22 નવે, 2018

कार्तिक पूर्णिमा पर चुपचाप करें दीपदान, घर में होगा शुभ ही शुभ  

                  
                                    पढ़ें कार्तिक पूर्णिमा पर आखिर क्या है पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का महत्व। जानें कार्तिक पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि और सही मुहूर्त !
                            शुक्रवार, 23 नवंबर 2018 को कार्तिक पूर्णिमा है। जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आती है इसलिए भी इस पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे ‘त्रिपुरी पूर्णिमा’ भी कहते हैं। यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र होती है तो इसे ‘महाकार्तिकी’ कहा जाता है। वहीं ये भी माना जाता है कि भरणी नक्षत्र होने पर इस पूर्णिमा का विशेष फल प्राप्त होता है। इसके साथ ही रोहिणी नक्षत्र की वजह से इसका महत्व और बढ़ जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा व्रत मुहूर्त New Delhi, India के लिए

नवंबर 22, 2018 को

12:55:50 से पूर्णिमा आरम्भ

नवंबर 23, 2018 को

11:11:15 पर पूर्णिमा समाप्त

हिन्दू मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर संध्या के समय भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था। ऐसे में इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप-दान करने पर उसका फल दस यज्ञों के समान प्राप्त होता है। इस पूर्णिमा की महत्वता को देखते हुए ही इसे ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य ने महापुनीत पर्व बताया है। कई जगह इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। 

*कार्तिक पूर्णिमा का महत्व*

कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा देशभर की सभी पवित्र पूर्णमासियों में से एक होती है। इस विशेष दिन किये जाने वाले सभी दान-पुण्य कार्य बेहद फलदायी साबित होते हैं। कहा जाता है कि यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और विशाखा नक्षत्र पर सूर्य हो तो ऐसे में पद्मक योग का निर्माण होता है, जो कि बेहद दुर्लभ योग होता है। इसके साथ ही इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और बृहस्पति हो तो, यह महापूर्णिमा कहलाती है। इस दिन संध्याकाल में त्रिपुरोत्सव करके दीपदान करने से पुनर्जन्म का कष्ट समाप्त हो हो जाता है। 

*कार्तिक पूर्णिमा व्रत और धार्मिक कर्म*

मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की उपासना करने का विशेष महत्व है। इस दिन किये जाने वाले सभी धार्मिक कर्मकांड कुछ इस प्रकार हैं-

● पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल जाग कर व्रत का संकल्प लें और किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें।

● इस दिन चंद्रोदय पर शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसुईया और क्षमा इन छः कृतिकाओं का पूजन अवश्य करना चाहिए।

● कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में व्रत करके बैल का दान करने से शिव पद प्राप्त होता है।

● गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी आदि का दान करने से संपत्ति बढ़ती है।

● इस भेड़ का दान करने से ग्रहयोग के कष्टों का नाश होता है।

● कार्तिक पूर्णिमा से प्रारंभ होकर प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।

● कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने वाले व्रती को किसी जरुरतमंद को भोजन और हवन अवश्य कराना चाहिए।

● इस दिन यमुना जी पर कार्तिक स्नान का समापन करके राधा-कृष्ण का पूजन और दीपदान करना चाहिए।

*कार्तिक पूर्णिमा की पौराणिक कथा*

पौराणिक कथा के अनुसार पुरातन काल में एक समय त्रिपुर राक्षस ने एक लाख वर्ष तक प्रयागराज में घोर तप किया। उसकी उसी तपस्या के प्रभाव ने सभी जड़-चेतन, जीव और देवताओं को भयभीत कर दिया था। ऐसे में सभी देवताओं ने उसका तप भंग करने के लिए योजना बनाते हुए अप्सराएँ भेजने का फैसला किया लेकिन उनकी इस योजना को सफलता नहीं मिल सकी। जिसके बाद त्रिपुर राक्षस के तप से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी स्वयं उसके सामने प्रकट हुए और उन्होंने राक्षस से वरदान मांगने को कहा।

त्रिपुर ने वरदान मांगा कि, ‘मैं न देवताओं के हाथों मरूं, न मनुष्यों के हाथों से’। ब्रह्मा जी से वरदान मिलने पर त्रिपुर निडर होकर अत्याचार करने लगा। इतना ही नहीं उसने कैलाश पर्वत पर भी चढ़ाई कर दी। इसके बाद भगवान शंकर और त्रिपुर के बीच भयंकर युद्ध हुआ। अंत में शिव जी ने ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु की मदद से त्रिपुर का संहार इसी दिन किया।

हमारी ओर से आप सभी को कार्तिक पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ !

19 નવે, 2018

सागो का सरदार है बथुवा* *सबसे अच्छा आहार है बथुवा*

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बथुवा अंग्रेजी में Lamb's Quarters, वैज्ञानिक नाम Chenopodium album.

साग और रायता बना कर बथुवा अनादि काल से खाया जाता  रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि *हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए प्लस्तर में बथुवा मिलाते थे* और हमारी बुढ़ियां *सिर से ढेरे व फांस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुवै के पानी से बाल धोया करती।* बथुवा गुणों की खान है और *भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं तभी तो मेरा भारत महान है।*

बथुवै में क्या क्या है?? मतलब कौन कौन से विटामिन और मिनरल्स??

तो सुने, बथुवे में क्या नहीं है?? *बथुवा विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और विटामिन C से भरपूर है तथा बथुवे में कैल्शियम,  लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं। 100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। कुल मिलाकर 43  Kcal होती है।*

जब बथुवा शीत (मट्ठा, लस्सी) या दही में मिला दिया जाता है तो *यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है* और साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डळी हो तो इस खाने के लिए देवता भी तरसते हैं।

जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डॉक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली ही खाने की सलाह देते हैं ना??? गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व लोहे की गोली बताई जाती है और बथुवे में वो सबकुछ है ही, कहने का मतलब है कि *बथुवा पहलवानो से लेकर गर्भवती महिलाओं तक, बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है।*

यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है। बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है।  बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करें। नमक न मिलाएँ तो अच्छा है, यदि स्वाद के लिए मिलाना पड़े तो काला नमक मिलाएँ और देशी  गाय   के घी से छौंक लगाएँ। बथुए का उबाला हुआ पानी अच्छा लगता है तथा दही में बनाया हुआ रायता स्वादिष्ट होता है। किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें। *बथुवै में  जिंक होता है जो कि शुक्राणुवर्धक है मतलब किसी भाई को जिस्मानी कमजोरी हो तो उसकॅ भी दूर कर दे बथुवा।*

बथुवा कब्ज दूर करता है और अगर *पेट साफ रहेगा तो कोइ भी बीमारी शरीर में लगेगी ही नहीं, ताकत और स्फूर्ति बनी रहेगी।*

कहने का मतलब है कि जब तक इस मौसम में बथुए का साग मिलता रहे, नित्य इसकी सब्जी खाएँ। बथुए का रस, उबाला हुआ पानी पीएँ और तो और *यह खराब लीवर को भी ठीक कर देता है।*

*पथरी हो तो एक गिलास कच्चे बथुए के रस में शकर मिलाकर नित्य पिएँ तो पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।*

मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें । आधा रहने पर छानकर पी जाएँ। मासिक धर्म खुलकर साफ आएगा। आँखों में सूजन, लाली हो तो प्रतिदिन बथुए की सब्जी खाएँ।

पेशाब के रोगी बथुआ आधा किलो, पानी तीन गिलास, दोनों को उबालें और फिर पानी छान लें । बथुए को निचोड़कर पानी निकालकर यह भी छाने हुए पानी में मिला लें। स्वाद के लिए नींबू जीरा, जरा सी काली मिर्च और काला नमक लें और पी जाएँ।

*आप ने अपने दादा दादी से ये कहते जरूर सुना होगा कि हमने तो सारी उम्र अंग्रेजी दवा की एक गोली भी नहीं ली। उनके स्वास्थ्य व ताकत का राज यही बथुवा ही है।*

मकान को रंगने से लेकर खाने व दवाई तक बथुवा काम आता है और हाँ सिर के बाल ...... क्या करेंगे शम्पू इसके आगे।

लेकिन अफसोस , *हम किसान ये बातें भूलते जा रहे हैं और इस दिव्य पौधे को नष्ट करने के लिए अपने अपने खेतों में जहर डालते हैं।*

*तथाकथित कृषि वैज्ञानिकों (अंग्रेज व काळे अंग्रेज) ने बथुवै को भी कोंधरा, चौळाई, सांठी, भाँखड़ी आदि सैकड़ों आयुर्वेदिक औषधियों को खरपतवार की श्रेणी में डाल दिया और हम भारतीय चूं भी ना कर पाये।*

और पढ़ लो अंग्रेजी और बन जाओ अंग्रेज, सुनो भाई जो ना सुधरे तो *एक दिन इस जहर से कैंसर जैसी बीमारी हम सबको मारेगी* क्योंकि हम इस स्वर्ग जैसी जमीन मे जहर डाल के नरक बनाने मे लगे हैं।

Current information (सांप्रत प्रवाह)

🎈વિયેતનામ પર વાવાઝોડું તોરાજી ત્રાટક્યું,12 ના મોત.

🎊પંકજ  અડવાણીને રેકોર્ડ ચોથી વાર સતત બે વર્લ્ડ બિલિયર્ડસ ટાઇટલ.

🍀17 વર્ષ બાદ ઇંગ્લેન્ડે લંકામાં ટેસ્ટશ્રેણી જીતી.

💫વર્લ્ડ જુનિયર બેડમિન્ટન માં લક્ષ્ય સેને બ્રોન્ઝ મેડલ જીત્યો.

🏹મહારાષ્ટ્ર સરકારનું મોટું પગલું.
મરાઠા અનામત વિધેયકને ફડનવીસ કેબિનેટની મંજૂરી.

🌸ઇજિપ્તમાં 1000 વર્ષ બાદ સત્તાનું કેન્દ્ર કાહીરાની બહાર હશે;રણમાં 3.5 લાખ કરોડ રૂપિયાના ખર્ચે ન્યુયોર્ક જેટલું મોટું શહેર વસાવાઈ રહ્યું છે

#Current

🔰⭕️રેવન્યૂ સેક્રેટરી અઢિયા નવેમ્બરમાં રિટાયર થશે, નવા ફાયનાન્સ સેક્રેટરી તરીકે UIDAIના CEOનું નામ ચર્ચામાં.

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➡️અઢિયાને સપ્ટેમ્બર 2017માં અશોક લવાસા રિટાયર્ડ થતાં નાણા સચિવ બનાવવામાં આવ્યાં હતા.

➡️રેવન્યૂ સેક્રેટરી પદેથી હસમુખ અઢિયા 30 નવેમ્બરે રિટાયર થાય છેનવા રેવન્યૂ સેક્રેટરી પદે ગિરિશચંદ્ર મૂર્મુ અને અજય ભૂષણ પાંડેનું નામ ચર્ચામાં.

➡️અજય ભૂષણના નામની જાહેરાત ટૂંક સમયમાં થાય તેવી શક્યતા

➡️નોટબંધી અને GSTમાં હસમુખ અઢિયાનો મહત્વનો રોલ હતો.

@gkeduinfo

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       🌺📋આજનો દિવસ📋🌺
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📜૧૭૫૦: ટીપુ સુલ્તાનનો જન્મ થયો.

📜૧૯૪૫: જર્મનીના ન્યુરેમબર્ગ શહેરમાં ૨૦ નાઝી નેતાઓ સામે સાંભળવાની શરૂઆત થઈ તે બધાને યુદ્ધના ગુનાઓનો આરોપ મૂકવામાં આવ્યો હતો.

📜૧૯૭૫: ડિક્ટેટર જનરલ ફ્રાન્સિસ્કો ફ્રાન્કોએ, જેણે સ્પેન પર ૩૯ વર્ષ સુધી શાસન કર્યું હતું, તેને મારી નાખવામાં આવ્યો હતો.

📜૧૯૮૫: બિલ ગેટ્સે બજારમાં વિન્ડોઝ -૧ ઓપરેટિંગ સિસ્ટમ શરૂ કરી.

📜૧૯૯૫: દેશની ત્યારબાદની બ્રિટિશ રાજકુમારી ડાયેનાએ પ્રથમ વખત તેણીના લગ્નના સંબંધને સ્વીકારી લીધો હતો.

📜૧૯૯૮: જરાયાની સ્પેસ સ્ટેશનનું પ્રથમ મોડ્યુલ લોન્ચ થયું.

फेफड़ों में पानी भरना व सूजन को दूर करने के सफल  घरेलु उपचार |


परिचय

फेफड़े और फेफड़े को ढकने वाली झिल्ली के बीच जब किसी प्रकार का कोई द्रव जमा हो जाता है तो उस फेफड़ों में पानी भरना कहते हैं। फेफड़ों में पानी (fefdo me pani) भरने से बुखार होता है, सांस लेने में परेशानी होती है जिसके कारण रोगी रुक-रुककर सांस लेता है। इस रोग से पीड़ित रोगी जब सांस लेता है तो उसकी छाती में दर्द होता है।

विभिन्न भाषाओं में नाम :

हिन्दी – फेफड़ों में पानी भर जाना / अंग्रेजी – प्लूरिसी / अरबी – उरस्तोय / गुजराती – फेफनासा पानी भारुण / कन्नड़ – उरस्तोय / मलयालम – नेन्चिले निरकेट्टु /मराठी – उरोस्तोय / उड़िया – छातिरे पानी जिम्बका।

कारण :

★ फेफड़ों की सूजन अधिक ठंड़ लगने, ठंड़े खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन करने, बरसात में भींगने आदि कारणों से होता है। कम उम्र के बच्चे व किशोर इस रोग से अधिक पीड़ित होते हैं।

★ कुछ चिकित्सकों का कहना है कि जीवाणुओं के संक्रमण के कारण ही फेफड़ों में पानी भरता है। ठंड़े वातावरण में इस जीवाणु का संक्रमण अधिक होता है। छाती में चोट लगने के कारण भी यह रोग हो सकता है। क्षयरोग, खसरा, निमोनिया, रियूमेटिक बुखार और इंफ्लूएंजा आदि रोग के कारण भी यह रोग हो सकता है।

लक्षण :

★ फेफड़ों की सूजन में पसलियों के दर्द के साथ रोगी को खांसी आती है। इस रोग से ग्रस्त रोगी को सर्दी अधिक लगती है तथा शरीर में कंपन होता है। छाती में चुभनयुक्त दर्द होता है। लड़कियों में यह रोग होने पर उसके स्तन की घुण्डियों में बहुत तेज दर्द होता है। रोगी को श्वांस लेने में भी बहुत अधिक पीड़ा होती है।

★ फेफड़े में पानी भरने पर सांस लेते समय छाती में बेहद दर्द होता है जिससे रोगी छोटी-छोटी सांस लेने पर मजबूर हो जाता है। खांसी के साथ ज्यादा बलगम आता है और हल्का बुखार भी रहता है। रोगी को अधिक कमजोरी महसूस होती है। रोगी हर समय बैचेनी महसूस करता है और उठकर बैठने पर थोड़ा आराम मिलता है।

भोजन और परहेज :

★ फेफड़ों की सूजन में रोगी को ठंड़ी वातावरण से अलग रखना चाहिए और ठंड़े खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। इस रोग में खांसी अधिक आती है। इसलिए खांसी को नष्ट करने वाली औषधियों का सेवन करना चाहिए। रोगी को गेहूं, मूग की दाल, शालि चावल, बकरी का दूध, गाय का दूध आदि का सेवन करना चाहिए।

★ भारी आहार, दही, मछली, शीतल पेय आदि का सेवन नहीं करना चाहिये

विभिन्न औषधियों से उपचार : Phephdon me pani bharne gharelu upchar

1. बालू : बालू (रेत) या नमक को किसी कपडे़ में बांधकर हल्का सा गर्म करके सीने पर सेंकने से फेफड़ों की सूजन में बहुत अधिक लाभ मिलता हैं और दर्द भी समाप्त हो जाता है।

2. अलसी : अलसी की पोटली को बनाकर सीने की सिंकाई करने से फेफड़ों की सूजन के दर्द में बहुत अधिक लाभ मिलता है।

3. तुलसी : तुलसी के पत्तों का रस 1 चम्मच प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से सूजन में बहुत अधिक लाभ मिलता है।

4. पुनर्नवा : पुनर्नवा की जड़ को थोड़ी सी सोंठ के साथ पीसकर सीने पर मालिश करने से सूजन व दर्द समाप्त हो जाता है।

5. लौंग : लौंग का चूर्ण बनाकर 1 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद व घी को मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी और श्वांस सम्बन्धी पीड़ा दूर हो जाती है।

6. घी : घी में भुना हुआ हींग लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम की मात्रा में पानी मिलाकर पीने से फेफड़ों की सूजन में लाभ मिलता है।
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8. खुरासानी कुटकी: वक्षावरण झिल्ली प्रदाह या फुफ्फुस पाक में तीव्र दर्द होता है। ऐसे बुखार में खुरासानी कुटकी की लगभग आधा ग्राम से लगभग 1 ग्राम की मात्रा में चूर्ण शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से फेफड़ो के दर्द व सूजन में लाभ मिलता है।

8. मजीठ : मजीठ का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन 3 बार सेवन करने से फेफड़ों की सूजन और दर्द में बहुत अधिक लाभ मिलता है।

9. कलमीशोरा : कलमीशोरा लगभग 2.40 ग्राम से 12.20 ग्राम पुनर्नवा, काली कुटकी, सोंठ आदि के काढ़े के साथ सुबह-शाम सेवन करने से प्लूरिसी में लाभ मिलता है।

10. गुग्गुल : गुग्गुल लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम मात्रा लेकर गुड़ के साथ प्रतिदिन 3-4 मात्राएं देने से फेफड़ों की सूजन व दर्द में काफी लाभ मिलता है।

11. धतूरा : फुफ्फुसावरण की सूजन में धतूरा के पत्तों का लेप फेफड़े के क्षेत्र पर छाती और पीठ पर या पत्तों के काढ़े से सेंक या सिद्ध तेल की मालिश पीड़ा और सूजन को दूर करती है।

12. नागदन्ती : नागदन्ती की जड़ की छाल 3 से 6 ग्राम की मात्रा को दालचीनी के साथ देने से वक्षावरण झिल्ली प्रदाह (प्लूरिसी) में बहुत लाभ मिलता है।

13. विशाला : विशाला (महाकाला) के फल का चूर्ण या जड़ की थोड़ी सी मात्रा में चिलम में रखकर धूम्रपान करने से लाभ मिलता है।

14. अगस्त : अगस्त की जड़ की छाल पान में या उसके रस में 10 से 20 ग्राम मात्रा को शहद के साथ सुबह-शाम सेवन क

हरिप्रकाश सरोहा:
रने से कफ निकल जाता है, पसीना आने लगता है और बुखार कम होने लगता है।

15. पालक : पालक के रस के कुल्ला करने से फेफड़ों और गले की सूजन तथा खांसी में लाभ होता हैं।

16. पुनर्नवा : लगभग 140 से 280 मिलीलीटर पुनर्नवा की जड़ का रस दिन में 2 बार सेवन करने से फेफड़ों में पानी भरना दूर होता है।

17. त्रिफला : 1 ग्राम त्रिफला का चूर्ण, 1 ग्राम शिलाजीत को 70 से 140 मिलीलीटर गाय के मूत्र में मिलाकर दिन में 2 बार लेने से फेफड़ों में जमा पानी निकल जाता है और दर्द में आराम मिलता है।

18. अर्जुन : अर्जुन की जड़ व लकड़ी का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर 3 से 6 ग्राम की मात्रा में 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ दिन में 2 बार लेने से फेफड़ों में पानी भरना ठीक होता है।

19. तुलसी : फेफड़ों की सूजन में तुलसी के ताजा पत्तों के रस आधा औंस (15 मिलीलीटर) से एक औंस (30 मिलीलीटर) धीरे-धीरे बढ़ाते हुए सुबह-शाम दिन में दो बार खाली पेट लेने से फेफड़ों की सूजन में शीघ्र ही आश्चर्यजनक रूप से लाभ मिलता है। इससे दो-तीन दिन बुखार नीचे उतरकर सामान्य हो जाता है और एक सप्ताह या अधिक से अधिक 10 दिनों में सूख जाता है।

20. गौमूत्र का सेवन सुबह शाम

21. दालचीनी एक चम्मच 2 चम्मच शहद में मिलाकर सेवन करे

बिना नम्बर सेव किये ही कर सकते है व्हाट्सएप्प मेसेज

स्मार्टफोन होना सभी लोगो के लिए बहुत ही आम बात हो चुकी है और लोग अब पहले की तरह बात करने के लिए कोई एसटीडी या पीसीओ में लाइन नहीं लगाते है बल्कि खुद घर में ही बैठ कर विडिओ कॉल कर लेते है ..खैर पहले और अभी के जमाने में बहुत कुछ बदलाव आ चूका है ..और बहुत सी चीज़े पहले के मुकाबले बदल चुकी है …
आज हम मेसेज वगहरा में नहीं बल्कि ऑनलाइन व्हाट्सएप्प मेसेज में ज्यादा बिजी रहते है और व्ह्ट्सएप्प आज के जमाने में सबसे ज्यादा यूज़ किये जाने वाला मेसेजगिंग एप्प है और यह हर किसी के स्मार्टफ़ोन में मौजूद मिलता ही है… व्हाट्सएप्प ने लोगो को मेसेज में बात करने का बहुत सा विकल्प दिया है साथ ही इसमें कुछ ऐसे भी काम आसानी से हो जाते है जो हमको किसी भी मेल की जरुरत नहीं पड़ने देता है …

आज हमे किसी से भी बात करना होता है या फिर उसे कुछ भेजना होता है तो हम उस शक्स का सबसे पहले व्ह्ट्सएप्प नम्बर लेते है और उसे सेव करते है इसके बाद ही हम उसके नम्बर पर किसी भी प्रकार का मेसेज भेज सकते है …लेकिन ऐसा नही है आज हम आपको ऐसा बढ़िया तरीका बताने वाले है जिसके जरिये आप बेहद ही आराम से नम्बर को बिना सेव किये ही उसे मेसेज कर सकते है …तो आइये जानते है कि आखिर ऐसा कैसे मुमकिन है ….
ऐसे कर सकते है बिना नम्बर सेव किये ही व्ह्ट्सएप्प में मेसेज ;-
सबसे पहले आप अपने फ़ोन में किसी भी ब्राउज़र को ओपन कर लें
उसके बाद इसमें आपको इस लिंक को https://api.whatsapp.com/send?phone=$$$$$$$$$$ कॉपी कर लें
इसके बाद इसे ब्राउज़र में पेस्ट कर लें लेकिन जहाँ “$” लिखा हुआ है वहां उस शख्स का व्हाट्सएप्प नंबर को डाले लेकिन याद रहे वह नम्बर कंट्री कोड के साथ शुरू होगा यानि इंडिया में (919876XXXXXXX)
इसके बाद आपके पेज में send मेसेज का ऑप्शन दिखाई देने लगेगा उसमे आप क्लिक करे
इतना करते ही वह नम्बर आपके व्ह्ट्सएप्प के एप्प में री-डायरेक्ट हो जाएगा और वहां से आप उस नम्बर पर आसानी से मेसेज कर सकते है …

TRAI ने थामा रिमोट, अब आप देख पाएंगे 130 रुपये में 100 चैनल!

अगर आपसे केबल ऑपरेटर या DTH कंपनी वाले मनमाने पैसे वसूल रहे हैं तो अब उनपर जल्द शिकंजा कसा जाएगा. TRAI ने केबल और ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री के लिए नए नियम जारी कर दिए हैं, TRAI का साफ कहना है कि इस नियम का उल्लंघन करने पर केबल ऑपरेटर्स और DTH के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी
TRAI का कहना है कि अब ग्राहक जितने चैनल देखना चाहते हैं उतने के ही पैसे देने होंगे. ट्राई ने अपने आदेश में कहा कि केबल ऑपरेटर और DTH कंपनी को 100 फ्री टू एयर चैनल 130 रुपये महीने में देने होंगे.

अगर कंज्यूमर इन 100 चैनलों के अलावा कोई दूसरा चैनल देखना चाहेंगे तो उसके लिए अलग से पेमेंट करना होगा. अलग से उन चैनलों के पैसे देने होंगे जो फ्री नहीं हैं.

TRAI का यह नया नियम 29 दिसंबर से देशभर में केबल और ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री में लागू हो जाएंगे. अगर कोई ऑपरेटर नियम की अनदेखी करता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कानून कार्रवाई का भी प्रावधान है.
दरअसल नये नियम के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक यूजर गाइड में हर चैनल की एमआरपी तय होगी. चैनल देखने के लिए ज्यादा पैसा वसूलना नामुमकिन होगा. ये नियम केबल, डीटीएच और ब्रॉडकास्टर्स पर लागू होंगे. नए फ्रेमवर्क के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई होगी.

एक बिजनेस चैनल से बातचीत में ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि ग्राहकों पर अब जबरदस्ती पैकेज नहीं थोपा जाएगा. उन्होंने कहा कि ट्राई के इस कदम से केबल ऑपरेटर और DTH की मनमानी पर लगाम लगेगा, और लोग कम पैसे में अपना पसंदीदा चैनल देख पाएंगे. 



व्हाट्सऐप ट्रिक: आप किसे ज्यादा करते हैं मैसेज, इस तरह करें पता

मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप दिन प्रतिदिन अपने एप्लिकेशन को अपग्रेड करते जा रहा है. फेसबुक के अधिकृत आने वाली इस कंपनी की खास बात ये है कि ये यूजर्स के एक्सपिरियंस को ध्यान में रखते हुए सारे अपग्रेडेशन करती है. इस ऐप से सिंपल टेक्स्ट, ऑडियो-विडियो कॉल से लेकर फाइल शेयर करने जैसी सुविधा उपलब्ध है. .

व्हाट्सऐप इस समय हर जगह प्रयोग किया जाता है. खास बात है कि गवर्नमेंट अथॉरिटीज भी रियल टाइम रिस्पॉन्स और आपस की बातचीत को आसान बनाने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप का प्रयोग करती है. हालांकि, दूसरी तरफ ये भी कहा जाता है कि ज्यादातर यूजर्स इसके एडिक्टिव हो गए हैं और दिन में ज्यादातर समय इसी में बिताते हैं.
हालांकि, इसमें एक उत्सुकता होती है कि कौन ज्यादा मैसेज कर रहा है या फिर कौन सा ग्रुप ज्यादा बिजी है. हालांकि, अब इसके लिए एक ऐसा रास्ता है जिसके बारे में ज्यादातर यूजर नहीं जानते हैं.


यहां हम आपको एक ऐसा तरीका बता रहे हैं, जिससे पता चल सकता है कि कौन सा व्यक्तिगत चैट या व्हाट्सऐप ग्रुप सबसे ज्यादा एक्टिव है:-

>व्हाट्सऐप वेब की सहायता से अपने डेस्कटॉप/लैपटॉप पर व्हाट्सऐप खोलिए.
> सेटिंग ऑप्शन में जाइए.


> डेटा एंड स्टोरेज ऑप्शन पर क्लिक करिए.
> यहां से स्टोरेज यूजेज को टैप करिए.
> यहां एक लिस्ट मिलेगा जो मिलेगा जिसमें आपको जिस ग्रुप या कॉन्टेक्ट से सबसे ज्यादा चैट किए हैं उसके बारे में जानकारी मिलेगी.

बता दें कि दुनिया में 1 बिलियन से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर हैं. वहीं, 200 मिलियन से ज्यादा भारत में यूजर हैं. व्हाट्सऐप की ये फैसिलिटी इसे और यूजर फ्रेंडली बना सकती है. साथ ही लोग भी इससे खुद के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं.