28 મે, 2021

આ નાનકડી ટ્રિકથી તમાકુનું વ્યસન છોડાવો

વિશ્વભરમાં 31 મે ના રોજ ટોબેકો એટલે વિશ્વ તમાકુ દિવસ મનાવવામાં આવે છે. અનો મતલબ એમ થાય છે કે, લોકો તેમના સ્વાસ્થ્ય વિશે જાગૃત થાય અને તેમના આરોગ્યને નુકશાન પહોચાડે તેવી વસ્તુ થી દુર રહે. આ દિવસની શરૂઆત વિશ્વ આરોગ્ય સંસ્થા(WHO) દ્વારા કરવામાં આવી હતી. તમાકુ સ્વાસ્થ્ય માટે હાનિકારક છે. ગુટકા, પાન, તમાકુ અથવા બીડી અને સિગારેટનો નશો એ તમને મૃત્યુ તરફ ધકેલી શકે છે, એટલા માટે તમારે આવી હાનીકારક વસ્તુ થી દુર રહેવું જોઈએ.

વિશ્વ તમાકુ દિવસ ઉજવવા નો મુખ્ય ઉદ્દેશ્ય એ છે કે, લોકો ધૂમ્રપાનથી થતા નુકસાનને લઈને જાગૃત થાય. કેમ કે ધૂમ્રપાન કરવાથી કેન્સરનું જોખમ રહે છે, આ લીટીઓ તમાકુ અને સિગારેટ ના પેકેટ ઉપર ચેતવણી રૂપ તરીકે લખેલી હોવા છતાં લોકો આ હાનીકારક વસ્તુનું સેવન કરતા રહે છે, જે તમને ઘણી ગંભીર બીમારીઓનો શિકાર બનાવી શકે છે.
અમે તમને આવી જ કેટલીક બાબતો જણાવી રહ્યા છીએ, જેના પગલે તમે ધૂમ્રપાનના વ્યસનથી છૂટકારો મેળવી શકો છો.

1. તમારી જાતને કામમાં વ્યસ્ત રાખો
ધૂમ્રપાનના વ્યસનથી બચવા માટે વ્યસ્ત રહેવું ખૂબ જ મહત્વપૂર્ણ છે. તેથી જ તમે તમારા દિવસની શરૂઆત નાસ્તા, વર્કઆઉટ, યોગ અને કામથી કરી શકો છે. અને ધૂમ્રપાન કરવાની ઇચ્છાને ટાળી શકાય.

2. જ્યારે મો માં કઇક ચાવવાની ઈચ્છા થાય ત્યારે શું કરવું
ધૂમ્રપાન છોડવાનો પ્રયાસ કરતી વખતે, મોંમાં કંઈક ચાવવાની ઇચ્છા હોય છે. આવી સ્થિતિમાં, તમે સલાડ નો ડબ્બો તમારી સાથે રાખી શકો છો. ધૂમ્રપાન કરવાની ઇચ્છાને ટાળવા માટે તમે ચીન્ગમ પણ ચાવી શકો છો. વળી, ઇલાયચી અથવા વરિયાળી ચાવવાથી પણ ધૂમ્રપાન છોડવાની ઇચ્છા માં મદદ મળે છે.

3. મધ પીવો
જો તમારે પણ ધૂમ્રપાન કરવાની આદત છોડવી હોય તો તમે મધનો પણ ઉપયોગ કરી શકો છો. તેમાં વિટામિન, ઉત્સેચકો અને પ્રોટીન હોય છે, જે તમને ધૂમ્રપાન છોડવામાં મદદ કરી શકે છે.

3. અજમો
અજમો મોઢામાં રાખો, પછી તમે ધીમે ધીમે તેની ટેવ ગુમાવશો. આવી સ્થિતિમાં, જ્યારે પણ તમને ધૂમ્રપાન કરવાનું મન થાય, ત્યારે તમે તમારા મો માં અજમો નાખો અને તેને વચ્ચેથી ચાવો, જેથી તમને જલ્દી જ ફાયદો જોવા મળશે.

4. અશ્વગંધા અને શતાવરીનો છોડ
આ બંને ઔષધિઓ ઘણા રોગો સામે લડવામાં મદદગાર સાબિત થઈ છે. તમાકુ અથવા ધૂમ્રપાનનું નિયમિત સેવન કરવાથી શરીરમાં નિકોટિન જેવા ઝેરી તત્વ એકઠા થાય છે, પરંતુ અશ્વગંધા અને શતાવરી જેવી ઔષધિ શરીરમાંથી ઝેરને બહાર કાઢવામાં મદદ કરે છે.

5. ફળો ખાવાનું શરૂ કરો
વિટામિન સી થી ભરપુર ફળો ખાવાનું શરૂ કરો. નારંગી, લીંબુ, આમળા અને જામફળ અને સફરજન વગેરે ખાવાથી તમે તમાકુની આદતથી છૂટકારો મેળવી શકો છો.

12 મે, 2021

गिलोय एक चमत्कारी बेल

💐 *गिलोय के चमत्कारी गुण*💐. ✍🏻...गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप *सौ मर्ज की एक दवा* कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में *अमृता* नाम दिया गया है। कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र समंथन के दौरान जब *अमृत* निकला और इस *अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई*।

✍🏻...इसका वानस्पिक नाम (Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia है। इसके *पत्ते पान के पत्ते* जैसे दिखाई देते हैं और *जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती*। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं। आइए जानते हैं *गिलोय के फायदे*…

(1) गिलोय बढ़ाती है शरीर की *रोग प्रतिरोधक* क्षमता :-

गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की *रोग प्रतिरोधक* क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में *एंटीऑक्सीडेंट्स* होते हैं, जो शरीर में से *विषैले पदार्थों* को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। *लिवर और किडनी* की अच्छी देखभाल भी *गिलोय* के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं।

(2) - *ठीक करती है बुखार* :-

अगर किसी को *बार-बार बुखार* आता है तो उसे *गिलोय* का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए *डेंगू के मरीजों* को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा *मलेरिया, स्वाइन फ्लू* में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।


(3) - *मधुमेह के रोगियों* के लिए :-

गिलोय एक *हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट* है यानी यह खून में *शर्करा* की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।

(4) - *पाचन शक्ति बढ़ाती है* :- 

यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और *भोजन के पचने* की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।

(5) - *कम करती है "स्ट्रेस"* :- 

*गलाकाट प्रतिस्पर्धा* के इस दौर में *तनाव या स्ट्रेस* एक बड़ी समस्या बन चुका है। *गिलोय एडप्टोजन* की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल *याददाश्त* बेहतर होती है बल्कि *मस्तिष्क* की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और *एकाग्रता* बढ़ती है।

(6) - *बढ़ाती है आंखों की रोशनी* :-

गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।

(7) - *अस्थमा में भी फायदेमंद* :-

मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में *अस्थमा* के मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।

(8) - *गठिया में मिलेगा आराम* :-

गठिया यानी *आर्थराइटिस* में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में *एंटी आर्थराइटिक* गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।

(9) - *अगर हो गया हो एनीमिया* :-

भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीड़ित रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त *थकान और कमजोरी* महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में *लाल रक्त कणिकाओं* की संख्या बढ़ जाती है और *एनीमिया* से छुटकारा मिलता है।

(10) - *बाहर निकलेगा कान का मैल* :-

कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।

(11) - *कम होगी पेट की चर्बी* :- 

गिलोय शरीर के *उपापचय (मेटाबॉलिजम)* को ठीक करती है, सूजन कम करती है और *पाचन शक्ति बढ़ाती है*। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका *वजन कम* होता है।

(12) - *यौनेच्छा बढ़ाती है गिलोय* :- 

आप बगैर किसी दवा के *यौनेच्छा* बढ़ाना चाहते हैं तो गिलोय का सेवन कर सकते हैं। गिलोय में यौनेच्छा बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं, जिससे *यौन संबंध* बेहतर होते हैं।

(13) - *खूबसूरती बढ़ाती है गिलोय* :- 

गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है….

(14) - *जवां रखती है गिलोय* :- 

गिलोय में *एंटी एजिंग* गुण होते हैं, जिसकी मदद से *चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां* दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप *ऐसी निखरी और दमकती त्वचा* पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की *पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं*। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।

(15) - *बालों की समस्या भी होगी दूर* :-

अगर आप बालों में *ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा* की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो *गिलोय* के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

🌷 *गिलोय का प्रयोग ऐसे करे*🌷:-

अब आपने गिलोय के फायदे जान लिए हैं, तो यह भी जानिए कि गिलोय को इस्तेमाल कैसे करना है…

(1) - *गिलोय जूस* :- 

गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह *खाली पेट पीएं*। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।

(2) - *काढ़ा बनाकर* :-

चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप *पानी में उबाल लें*। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। *अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं*।

(3) - *पाउडर बनाकर ले* :- 

यूं तो *गिलोय पाउडर बाजार* में उपलब्ध है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।

(4) - *गिलोय वटी* :-

बाजार में *गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स* भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।

(5) - *साथ में अलग-अलग बीमारियों में आएगी काम गिलोय* :-

अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से *रूमेटाइड आर्थराइटिस* की समस्या से लड़ा जा सकता है।चीनी के साथ इसे लेने से *त्वचा और लिवर* संबंधी बीमारियां दूर होती हैं। *आर्थराइटिस* से आराम के लिए इसे *घी* के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर *गिलोय में गुड़* मिलाकर खाएं।

*साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान* :- 

*वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं* लेकिन चूंकि *यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए*। 

*गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए*। :-

*पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय का प्रयोग ना करने दें* आप.

एक निवेदन :- अभी वर्षाऋतु का समय एक माह शेष है । अपने घर में, बड़े गमले या आंगन में जंहा भी उचित स्थान हो गिलोय की बेल अवश्य लगायें एवं स्वजनों को भी देवें। यह *बहु उपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय वरदान हैं*।। 🙏 *आपका भाई ,मित्र*🙏 👏 *महेंद्र सिंह सिसोदिया इछावर*👏 🙏 *योग शिक्षक* एवं *जिला अध्यक्ष पतंजलि योग समिति जिला सीहोर (म.प्र.)* मोबाईल नंबर *9826717374 - / - 9200367524*
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