देखा कि फिर से साधु पेड़ पकड़ के खड़े हैं . उन्होंने जिज्ञासा वश पूछा , ” महाराज आप ये क्या कर रहे हैं ?” साधु बोले, ” पेड़ मुझे छोड़ नहीं रहा है .आप लोग कल आना .” पति-पत्नी को साधु जी का व्यवहार कुछ विचित्र लगा , पर वे बिना कुछ कहे वापस लौट गए. अगले दिन जब वे फिर आये तो देखा कि साधु महाराज अभी भी उसी पेड़ को पकडे खड़े है. पति परेशान होते हुए बोला ,” बाबा आप ये क्या कर रहे हैं ?, आप इस पेड़ को छोड़ क्यों नहीं देते?” साधु बोले ,”मैं क्या करूँ बालक ये पेड़ मुझे छोड़ ही नहीं रहा है ?” पति हँसते हुए बोला , “महाराज आप पेड़ को पकडे हुए हैं , पेड़ आप को नहीं !….आप जब चाहें उसे छोड़ सकते हैं.” साधू-महाराज गंभीर होते हुए बोले, ” इतने दिनों से मै तुम्हे क्या समझाने कि कोशिश कर रहा हूँ .यही न कि तुम जुआ खेलने की आदत को पकडे हुए हो ये आदत तुम्हे नहीं पकडे हुए है!” पति को अपनी गलती का अहसास हो चुका था , वह समझ गया कि किसी भी आदत के लिए वह खुद जिम्मेदार है ,और वह अपनी इच्छा शक्ति के बल पर जब चाहे उसे छोड़ सकता है.

22 માર્ચ, 2018

मंदबुद्धि [ज़िन्दगी बदलने वाली हिंदी कहानियां]

मंदबुद्धि [ज़िन्दगी बदलने वाली हिंदी कहानियां] विद्यालय में सब उसे मंदबुद्धि कहते थे । उसके गुरुजन भी उससे नाराज रहते थे क्योंकि वह पढने में बहुत कमजोर था और उसकी बुद्धि का स्तर औसत से भी कम था। कक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा ही खराब रहता था । और बच्चे उसका मजाक उड़ाने से कभी नहीं चूकते थे । पढने जाना तो मानो एक सजा के समान हो गया था , वह जैसे ही कक्षा में घुसता और बच्चे उस पर हंसने लगते , कोई उसे महामूर्ख तो कोई उसे बैलों का राजा कहता , यहाँ तक की कुछ अध्यापक भी उसका मजाक उड़ाने से बाज नहीं आते । इन सबसे परेशान होकर उसने स्कूल जाना ही छोड़ दिया । अब वह दिन भर इधर-उधर भटकता और अपना समय बर्वाद करता । एक दिन इसी तरह कहीं से जा रहा था , घूमते – घूमते उसे प्यास लग गयी । वह इधर-उधर पानी खोजने लगा। अंत में उसे एक कुआं दिखाई दिया। वह वहां गया और कुएं से पानी खींच कर अपनी प्यास बुझाई। अब वह काफी थक चुका था, इसलिए पानी पीने के बाद वहीं बैठ गया। तभी उसकी नज़र पत्थर पर पड़े उस निशान पर गई जिस पर बार-बार कुएं से पानी खींचने की वजह से रस्सी का निशाँ बन गया था । वह मन ही मन सोचने लगा कि जब बार-बार पानी खींचने से इतने कठोर पत्थर पर भी रस्सी का निशान पड़ सकता है तो लगातार मेहनत करने से मुझे भी विद्या आ सकती है। उसने यह बात मन में बैठा ली और फिर से विद्यालय जाना शुरू कर दिया। कुछ दिन तक लोग उसी तरह उसका मजाक उड़ाते रहे पर धीरे-धीरे उसकी लगन देखकर अध्यापकों ने भी उसे सहयोग करना शुरू कर दिया । उसने मन लगाकर अथक परिश्रम किया। कुछ सालों बाद यही विद्यार्थी प्रकांड विद्वान वरदराज के रूप में विख्यात हुआ, जिसने संस्कृत में मुग्धबोध और लघुसिद्धांत कौमुदी जैसे ग्रंथों की रचना की। “ आशय यह है कि हम अपनी किसी भी कमजोरी पर जीत हांसिल कर सकते हैं , बस ज़रुरत है कठिन परिश्रम और धैर्य के साथ अपने लक्ष्य के प्रति स्वयं को समर्पित करने की।

2 માર્ચ, 2018

जानें कितने काम के हैं एग्‍जाम से जुड़े टोटके बोर्ड एग्‍जाम की तैयारी कर रहें स्‍टूडेंट्स अक्‍सर एग्‍जाम में पास होने के लिए कई टोटके आजमाते है, ये कितना काम करते हैं पता नहीं, लेकिन इन्‍हें आजमाने से शायद ही कोई पीछे रहता है.

जानें कितने काम के हैं एग्‍जाम से जुड़े टोटके
बोर्ड एग्‍जाम की तैयारी कर रहें स्‍टूडेंट्स अक्‍सर एग्‍जाम में पास होने के लिए कई टोटके आजमाते है, ये कितना काम करते हैं पता नहीं, लेकिन इन्‍हें आजमाने से शायद ही कोई पीछे रहता है.

मैजिकल पेन:
कई स्‍टूडेंट्स एग्‍जाम टाइम अपने मैजिक या फिर लकी पेन को साथ्‍ा ले जाते हैं. उन्‍हें ऐसा भरोसा होता है कि इस पेन से पिछली परीक्षाओं में अच्‍छे नंबर मिले थे तो बेशक इस बार भी वहीं नतीजा होगा. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो कभी मत भूलें कि हमारे आत्‍मविश्‍वास से बड़ा कोई मैजिक नहीं है. ऐसे में कई पेन साथ ले जाने से अच्‍छा है पूरे भरोसे के साथ जाएं.

रातभर जागकर पढ़ना:
कई बार स्‍टूडेंट्स को लगता है कि दिन में पढ़ाई करो न करो, लेकिन रात में लाइट जलाकर थकी आंखों के साथ नींद से जूझते हुए पढ़ाई करना सफलता का मंत्र है. अगर आप भी इस फार्मूले पर अमल करते हैं तो भूल जाइए रात हो या दिन,पढ़ाई करने का कोई समय नहीं होता, बस जब पढ़ें पूरे दिल से तैयारी करें.

दही खाकर घर से निकलना:
शुभ काम पर जाने से पहले दही खाकर जाने के मिथ पर स्‍टूडेंट्स ही नहीं पैरेंट्स भी आंख मूंदकर भरोसा करते हैं. ऐसा करने के पीछे असली वजह होती है दिमाग को शांत रखने की. दही खाने पर एग्‍जाम टाइम हमारे अंदर चल रही चिंताओं पर कंट्रोल करने में हमें मदद मिलती है.

भूखा रहना नींद को भगाएगा:
कई बार स्‍टूडेंट्स नीद को दूर भगाने के लिए खाली पेट लंबे समय तक रहते हैं. ऐसा बिल्‍कुल नहीं करें क्‍योंकि यह कोई सफलता नहीं सिर्फ गैस्टिक की समस्‍या को पैदा कर स‍कता है.

एग्‍जामनर किसी शैतान से कम नहीं:
एग्‍जाम हॉल में पहुंच अक्‍सर स्‍टूडेंट्स पेपर बनाने वाले को किसी शैतान से कम नहीं समझते. लेकिन यह मत भूलिए पेपर हमेशा पूरी सर्तकता के साथ तैयार किया जाता है. इस बात का खास ख्‍याल रखा जाता है कि पेपर सभी स्‍टूडेंट पास कर सकें.

गयी सारिणी में फल और उनमे पाये जाने वाले विटामिन्स तथा खनिजों के नाम इस प्रकार हैं |

गयी सारिणी में फल और उनमे पाये जाने वाले विटामिन्स तथा खनिजों के नाम इस प्रकार हैं |

विटामिन A

आम > पपीता > परसीमोन

विटामिन B1  (थाइमीन)

काजू > अखरोट > बादाम > अनन्नास

विटामिन  B2  (राइबोफ्लेबिन)

बेल > पपीता > काजू > लीची

विटामिन C

चैरी > आंवला > अमरुद > नीबू > मीठा नारंगी > लेमन

कार्बोहाईड्रेट

रेंजिन > अनन्नास > खजूर > करौंदा > केला > बेल शरीफा > जामुन

प्रोटीन

काजू (21.2%) > बादाम (20.8%) > अखरोट (15.6 %)

वसा

अखरोट (64.5%) > बादाम (58.9%) > काजू (46.9%)

साइट्रिक अम्ल

बेरी > नीबू > अमरुद > नाशपाती

मैलिक अम्ल

सेव > केला > चैरी > बेर > तरबूज

टार्टरिक अम्ल

इमली > अंगूर

खनिज

कैल्शियम

लीची > करौंदा > अखरोट > बेल

आयरन

करौंदा > खजूर > अखरोट > सेव

फोस्फोरस

बादाम > काजू > अखरोट > लीची